ETV Bharat / briefs

देहरादून: स्वच्छ सर्वेक्षण में हुई किरकिरी पर अब मेयर साहब दे रहे सफाई, कहा- दायर बढ़ने की वजह से रह गए पीछे

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट में देहरादून चौथे स्थान से खिसक कर पांचवे नंबर पर पहुंच गया.

author img

By

Published : Mar 7, 2019, 11:13 PM IST

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट

देहरादून: पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को उत्तराखंड में कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है इसकी कलई शहरी विकास मंत्रालय के हाल में ही हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में खुल गई है. जिसमें उत्तराखंड का एक भी निगम इस साल शीर्ष 250 शहरों में जगह तक नहीं बना पाया है. बात अगर देहरादून की करें तो ये पिछली बार से एक और पायदान नीचे खिसक गया है. जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि दून नगर निगम स्वच्छता को लेकर कितना गंभीर है.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट

बता दें कि बुधवार को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट सामने आई. जिसमें प्रदेश स्तर पर देहरादून चौथे स्थान से खिसक कर पांचवे नंबर पर पहुंच गया. राजधानी में स्वच्छता अभियान को लेकर नगर निगम बड़े-बड़े दावे करता था. जिसकी पोल स्वच्छता सर्वेक्षण ने खोल कर रखी दी है. नगर निगम साफ सफाई को लेकर कितना जागरूक है इसका अंदाजा इस रिपोर्ट के रिजल्ट से लगाया जा सकता है.

वहीं रिपोर्ट के सामने आने के बाद मेयर सुनील उनियाल गामा ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में एक बहुत बड़ी त्रुटि हुई है. उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्रफल पहले 65 किमी था लेकिन अब ये बढ़कर 196 किमी. हो गया. उन्होंने कहा कि निगम के पास मैन पावर के साथ संसाधन कम होने के कारण शायद कुछ जगहों पर स्वच्छता न पाई गई हो लेकिन सफाईकर्मी अपने काम में जोर शोर से लगे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास तीन प्लांट हैं. जिनमें से शीशम बाड़ा प्लांट के नंबर नहीं जोड़े गये हैं. जिससे दून एक पायदान नीचे खिसक गया है. उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार को पत्र लिखकर दोबारा निरीक्षण कराने का अनुरोध करेंगें.

undefined

देहरादून: पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को उत्तराखंड में कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है इसकी कलई शहरी विकास मंत्रालय के हाल में ही हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में खुल गई है. जिसमें उत्तराखंड का एक भी निगम इस साल शीर्ष 250 शहरों में जगह तक नहीं बना पाया है. बात अगर देहरादून की करें तो ये पिछली बार से एक और पायदान नीचे खिसक गया है. जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि दून नगर निगम स्वच्छता को लेकर कितना गंभीर है.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट

बता दें कि बुधवार को स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट सामने आई. जिसमें प्रदेश स्तर पर देहरादून चौथे स्थान से खिसक कर पांचवे नंबर पर पहुंच गया. राजधानी में स्वच्छता अभियान को लेकर नगर निगम बड़े-बड़े दावे करता था. जिसकी पोल स्वच्छता सर्वेक्षण ने खोल कर रखी दी है. नगर निगम साफ सफाई को लेकर कितना जागरूक है इसका अंदाजा इस रिपोर्ट के रिजल्ट से लगाया जा सकता है.

वहीं रिपोर्ट के सामने आने के बाद मेयर सुनील उनियाल गामा ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में एक बहुत बड़ी त्रुटि हुई है. उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्रफल पहले 65 किमी था लेकिन अब ये बढ़कर 196 किमी. हो गया. उन्होंने कहा कि निगम के पास मैन पावर के साथ संसाधन कम होने के कारण शायद कुछ जगहों पर स्वच्छता न पाई गई हो लेकिन सफाईकर्मी अपने काम में जोर शोर से लगे हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास तीन प्लांट हैं. जिनमें से शीशम बाड़ा प्लांट के नंबर नहीं जोड़े गये हैं. जिससे दून एक पायदान नीचे खिसक गया है. उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार को पत्र लिखकर दोबारा निरीक्षण कराने का अनुरोध करेंगें.

undefined
Intro:पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को उत्तराखंड में कितनी गंभीरता से लिया जा रहा है ओर अभियान पर कितने जागरूक है इसकी पोल शहरी विकास मंत्रालय के स्वच्छ सर्वेक्षण में खुल गई।उत्तराखंड का एक भी निगम इस साल शीर्ष 250 शहरों में जगह नही बना पाया है।और वही देहरादून भी पिछली बार से एक पायदान आगे खिसक गया हैं।इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि देहरादून नगर निगम ने स्वच्छता को लेकर कितना काम किया।जो स्वच्छ सर्वेक्षण में इस साल 384 रैंक लेकर ही तसल्ली करनी पड़ रही है।


Body:आपको बता दे बुधवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट सामने आने पर उत्तराखंड का रिजल्ट खराब रहा।वही देहरादून पाचवे स्थान पर 384 रैंक तक ही पहुंच पाया।स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में देहरादून ने चौथा स्थान पाया था लेकिन इस बार तो एक पायदान आगे खिसक गया है।राजधानी में स्वच्छता अभियान को लेकर पूरे साल बड़े बड़े दावे की जाते है।नगर निगम जगह जगह स्वच्छता अभियान चलाता है।लेकिन ये अभियान कितने खोखले है इसका पता तो स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की रिपोर्ट आने से हुआ है।निगम ने पिछली गलतियों को सुधारने की बात की गई लेकिन नगर निगम ने अपनी गलती सुधार न करके स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में एक पायदान आगे खिसक गया है।स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 ने देहरादून की साफ सफाई की पोल खोल कर रख दी।कि नगर निगम साफ सफाई को लेकर कितना जागरूक है।साथ ही नगर निगम विभाग के कर्मचारियों मे शहर की सफाई को लेकर सभी अभियान खोखले नज़र आ गए है।


Conclusion:वही देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा से सफाई देते हुए कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में एक बहुत बड़ी त्रुटि हुई है।क्योंकि नगर निगम क्षेत्रफल पहले 65 किमी था लेकिन अब बढ़ कर 196 किमी होगा गया और मैनपॉवर नही होने के बावजूद भी हमारे कर्मचारी लगातार साफ सफाई में लगे हुए है।और देश में तीन प्लांट में से शीशम बाड़ा भी शामिल है और शीशम बाड़ा के नंबर नही जोड़े गए है।इसलिए कही न कही कोई कमी है।भारत सरकार को दोबारा पत्र लिखकर अनुरोध करेंगे कि इसका पूर्ण निरीक्षण किया जाये ताकि देहरादून की रैकिंग कुछ सहीं हो सके।
ओर वही मेयर ने अपने विभाग के कर्मचारियों की कमियां भी बता दी है लेकिन जो सर्वे हुआ है गलत हुआ है।जो नगर निगम द्वारा आम जनता से फीडबैक लिया गया गलत है ओर या फिर जिसने परीक्षण किया उनका सर्व गलत है।


बाइट-सुनील उनियाल गामा(मेयर)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.