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जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सूबेदार यमुना प्रसाद शहीद, घर में पसरा मातम

martyr jawan
जवान शहीद
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Published : Jun 12, 2020, 10:42 AM IST

Updated : Jun 12, 2020, 5:36 PM IST

10:22 June 12

पहाड़ी पर चढ़ाई के दौरान सूबेदार यमुना प्रसाद का पांव अचानक फिसल गया और वह नीचे खाई में जा गिरे.

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सूबेदार यमुना प्रसाद शहीद.

हल्द्वानी: गोरा पड़ाव निवासी सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू (39) जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी के पास एक हादसे में शहीद हो गए. सूबेदार पनेरू उत्तरी कश्मीर के गुरेज (बांडीपोर) सेक्टर में गुरुवार को एलओसी पर अपने साथियों के साथ गश्त कर रहे थे, तभी पहाड़ी पर चढ़ाई के दौरान उनका पैर फिसला और वे गहरी खाई में जा गिरे. साथी जवानों के तत्काल सूबेदार पनेरू का रेस्क्यू कर खाई में बाहर निकाला और हेलीकॉप्टर से उन्हें श्रीनगर में सेना के बेस अस्पताल में लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.  

पनेरू मूलरूप से पदमपुर ओखलकांडा नैनीताल के रहने वाले थे. हालांकि, अभी वे अपने तीन भाइयों के साथ हल्द्वानी के गोरा पड़ाव में रहते थे. पनेरू 6 कुमाऊं रेजिमेंट में सूबेदार के पद पर तैनात थे. शहीद के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा सात साल की बेटी और चार का बेटा भी है. परिजनों को देर रात ही उनके निधन की सूचना मिली थी. पनेरू 2002 में सेना में भर्ती हुए थे. 2012 में उन्होंने माउंट एवरेस्ट चोटी को फतह करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने लिया ETV BHARAT की खबर का संज्ञान, मनीषा की मदद का जताया भरोसा

भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने शहीद के परिवार से मुलाकात कर उनको सांत्वना देते हुए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. शहीद के बड़े भाई चंद्रप्रकाश पनेरु ने कहा कि उनका छोटा भाई देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ है. एक तरफ जहां परिवार को उनके जाने का दु:ख तो वहीं गर्व भी है कि उनके भाई ने देश के लिए अपनी जान दी है.  

10:22 June 12

पहाड़ी पर चढ़ाई के दौरान सूबेदार यमुना प्रसाद का पांव अचानक फिसल गया और वह नीचे खाई में जा गिरे.

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में सूबेदार यमुना प्रसाद शहीद.

हल्द्वानी: गोरा पड़ाव निवासी सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू (39) जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में एलओसी के पास एक हादसे में शहीद हो गए. सूबेदार पनेरू उत्तरी कश्मीर के गुरेज (बांडीपोर) सेक्टर में गुरुवार को एलओसी पर अपने साथियों के साथ गश्त कर रहे थे, तभी पहाड़ी पर चढ़ाई के दौरान उनका पैर फिसला और वे गहरी खाई में जा गिरे. साथी जवानों के तत्काल सूबेदार पनेरू का रेस्क्यू कर खाई में बाहर निकाला और हेलीकॉप्टर से उन्हें श्रीनगर में सेना के बेस अस्पताल में लेकर गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.  

पनेरू मूलरूप से पदमपुर ओखलकांडा नैनीताल के रहने वाले थे. हालांकि, अभी वे अपने तीन भाइयों के साथ हल्द्वानी के गोरा पड़ाव में रहते थे. पनेरू 6 कुमाऊं रेजिमेंट में सूबेदार के पद पर तैनात थे. शहीद के परिवार में उनकी पत्नी के अलावा सात साल की बेटी और चार का बेटा भी है. परिजनों को देर रात ही उनके निधन की सूचना मिली थी. पनेरू 2002 में सेना में भर्ती हुए थे. 2012 में उन्होंने माउंट एवरेस्ट चोटी को फतह करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था.

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भीमताल विधायक राम सिंह कैड़ा ने शहीद के परिवार से मुलाकात कर उनको सांत्वना देते हुए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. शहीद के बड़े भाई चंद्रप्रकाश पनेरु ने कहा कि उनका छोटा भाई देश की सेवा करते हुए शहीद हुआ है. एक तरफ जहां परिवार को उनके जाने का दु:ख तो वहीं गर्व भी है कि उनके भाई ने देश के लिए अपनी जान दी है.  

Last Updated : Jun 12, 2020, 5:36 PM IST
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