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राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में जंगली जानवरों का आतंक, डर के साए में जीने को मजबूर ग्रामीण

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Published : Mar 3, 2019, 5:56 AM IST

Updated : Mar 4, 2019, 1:09 PM IST

वन विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों जंगली जानवरों के डर के साये में जीने के मजबूर है.

जंगली जानवरों का आतंक

ऋषिकेश: राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में जंगली जानवर ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बनते जा रहे है. यहां गुलदार और हाथी की आहट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. हरिपुर कला पाल बस्ती और गंगा सूरजपुर कॉलोनी के ग्रामीणों से वन विभाग ने गांव के चारों और ऊर्जा तार बाढ़ और लाइट लगाने का वादा किया था, लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी यहां कोई कार्य नहीं कराया गया है.

पढ़ें-आपदा के 6 साल बाद भी नहीं हुआ पुलिया का निर्माण, जान जोखिम में डालकर कॉलेज जा रहे स्टूडेंट्स

ग्रामीणों के डर का अदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शाम होते ही गांव के लोग घरों में दुबक जाते है. क्योंकि शाम को हाथी और गुलदार जैसे जानवर उनके घरों के आसपास आ जाते थे. ग्रामीणों की माने तो कभी-कभी दिन में भी हाथी गांव में घुस जाते है, जिससे उनकी जान को खतरा बना रहता है. सबसे ज्यादा चिंता बच्चों को लेकर होती है, क्योंकि घर के बाहर खेल रहे बच्चों को गुलदार कभी भी अपना निवाला बना सकता है.

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पढ़ें-वतन वापसी के बाद अभिनंदन को गुजरना पड़ेगा वायुसेना की कड़ी परीक्षा से, होगी डी ब्रीफिंग एक्सरसाइज

अपनी इन्हीं परेशानियों को लेकर करीब 8 महीने पहले हरिपुर कलां की पाल बस्ती और गंगा सूरजपुर कॉलोनी के लोग राजाजी नेशनल पार्क के निर्देशक सनातन सोनकर से मिले थे. उन्होंने ग्रामीणों को बस्ती के किनारे ऊर्जा तार बाड़ और लाइटें लगवाने का आश्वासन दिया था. लेकिन 8 माह बीते जाने के बाद भी ना तो बस्ती के बाहर ऊर्जा बाड़ लगाई गई और न ही लाइटों का इंतजाम किया गया. वन विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों जंगली जानवरों के डर के साये में जीने के मजबूर है.

ऋषिकेश: राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे गांवों में जंगली जानवर ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बनते जा रहे है. यहां गुलदार और हाथी की आहट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. हरिपुर कला पाल बस्ती और गंगा सूरजपुर कॉलोनी के ग्रामीणों से वन विभाग ने गांव के चारों और ऊर्जा तार बाढ़ और लाइट लगाने का वादा किया था, लेकिन 8 महीने बीत जाने के बाद भी यहां कोई कार्य नहीं कराया गया है.

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ग्रामीणों के डर का अदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि शाम होते ही गांव के लोग घरों में दुबक जाते है. क्योंकि शाम को हाथी और गुलदार जैसे जानवर उनके घरों के आसपास आ जाते थे. ग्रामीणों की माने तो कभी-कभी दिन में भी हाथी गांव में घुस जाते है, जिससे उनकी जान को खतरा बना रहता है. सबसे ज्यादा चिंता बच्चों को लेकर होती है, क्योंकि घर के बाहर खेल रहे बच्चों को गुलदार कभी भी अपना निवाला बना सकता है.

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अपनी इन्हीं परेशानियों को लेकर करीब 8 महीने पहले हरिपुर कलां की पाल बस्ती और गंगा सूरजपुर कॉलोनी के लोग राजाजी नेशनल पार्क के निर्देशक सनातन सोनकर से मिले थे. उन्होंने ग्रामीणों को बस्ती के किनारे ऊर्जा तार बाड़ और लाइटें लगवाने का आश्वासन दिया था. लेकिन 8 माह बीते जाने के बाद भी ना तो बस्ती के बाहर ऊर्जा बाड़ लगाई गई और न ही लाइटों का इंतजाम किया गया. वन विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों जंगली जानवरों के डर के साये में जीने के मजबूर है.

Intro:एंकर-- राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे हरिपुर कला पाल बस्ती और गंगा सूरजपुर कॉलोनी में रहने वाले ग्रामीणों की वन्यजीवों से सुरक्षा को लेकर पाक अधिकारियों ने ऊर्जा तार बाढ़ और लाइट लगाने का वादा किया था लेकिन 8 माह बीत जाने के बाद भी अब तक ना तो ऊर्जा तार बाड़ लग पाई है ना ही लाइट है अब ग्रामीणों को जंगली जानवरों का भय सता रहा है।


Body:वी/ओ-- हरिपुर कलां स्थित पाल बस्ती और गंगा सूरजपुर कॉलोनी के ग्रामीणों को वन्य जीव सुरक्षा के लिए पार्क निदेशक सनातन सोनकर ने बस्ती के किनारे ऊर्जा तार बाड़ और लाइटें लगवाने का आश्वासन दिया था लेकिन आश्वासन को 8 माह बीत जाने के बाद भी यहां अब तक ना तो ऊर्जा तार बाड़ लग पाई है और ना ही लाइटें ग्रामीणों का कहना है कि हाथी और गुलदार शाम ढलते ही उनके घरों के पास आ जाते हैं जिससे उनकी जान को खतरा बना हुआ है।

बाईट--नोरतुपाल(ग्रामीण)
बाईट--मांगेराम(ग्रामीण)


Conclusion:वी/ओ-- राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की मोतीचूर रेंज से सटे ग्रामीणों में आए दिन जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है हाथी और गुलदार गांव के भीतर घुस जाते हैं जब ग्रामीण अपनी सुरक्षा की गुहार पार्क अधिकारियों से लगाते हैं तो उनको आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिलता ।

विजुअल ftp पर भेजे है फोल्डर का नाम
JANGALI JANWARON KA KHATRA
Last Updated : Mar 4, 2019, 1:09 PM IST
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