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Wrestlers Protest: गंगा में मेडल प्रवाहित करना कैंसिल, नरेश टिकैत ने पहलवानों से लिए पदक, मांगा 5 दिन का वक्त, लौटे खिलाड़ी - Farmer leader Naresh Tikait

कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे पहलवान मंगलवार शाम गंगा में अपने मेडल विसर्जित करने हरिद्वार पहुंचे. दिल्ली से निकले पहलवानों का जत्था हरिद्वार पहुंचा तो उनको बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिला. उधर, गंगा सभा ने हरकी पैड़ी पर मेडल विसर्जन का विरोध किया तो पहलवान नाई सोता घाट पहुंचे और वहीं धरने पर बैठे रहे. इस बीच वहां पहुंचे किसान नेता नरेश टिकैत ने पहलवानों से मुलाकात की और सरकार को घेरा. टिकैट के समझाने के बाद पहलवानों ने फिलहाल मेडल विसर्जित न करने का फैसला लिया. टिकैट ने पहलवानों से उनके मेडल को लेकर उनसे पांच दिन का समय मांगा है. इसके बाद पहलवान और उनके समर्थक वापस लौटे.

Wrestlers throw Medals in Ganga
गंगा में मेडल प्रवाहित करने निकले पहलवान
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Published : May 30, 2023, 5:46 PM IST

Updated : May 30, 2023, 10:17 PM IST

पहलवानों का गंगा में मेडल प्रवाहित करना कैंसिल.

हरिद्वार (उत्तराखंड): गंगा में अपने मेडल प्रवाहित करने निकले आंदोलनकारी पहलवान मंगलवार शाम उत्तराखंड स्थित हरिद्वार पहुंचे. मेडल गंगा में प्रवाहित करने के लिए महिला पहलवान साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और विनेश फोगाट सहित अन्य खिलाड़ी हरिद्वार पहुंचे थे. हरकी पैड़ी पर विरोध के बाद खिलाड़ी नाई सोता घाट पर काफी देर तक बैठे रहे. हालांकि, देर शाम भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी हरिद्वार पहुंचे और खिलाड़ियों को समझाया. नरेश टिकैट के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने फिलहाल मेडल विसर्जित न करने का फैसला लिया है. टिकैट ने खिलाड़ियों से मेडल लेकर उनसे पांच दिन का समय मांगा है. इसके बाद सभी खिलाड़ी हरिद्वार से वापस लौट गए हैं.

पहलवानों के हरिद्वार में एंट्री से लेकर वापसी तक की पूरी जानकारी.

इस तरह रहा घटनाक्रम: मंगलवार सुबह खिलाड़ियों के हरिद्वार गंगा में अपने मेडल विसर्जित करने की खबर ने न केवल दिल्ली बल्कि, उत्तराखंड की सियासत में भी हलचल मचा दी है. हालांकि, गंगा सभा इसके विरोध में खड़ी हुई. हरिद्वार गंगा सभा ने हरकी पैड़ी पर पहलवानों के मेडल विसर्जित करने का विरोध किया. गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि हरकी पैड़ी लाखों करोड़ों हिंदुओं की आस्था का स्थल है. यहां पर किसी भी राजनीतिक मुद्दे को तूल देने के लिए कोई भी कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने पहलवानों से निवेदन किया कि वो इस तरह का कृत्य हरकी पैड़ी पर न करें.

गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने किया हरकी पैड़ी पर मेडल विसर्जन का विरोध.

नाई सोता घाट पहुंचे पहलवान: वहीं, हरकी पैड़ी पर विरोध के बाद मेडल विसर्जित करने के लिए पहलवान नाई सोता घाट पहुंचे. नाई सोता घाट भी हरकी पैड़ी के पास ही है. हरिद्वार में जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी उनके साथ रहे. इसके साथ ही सैकड़ों लोग भी पहलवानों के समर्थन में गंगा घाट पहुंचे. इस दौरान खिलाड़ी घाट पर भी धरने पर बैठे रहे. कुछ देर बाद किसान नेता नरेश टिकैत भी मौके पर पहुंचे और खिलाड़ियों से बातचीत की.

