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मोदी सरकार के खिलाफ दलित-आदिवासी संगठनों ने किया भारत बंद, उधम सिंह नगर में नहीं दिखा असर

7 सूत्रीय मांगों को लेकर संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने मंगलवार को जिला मुख्यालय रुद्रपुर में जमकर प्रदर्शन किया.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन.
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Published : Mar 5, 2019, 6:23 PM IST

रुद्रपुर: लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर देश के दलित और आदिवासी संगठन मोदी सरकार के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक चुके हैं. आज देशभर में दलित और आदिवासी संगठनों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया. हालांकि उधम सिंह नगर में भारत बंद का असर देखने को नहीं मिला, लेकिन यहां दलित संगठनों ने जिला अधिकारी दफ्तर में प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता तो देश में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन.

पढ़ें-सड़क से नहीं जुड़ पाए अस्सी गंगा घाटी के कई गांव, पैदल सफर तय करने को मजबूर ग्रामीण

7 सूत्रीय मांगों को लेकर संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने मंगलवार को जिला मुख्यालय रुद्रपुर में जमकर प्रदर्शन किया. जिला संयोजक संविधान बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य अयोध्या प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दलित और आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है. दलित और आदिवासी संगठन ने मिल कर भारत बंद का आह्वान किया है. इसी के चलते वो डीएम दफ्तर में प्रदर्शन कर रहे हैं.

पढ़ें-खुद संसाधनों की कमी से जूझ रही ट्रैफिक पुलिस, जाम के झाम से कैसे दिलाएगी निजात

प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग को10% आरक्षण देकर भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया है. संविधान के अनुच्छेद 164 में जिस वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, उसको पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के बारे में प्रावधान किया है, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा जिनको शिक्षा नौकरी और राजनीति में अतिरिक्त प्रतिनिधित्व है.

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प्रसाद के बताया कि इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के केस में एससी/एसटी और ओबीसी को 49.5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 50% की सीमा लगाई है तो ऐसे में केंद्र सरकार 10% आरक्षण कहां से देगी, ये स्पष्ट नहीं हो रहा है. प्रसाद ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो उग्र आंदोलन करेंगे.

काशीपुर में भी किया गया प्रदर्शन

काशीपुर में भी संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया. काशीपुर शाखा के अध्यक्ष लल्लू सिंह के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता काशीपुर उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उप जिलाधिकारी से माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया.

रुद्रपुर: लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर देश के दलित और आदिवासी संगठन मोदी सरकार के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक चुके हैं. आज देशभर में दलित और आदिवासी संगठनों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया. हालांकि उधम सिंह नगर में भारत बंद का असर देखने को नहीं मिला, लेकिन यहां दलित संगठनों ने जिला अधिकारी दफ्तर में प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जाता तो देश में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

सरकार के खिलाफ प्रदर्शन.

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7 सूत्रीय मांगों को लेकर संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने मंगलवार को जिला मुख्यालय रुद्रपुर में जमकर प्रदर्शन किया. जिला संयोजक संविधान बचाओ संघर्ष समिति के सदस्य अयोध्या प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार द्वारा दलित और आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है. दलित और आदिवासी संगठन ने मिल कर भारत बंद का आह्वान किया है. इसी के चलते वो डीएम दफ्तर में प्रदर्शन कर रहे हैं.

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प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग को10% आरक्षण देकर भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया है. संविधान के अनुच्छेद 164 में जिस वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, उसको पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के बारे में प्रावधान किया है, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा जिनको शिक्षा नौकरी और राजनीति में अतिरिक्त प्रतिनिधित्व है.

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प्रसाद के बताया कि इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार के केस में एससी/एसटी और ओबीसी को 49.5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 50% की सीमा लगाई है तो ऐसे में केंद्र सरकार 10% आरक्षण कहां से देगी, ये स्पष्ट नहीं हो रहा है. प्रसाद ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो उग्र आंदोलन करेंगे.

काशीपुर में भी किया गया प्रदर्शन

काशीपुर में भी संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया. काशीपुर शाखा के अध्यक्ष लल्लू सिंह के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ता काशीपुर उप जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे, जहां उप जिलाधिकारी से माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया.

Intro:एंकर - लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर देश के दलितों और आदिवासी संगठन मोदी सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक चुके हैं आज देशभर में दलित और आदिवासी संगठन जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं हालांकि उधम सिंह नगर में भारत बंद का असर नहीं दिखाई दिया लेकिन दलित संगठन द्वारा जिला अधिकारी दफ्तर में प्रदर्शन करते हुए महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा, इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगों में विचार नही किया जाता तो देश मे उग्र आंदोलन किया जाएगा।


Body:वीओ - 7 सूत्री मांगों को लेकर संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने आज जिला मुख्यालय रूद्रपुर में जमकर प्रदर्शन किया इस दौरान दलित संगठन के पदाधिकारियों का कहना था कि भारत सरकार द्वारा दलित और आदिवासियो का शोषण किया जा रहा है आज दलित और आदिवासी संगठन ने मिल कर भारत बंद का आवाहन किया है इसी के चलते वो डीएम दफ्तर में प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण देकर भारतीय संविधान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन किया है संविधान के अनुच्छेद 16 4 मैं जिस वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है उसको पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के बारे में प्रावधान किया है मगर वर्तमान केंद्र सरकार द्वारा जिनको शिक्षा नौकरी और राजनीति में अतिरिक्त प्रतिनिधित्व है उनको कहा से आरक्षण दिया जा रहा है उन्होंने बताया कि इंदिरा साहनी बनाम भारत सरकार की केस मैं एससी एचडी ओबीसी को 49.5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए 50% की सेलिंग लगाई है अब 50% सेलिंग है तो वर्तमान केंद्र सरकार 10% आरक्षण कहां से देगी और कैसे देगी यह स्पष्ट नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा में ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाए इसके साथ ही डीएम को सौपे ज्ञापन में 7 बिंदुओं की मांग की गई है उन्होंने कहा अगर उनकी मांगों को पूरा नही किया जाता तो आंदोलन को ओर भी अधिक उग्र किया जाएगा।

बाइट - अयोध्या प्रसाद, जिला संयोजक सविधान बचओ संघर्ष समिति।


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