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पौड़ी सांसद खंडूड़ी का REPORT CARD, पूरी खर्च नहीं कर पाए सांसद निधि

गढ़वाल सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि पूरी तरह से खर्च नहीं कर पाए हैं. उत्तराखंड सांसदों में सबसे कम बजट खर्च करने वालों में भगत सिंह कोश्यारी और फिर बीसी खंडूरी दूसरे स्थान पर हैं. हर साल 5 करोड़ रुपए का बजट सांसद को स्वीकृत होता है. इन पांच सालों में 25 करोड़ में से पौड़ी सांसद ने मात्र 7 करोड़ ही खर्च किये हैं.

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Published : Mar 18, 2019, 10:02 AM IST

Updated : Mar 18, 2019, 12:55 PM IST

पौड़ी: लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है. 11 अप्रैल को उत्तराखंड में मतदान होने हैं. इसी के साथ प्रत्याशियों के नामों पर सरगर्मियां तेज हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और पौड़ी सांसद भुवन चंद खंडूड़ी के इस बार चुनाव लड़ने पर संशय बना हुआ है. हालांकि इन पांच सालों में पौड़ी सांसद भुवन चंद खंडूड़ी का कार्यकाल कैसा रहा, इस पर एक नजर डालते हैं.

दो बार रहे उत्तराखंड के सीएम
गौर हो कि पौड़ी की जनता सांसद भुवन चंद खंडूड़ी के कार्यकाल से नाखुश ही दिख रही है. साल 1954 से लेकर 1990 तक भुवन चंद खंडूड़ी सेना में रहे. साल 1991 में पहली बार गढ़वाल संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और चुनाव में विजय प्राप्त कर सांसद बने. यह सिलसिला आगे भी जारी रहा और साल 1991, 1998, 1999, 2004, 2014 में गढ़वाल संसदीय सीट से विजय प्राप्त हासिल की. हालांकि साल 1996 में सतपाल महाराज से हार का सामना करना पड़ा था. 2007 से 2009 तक और 2011 से 2012 तक उत्तराखंड के दो बार मुख्यमंत्री भी रहे.

सांसद निधि नहीं कर पाए पूरी खर्च
गढ़वाल सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि पूरी तरह से खर्च नहीं कर पाए हैं. उत्तराखंड सांसदों में सबसे कम बजट खर्च करने वालों में भगत सिंह कोश्यारी और फिर बीसी खंडूरी दूसरे स्थान पर हैं. बता दें कि हर साल 5 करोड़ रुपए का बजट सांसद को स्वीकृत होता है. जानकारी के अनुसार इन पांच सालों में 25 करोड़ में से पौड़ी सांसद ने मात्र 7 करोड़ ही खर्च किये हैं.
सांसद निधि खर्च करने का विवरण
⦁ 2014-15 - 4 करोड़ 54 लाख
⦁ 2015-16 -2 करोड़ 92 लाख
⦁ 2016-17- कोई खर्चा नहीं
⦁ 2018-19-कोई खर्चा नहीं

कार्यकाल से जनता नाखुश
गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में कितना विकास हुआ इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2557 विकास कार्यों में से महज 357 कार्य ही गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में पूरी हो पाए हैं. जबकि 2146 कार्य आरंभ भी नहीं हो पाए.

पौड़ी की जनता भुवन चंद्र खंडूड़ी के इस कार्यकाल से नाखुश दिख रही है. जनता का कहना है कि लगभग ढाई सालों से सांसद के दर्शन नहीं हुए हैं. वहीं भुवन चंद्र खंडूड़ी पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह आने वाले चुनाव में दावेदारी नहीं करेंगे.

पौड़ी: लोकसभा चुनाव की तारीख का ऐलान हो गया है. 11 अप्रैल को उत्तराखंड में मतदान होने हैं. इसी के साथ प्रत्याशियों के नामों पर सरगर्मियां तेज हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और पौड़ी सांसद भुवन चंद खंडूड़ी के इस बार चुनाव लड़ने पर संशय बना हुआ है. हालांकि इन पांच सालों में पौड़ी सांसद भुवन चंद खंडूड़ी का कार्यकाल कैसा रहा, इस पर एक नजर डालते हैं.

दो बार रहे उत्तराखंड के सीएम
गौर हो कि पौड़ी की जनता सांसद भुवन चंद खंडूड़ी के कार्यकाल से नाखुश ही दिख रही है. साल 1954 से लेकर 1990 तक भुवन चंद खंडूड़ी सेना में रहे. साल 1991 में पहली बार गढ़वाल संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और चुनाव में विजय प्राप्त कर सांसद बने. यह सिलसिला आगे भी जारी रहा और साल 1991, 1998, 1999, 2004, 2014 में गढ़वाल संसदीय सीट से विजय प्राप्त हासिल की. हालांकि साल 1996 में सतपाल महाराज से हार का सामना करना पड़ा था. 2007 से 2009 तक और 2011 से 2012 तक उत्तराखंड के दो बार मुख्यमंत्री भी रहे.