उन्होंने पहलवानों को समझाया कि मेडल विसर्जित करने का फैसला वापस लें. टिकैट के समझाने के बाद पहलवानों ने फैसला लिया कि वो फिलहाल मेडल गंगा में विसर्जित नहीं करेंगे. हालांकि, इस दौरान पहलवानों को विश्वास में लेते हुए नरेश टिकैत ने उनसे मेडल लिए और सभी से पांच दिन का समय मांगा.
ये भी पढ़ेंः 'अपना फैसला बदलें', पहलवानों से हरीश रावत की अपील, गंगा में मेडल प्रवाहित करने के फैसले पर कही ये बात

क्या है मामला: बता दें कि, कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पॉक्सो एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज होने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी न होने पर महिला पहलवान आंदोलनरत हैं. अब उन्होंने अपने मेडल को गंगा में विसर्जित करने का ऐलान किया. इतना ही नहीं पहलवान दिल्ली से मेडल लेकर हरिद्वार भी पहुंच गए. उन्होंने हरिद्वार में गंगा में अपने पदकों का विसर्जित करने का ऐलान किया था. इससे पहले 28 मई को दिल्ली के जंतर मंतर से उन्हें जबरन हटाया गया था.

क्या बोले पुलिस कप्तानः हालांकि, इस दौरान हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने फोन पर बताया कि, 'पहलवान कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं. अगर वो अपने पदक पवित्र गंगा में विसर्जित करने आ रहे हैं तो उन्हें नहीं रोका जाएगा. न ही उन्हें पहलवानों के आने की जानकारी दी गई है. न ही उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इस तरह का कोई ऐसा निर्देश दिया गया है.'

हरिद्वार में चल रहा गंगा दशहरा का स्नानः बता दें कि 30 मई को हरिद्वार में गंगा दशहरा पर्व पर स्नान चल रहा है. सुबह 3 बजे से ही यह स्नान शुरू हो गया था, जो खबर लिखे जाने तक जारी है. अब तक 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मां गंगा में स्नान कर चुके हैं. ऐसे में पदक विजेता और ओलंपियन पहलवानों के हरिद्वार आने से जिले में हलचल तेज हो गई थी.
ये भी पढ़ेंः एक तरफ गंगा की धारा, दूसरी तरफ महिला पहलवानों के आंसू, जीवन भर की कमाई विसर्जित करने आईं

पहलवानों का गंगा में मेडल प्रवाहित करना कैंसिल.

हरिद्वार (उत्तराखंड): गंगा में अपने मेडल प्रवाहित करने निकले आंदोलनकारी पहलवान मंगलवार शाम उत्तराखंड स्थित हरिद्वार पहुंचे. मेडल गंगा में प्रवाहित करने के लिए महिला पहलवान साक्षी मलिक, संगीता फोगाट और विनेश फोगाट सहित अन्य खिलाड़ी हरिद्वार पहुंचे थे. हरकी पैड़ी पर विरोध के बाद खिलाड़ी नाई सोता घाट पर काफी देर तक बैठे रहे. हालांकि, देर शाम भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के अध्यक्ष नरेश टिकैत भी हरिद्वार पहुंचे और खिलाड़ियों को समझाया. नरेश टिकैट के हस्तक्षेप के बाद प्रदर्शनकारी पहलवानों ने फिलहाल मेडल विसर्जित न करने का फैसला लिया है. टिकैट ने खिलाड़ियों से मेडल लेकर उनसे पांच दिन का समय मांगा है. इसके बाद सभी खिलाड़ी हरिद्वार से वापस लौट गए हैं.

पहलवानों के हरिद्वार में एंट्री से लेकर वापसी तक की पूरी जानकारी.

