चमोली: उत्तराखंड में शीतकाल के दौरान चारधाम यात्रा की समाप्ति के बाद अब बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को भी धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गई है. केदारनाथ की तर्ज पर बदरीनाथ धाम परिसर के आसपास 70 मीटर हिस्से से निर्माण हटाने की योजना है. धाम में मंदिर परिसर और आस्था पथ को मुख्य रुप से आकर्षक बनाया जाएगा.
केदारनाथ के बाद अब बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. 19 अक्तूबर को चारधाम यात्रा संपन्न होने के बाद से ही शासन-प्रशासन बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को अंतिम रुप देने में लगा हुआ है. बदरीनाथ धाम में कई चरणों में कार्य संचालित होंगे. प्रथम चरण में आस्था पथ का निर्माण प्रस्तावित किया गया है.
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बदरीनाथ धाम में करीब 400 होटल व धर्मशालाएं हैं. मास्टर प्लान के तहत कई निजी निर्माण कार्यों को भी हटाया जाना है. चमोली जिला प्रशासन इन दिनों मास्टर प्लान के दायरे में आ रहे निर्माण कार्यों के चिन्हीकरण में लगा हुआ है. आस्था पथ के निर्माण में माणा रोड को नुकसान हो सकता है. प्रशासन रोड के विकल्प को भी तलाश रहा है. बदरीनाथ धाम के दर्शनों को जाने वाले और आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अलग-अलग आस्था पथ का निर्माण किया जाएगा.
बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के हिसाब से होने वाले कार्यों के लिए पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन मंथन में जुटा है. 27 नवंबर को पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिला प्रशासन से बदरीनाथ में सड़क, सरकारी भवन व निर्माण कार्यों पर चर्चा की. जबकि 4 दिसंबर को मुख्य सचिव प्लान पर वीडियो कांफ्रेस के जरिए पर्यटन व प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेंगे. उम्मीद है कि बदरीनाथ धाम में अगले साल से मास्टर प्लान पर कार्य शुरू हो सकता है. मार्च माह में बर्फ पिघलने के बाद अप्रैल माह से संभवतः बदरीनाथ में कार्य शुरू हो जाएंगे.