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लोकसभा में निशंक ने दिया विपक्ष को बोलने का मौका, स्पीकर बोले- आज्ञा देना मेरा काम, आपका नहीं

ओम बिडला ने केंद्रीय एचआरडी मंत्री को फटकार लगा दी. उन्होंने सीधे नसीहत दे दी कि आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं. घटना के बाद सदन में ठहाके लगने लगे.

ओम बिडला और निशंक
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Published : Jul 2, 2019, 11:57 AM IST

Updated : Jul 2, 2019, 12:02 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा में 'केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षकों के काडर में आरक्षण) विधेयक-2019' पर चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जब एक सदस्य को अपनी बात रखने का मौका दिया तब अध्यक्ष ओम बिडला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि 'मंत्री जी आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है.' दरअसल, निशंक जब विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रहे थे तब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले उनसे कुछ कहने के लिए खड़ी हुईं तो मंत्री यह कहते हुए बैठ गए कि 'आप कुछ कहना चाहती हैं, कहिए.'

सुप्रिया के बात रखने के बाद बिडला ने कहा कि 'मंत्री जी, आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है.' बिडला के इस कथन के बाद सदन में ठहाके सुने गए.

विधेयक पारित होने के बाद उन्होंने शून्य काल शुरू करने का निर्देश दिया. उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि आगे से शून्यकाल में बोलने के लिए अपने विषय आदि लेकर आसन के पास नहीं आएं, बल्कि महासचिव वाली मेज पर अधिकारियों को दें और इस तरह से उनका संदेश आसन तक पहुंच जाएगा.

इसके बाद भी एक सदस्य आसन के निकट पहुंच गए और इस पर अन्य सदस्यों को हंसते हुए देखा गया. बिडला ने यह भी कहा कि यह परंपरा वर्षों से रही है, इसे जाने में समय लगेगा.

नई दिल्ली: लोकसभा में 'केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षकों के काडर में आरक्षण) विधेयक-2019' पर चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जब एक सदस्य को अपनी बात रखने का मौका दिया तब अध्यक्ष ओम बिडला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि 'मंत्री जी आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है.' दरअसल, निशंक जब विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रहे थे तब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले उनसे कुछ कहने के लिए खड़ी हुईं तो मंत्री यह कहते हुए बैठ गए कि 'आप कुछ कहना चाहती हैं, कहिए.'

सुप्रिया के बात रखने के बाद बिडला ने कहा कि 'मंत्री जी, आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है.' बिडला के इस कथन के बाद सदन में ठहाके सुने गए.

विधेयक पारित होने के बाद उन्होंने शून्य काल शुरू करने का निर्देश दिया. उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि आगे से शून्यकाल में बोलने के लिए अपने विषय आदि लेकर आसन के पास नहीं आएं, बल्कि महासचिव वाली मेज पर अधिकारियों को दें और इस तरह से उनका संदेश आसन तक पहुंच जाएगा.

इसके बाद भी एक सदस्य आसन के निकट पहुंच गए और इस पर अन्य सदस्यों को हंसते हुए देखा गया. बिडला ने यह भी कहा कि यह परंपरा वर्षों से रही है, इसे जाने में समय लगेगा.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 19:52 HRS IST




             
  • स्पीकर ने मंत्री से कहा: आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं



नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) लोकसभा में ‘केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षकों के काडर में आरक्षण) विधेयक-2019’ पर चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जब एक सदस्य को अपनी बात रखने का मौका दिया तब अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ‘मंत्री जी आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है।’ दरअसल, निशंक जब विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रहे थे तब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले उनसे कुछ कहने के लिए खड़ी हुईं तो मंत्री यह कहते हुए बैठ गए कि ‘आप कुछ कहना चाहती हैं, कहिए।’ सुप्रिया के बात रखने के बाद बिरला ने कहा कि ‘मंत्री जी, आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है।’ बिरला के इस कथन के बाद सदन में ठहाके सुने गए।



विधेयक पारित होने के बाद उन्होंने शून्य काल शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि आगे से शून्यकाल में बोलने के लिए अपने विषय आदि लेकर आसन के पास नहीं आए, बल्कि महासचिव वाली मेज पर अधिकारियों को दें और इस तरह से उनका संदेश आसन तक पहुंच जाएगा।



इसके बाद भी एक सदस्य आसन के निकट पहुंच गए और इस पर अन्य सदस्यों को हंसते हुए देखा गया।



बिरला ने यह भी कहा कि यह परंपरा वर्षों से रही है, इसे जाने में समय लगेगा।


Conclusion:
Last Updated : Jul 2, 2019, 12:02 PM IST
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