इस तरह रहा घटनाक्रम: मंगलवार सुबह खिलाड़ियों के हरिद्वार गंगा में अपने मेडल विसर्जित करने की खबर ने न केवल दिल्ली बल्कि, उत्तराखंड की सियासत में भी हलचल मचा दी है. हालांकि, गंगा सभा इसके विरोध में खड़ी हुई. हरिद्वार गंगा सभा ने हरकी पैड़ी पर पहलवानों के मेडल विसर्जित करने का विरोध किया. गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि हरकी पैड़ी लाखों करोड़ों हिंदुओं की आस्था का स्थल है. यहां पर किसी भी राजनीतिक मुद्दे को तूल देने के लिए कोई भी कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने पहलवानों से निवेदन किया कि वो इस तरह का कृत्य हरकी पैड़ी पर न करें.

गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने किया हरकी पैड़ी पर मेडल विसर्जन का विरोध.

नाई सोता घाट पहुंचे पहलवान: वहीं, हरकी पैड़ी पर विरोध के बाद मेडल विसर्जित करने के लिए पहलवान नाई सोता घाट पहुंचे. नाई सोता घाट भी हरकी पैड़ी के पास ही है. हरिद्वार में जाट महासभा के अध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी उनके साथ रहे. इसके साथ ही सैकड़ों लोग भी पहलवानों के समर्थन में गंगा घाट पहुंचे. इस दौरान खिलाड़ी घाट पर भी धरने पर बैठे रहे. कुछ देर बाद किसान नेता नरेश टिकैत भी मौके पर पहुंचे और खिलाड़ियों से बातचीत की.

उन्होंने पहलवानों को समझाया कि मेडल विसर्जित करने का फैसला वापस लें. टिकैट के समझाने के बाद पहलवानों ने फैसला लिया कि वो फिलहाल मेडल गंगा में विसर्जित नहीं करेंगे. हालांकि, इस दौरान पहलवानों को विश्वास में लेते हुए नरेश टिकैत ने उनसे मेडल लिए और सभी से पांच दिन का समय मांगा.
ये भी पढ़ेंः 'अपना फैसला बदलें', पहलवानों से हरीश रावत की अपील, गंगा में मेडल प्रवाहित करने के फैसले पर कही ये बात

क्या है मामला: बता दें कि, कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पॉक्सो एक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज होने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी न होने पर महिला पहलवान आंदोलनरत हैं. अब उन्होंने अपने मेडल को गंगा में विसर्जित करने का ऐलान किया. इतना ही नहीं पहलवान दिल्ली से मेडल लेकर हरिद्वार भी पहुंच गए. उन्होंने हरिद्वार में गंगा में अपने पदकों का विसर्जित करने का ऐलान किया था. इससे पहले 28 मई को दिल्ली के जंतर मंतर से उन्हें जबरन हटाया गया था.

क्या बोले पुलिस कप्तानः हालांकि, इस दौरान हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने फोन पर बताया कि, 'पहलवान कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं. अगर वो अपने पदक पवित्र गंगा में विसर्जित करने आ रहे हैं तो उन्हें नहीं रोका जाएगा. न ही उन्हें पहलवानों के आने की जानकारी दी गई है. न ही उन्हें अपने वरिष्ठ अधिकारियों से इस तरह का कोई ऐसा निर्देश दिया गया है.'

हरिद्वार में चल रहा गंगा दशहरा का स्नानः बता दें कि 30 मई को हरिद्वार में गंगा दशहरा पर्व पर स्नान चल रहा है. सुबह 3 बजे से ही यह स्नान शुरू हो गया था, जो खबर लिखे जाने तक जारी है. अब तक 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मां गंगा में स्नान कर चुके हैं. ऐसे में पदक विजेता और ओलंपियन पहलवानों के हरिद्वार आने से जिले में हलचल तेज हो गई थी.
ये भी पढ़ेंः एक तरफ गंगा की धारा, दूसरी तरफ महिला पहलवानों के आंसू, जीवन भर की कमाई विसर्जित करने आईं

Last Updated : May 30, 2023, 10:17 PM IST
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