सांसद निधि नहीं कर पाए पूरी खर्च
गढ़वाल सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि पूरी तरह से खर्च नहीं कर पाए हैं. उत्तराखंड सांसदों में सबसे कम बजट खर्च करने वालों में भगत सिंह कोश्यारी और फिर बीसी खंडूरी दूसरे स्थान पर हैं. बता दें कि हर साल 5 करोड़ रुपए का बजट सांसद को स्वीकृत होता है. जानकारी के अनुसार इन पांच सालों में 25 करोड़ में से पौड़ी सांसद ने मात्र 7 करोड़ ही खर्च किये हैं.
सांसद निधि खर्च करने का विवरण
⦁ 2014-15 - 4 करोड़ 54 लाख
⦁ 2015-16 -2 करोड़ 92 लाख
⦁ 2016-17- कोई खर्चा नहीं
⦁ 2018-19-कोई खर्चा नहीं

कार्यकाल से जनता नाखुश
गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में कितना विकास हुआ इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2557 विकास कार्यों में से महज 357 कार्य ही गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में पूरी हो पाए हैं. जबकि 2146 कार्य आरंभ भी नहीं हो पाए.

पौड़ी की जनता भुवन चंद्र खंडूड़ी के इस कार्यकाल से नाखुश दिख रही है. जनता का कहना है कि लगभग ढाई सालों से सांसद के दर्शन नहीं हुए हैं. वहीं भुवन चंद्र खंडूड़ी पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह आने वाले चुनाव में दावेदारी नहीं करेंगे.

Intro:नाम-भुवन चंद्र खंडूरी
जन्म- 1 अक्टूबर 1934 देहरादून
परिवार- ऋतु खंडूरी (पुत्री) मनीष खंडूरी( पुत्र) अरुणा खंडूरी(पत्नी)
साल 1954 से लेकर 1990 तक भुवन चंद खंडूरी ने सेना में रहे साल 1991 में पहली बार गढ़वाल संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा चुनाव में विजय प्राप्त कर सांसद के रूप में चुने गए यह सिलसिला आगे भी जारी रहा और साल 1991 1998,1999,2004,2014 में गढ़वाल संसदीय सीट से विजय प्राप्त की। हालांकि साल 1996 में सतपाल महाराज से हार का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2014 में भुवन चंद्र खंडूड़ी को 405 690 वोट प्राप्त हुए वहीं 18452 6 मतों से कांग्रेस के खिलाफ विजय प्राप्त की।
साल 1998 से लगातार 4 बार सांसद के रूप में विजयी बने। 2007 से 2009 तक और 2011 से 2012 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे।


Body: निवर्तमान गढ़वाल सांसद भुवन चंद्र खंडूरी अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि पूरी तरह से खर्च नही कर पाए जिससे जनता काफी नाखुश नजर आ रही हैं। उत्तराखंड के सांसदों में सबसे कम बजट खर्च करने वालो में भगत सिंह कोशियारी और फिर बीसी खंडूरी दूसरे स्थान पर सबसे कम बजट करने वाले सांसद है। प्रत्येक वर्ष 5 करोड रुपए का बजट सांसद को स्वीकृत होता है लेकिन इन 5 सालों में 25 करोड़ के सापेक्ष मात्र 7 करोड़ ही खर्च हो पाए।
2014-15 - 4 करोड़ 54 लाख
2015-16 -2 करोड़ 92 लाख
2016-17- कोई खर्चा नहीं
2018-19-कोई खर्चा नहीं
गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में विकास कार्य कितनी प्रगति पर रहे इसका अंदाजा इन्हीं आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि 2557 विकास कार्यों में से महज 357 कार्य ही गढ़वाल संसदीय क्षेत्र में पूरी हो पाए हैं जबकि 2146 कार्य आरंभ भी नहीं हो पाए वहीं 74 कार्य अभी प्रगति पर है। इस संसदीय छेत्र में पौड़ी रुद्रप्रयाग चमोली समेत नैनीताल और टिहरी गढ़वाल की भी कुछ क्षेत्र सम्मिलित है। पौड़ी की जनता भुवन चंद्र खंडूरी के इस कार्यकाल से नाखुश दिख रही है जनता का कहना है कि लगभग ढाई सालों से सांसद के दर्शन नहीं हुए हैं वहीं उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह आने वाले चुनाव में दावेदारी नहीं करेंगे शायद इसीलिए उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में भ्रमण तक करना सही नहीं समझा जनता ने यह कहा कि यदि वह 2019 का चुनाव लड़ने का मन बनाते हैं तो जनता उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं करेगी।





Conclusion:पौड़ी गृह क्षेत्र होने के साथ-साथ सेना में लंबे समय तक काम करने का फायदा खंडूड़ी को उनके चुनावों में जीत के रूप में मिलता रहा खंडूरी को सभी सेना पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों के साथ साथ पहाड़ का प्रेम भी मिलता रहा जिसके चलते उन्हें सांसद बनने का मौका मिलता रहा।

साल 2014 में प्रत्याशियों की लिस्ट
भुवन चंद्र खंडूरी (भारतीय जनता पार्टी)
धीर सिंह बिष्ट (बहुजन समाज पार्टी)
नरेंद्र सिंह नेगी(कम्युनिस्ट पार्टी)
हरक सिंह रावत( कांग्रेस पार्टी )
इंद्रेश मैखुरी
राकेश सिंह (आम आदमी पार्टी )
अनूप नेगी (निर्दलीय )
अब्दुल कलाम (निर्दलीय)
गोपाल सिंह गुसाईं(उत्तराखंड क्रांति दल)
रेनू अग्रवाल( निर्दलीय)
वर्ष 2014 में भुवन चंद्र खंडूरी को 405 690 वोट प्राप्त हुए वहीं 18452 6 मतों से कांग्रेस के खिलाफ विजय प्राप्त की।
साल 1998 से लगातार 4 बार सांसद के रूप में विजयी बने।
Last Updated : Mar 18, 2019, 12:55 PM IST
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