देहरादून: मंगलवार को केंद्रीय रिजर्व पुल बल (CRPF) ने पूरे देश में शौर्य दिवस धूमधाम से मनाया. राजधानी देहरादून स्थित सीआरपीएफ कार्यालय में भी शौर्य दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें शहीदों हुए जवानों को सलामी देते हुए श्रद्धांजलि दी गई और उनकी शहादत को याद किया गया.
बता दें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों के अदम्य साहस को की याद में हर साल 9 अप्रैल के दिन CRPF द्वारा शौर्य दिवस मनाया जाता है. राजधानी देहरादून में भी इस मौके पर सीआरपीएफ जवानों ने परेड कर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और देश की सुरक्षा का संकल्प भी लिया.
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पाकिस्तानी सेना को दिया था मुंहतोड़ जवाब
1965 में 8-9 अप्रैल की मध्यरात्रि में लगभग सुबह साढ़े तीन बजे पाकिस्तान की इन्फेंट्री ब्रिगेड ने सरदार एवं टांक की भारतीय सीमा पर आक्रमण कर दिया था. इस दौरान सीआरपीएफ के जवानों की छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तानी ब्रिगेड का डटकर मुकाबला करते हुए अपनी वीरता और पराक्रम का परिचय दिया. इस हमले में सीआरपीएफ के जवानों ने 34 पाकिस्तानी फौजियों को मार गिराया और चार सीआरपीएफ जवानों को जीवित पकड़ लिया.
सीआरपीएफ के डीआईजी दिनेश उनियाल ने कहा कि साल 1965 में जिस तरह से CRPF द्वितीय बटालियन की चार कंपनियों ने रण ऑफ कच्छ के सरदार पोस्ट और डाक पोस्ट पर पाकिस्तानी आर्मी के सामने अपने शौर्य का प्रदर्शन किया था. उसी की याद में पूरे देश में सीआरपीएफ द्वारा शौर्य दिवस मनाया जाता है.
डीआईजी ने कहा कि बीती 14 फरवरी के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों के परिवारों के प्रति जिस तरह पूरे देश ने संवेदनाएं दिखाई थी. राष्ट्र का वो साथ आज भी सीआरपीएफ को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के परिवार के लिए सीआरपीएफ ने आज एक ऐप लॉन्च की है. जिसके माध्यम से शहीद जवानों के परिवारों की अधिकारों और हितों की रक्षा की जाएगी.