देहरादून: प्रदेश की महिलाओं को स्वरोजगार के लिए केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी ने एक मुहिम शुरू की है. जिसके लिए स्थानीय व्यंजनों और अनाजों को एक रोजगार के रूप में विकसित करने का काम किया जा रहा है. स्थानीय अनाजों से बने प्रसाद लोगों को काफी पसंद आ रहे हैं. जिसके चलते सोमवार को केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी सचिव रेनू स्वरूप ने स्थानीय प्रसाद को राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया. संस्था का उद्देश्य प्रसाद के कारोबार को राष्ट्रीय स्तर तक ले जा कर राज्य की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है.
बता दें कि पूर्व में राज्य सरकार ने प्रदेश के स्थानीय अनाजों से बने प्रसाद के ट्रेंड को शुरू किया था. जिसके तहत उत्तराखंड के चारधाम में स्थानीय उत्पादों से बने प्रसाद बेचने की शुरुआत की गयी है. जिससे प्रदेश की हजारों महिलाओं को स्वरोजगार मिल रहा है, साथ ही अच्छी आमदनी भी हो रही है. मौजूदा समय में भी चारधाम में स्थानीय प्रसाद से लाखों रुपये का व्यापार हो रहा है. देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्थानीय अनाजों से बने प्रसाद खूब पसंद आ रहे हैं. जिसके चलते स्थानीय उत्पादों से बने प्रसाद को राष्ट्रीय स्तर पर भेजने की तैयारी की जा रही है.
हालांकि प्रदेश की महिलाएं स्थानीय उत्पाद से प्रसाद के साथ-साथ जूट और कैनवस से इको फ्रेंडली बैग भी बना रही हैं. सरकार स्वरोजगार के लिए महिलाओं को रॉ मेटेरियल और डिजाइन मुहैया करा रही है. जिससे महिलाओं को अच्छा मुनाफा हो रहा है.
वहीं केंद्रीय सचिव रेनू स्वरूप ने बताया कि स्वरोजगार कि लिए प्रसाद को पहले स्थानीय स्तर पर चार धाम में शुरू किया था. कुछ समय बाद प्रसाद को शिवखोड़ी, वैष्णो देवी और अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में भेजा गया जहां प्रसाद की अच्छी खपत होती है. साथ हरी लोगों को प्रसाद बहुत पसंद आती है. जिसके चलते प्रसाद को राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जा रहा है.