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मैकाले शिक्षा पद्धति छोड़ बच्चों को भारतीय संस्कृति-परंपरा से जोड़ना होगा: उप-राष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Vice President Venkaiah Naidu) अपने एक दिवसीय दौरे पर हरिद्वार पहुंचे हैं. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने गायत्री तीर्थ शांतिकुंज (Gayatri Teerth Shantikunj) में दक्षिण एशियाई देश शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन किया.

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Published : Mar 19, 2022, 4:53 PM IST

Updated : Mar 19, 2022, 5:21 PM IST

vice president venkaiah naidu
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू

हरिद्वार: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Vice President Venkaiah Naidu) शनिवार को तीर्थनगरी हरिद्वार दौरे पर रहे. इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दक्षिण एशियाई देश शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन किया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस संस्थान के निर्माण का उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच आपसी सद्भाव, समन्वय में और बेहतर संबंध बनाए रखना है.

उपराष्ट्रपति सुबह करीब 9 बजकर 30 मिनट पर विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे. यहां पहुंचने पर राज्यपाल और कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का स्वागत किया. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देहरादून रायवाला स्थिति देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. साथ ही गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दक्षिण एशियाई देश शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन किया. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू विश्वविद्यालय की ओर से चलाए जा रहे अनेक कार्यक्रमों का अवलोकन किया.

हरिद्वार दौरे पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू.

इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग धर्म, जाति और राष्ट्रीयता से ऊपर उठकर है. यह मानवीय दर्शन है जो जीवन को अधिक संतुलित बनाता है. उपराष्ट्रपति ने मातृ भाषा को प्रोत्साहित करने पर जोर देते हुए प्राथमिक शिक्षा और सरकारी कामकाज के अलावा न्यायपालिका के कामकाज में भी मातृ भाषा के प्रयोग पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है. इसका प्रचार-प्रसार होना चाहिए.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को शिक्षा से जोड़ना होगा. शिक्षा का भारतीयकरण ही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य रहा है. उन्‍होंने उदाहरण देते कहा कि भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश से लेकर प्रधानमंत्री मातृ भाषा में ही शिक्षा ग्रहण कर देश के सर्वोच्च पदों पर आसीन हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा कि विविधता में एकता भारत की विशेषता रही है.

डीएसवी के कुलपति शरद पारथी

यह भी पढ़ें- मातृ भाषा में दी जाए प्राथमिक शिक्षा, भाषाओं का संरक्षण बने जनांदोलन : उपराष्ट्रपति

उन्होंने कहा कि मैकाले शिक्षा पद्धति को छोड़, हमें अपने बच्चों को गुलामी की मानसिकता से दूर भारतीय संस्कृति और परंपरा से अवगत कराना होगा, तभी उनका भविष्य उज्ज्वल होगा. इससे पहले उपराष्ट्रपति ने प्रज्ञेश्‍वर महाकाल में जलाभिषेक किया और परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोपा. पूजन के बाद शौर्य दीवार पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में राज्यपाल मेजर जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि यहां आकर मंदिर में आने जैसे अनुभव हो रहा है. उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया‌.

हरिद्वार: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (Vice President Venkaiah Naidu) शनिवार को तीर्थनगरी हरिद्वार दौरे पर रहे. इस मौके पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दक्षिण एशियाई देश शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन किया. उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस संस्थान के निर्माण का उद्देश्य दक्षिण एशियाई देशों के बीच आपसी सद्भाव, समन्वय में और बेहतर संबंध बनाए रखना है.

उपराष्ट्रपति सुबह करीब 9 बजकर 30 मिनट पर विशेष विमान से जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे. यहां पहुंचने पर राज्यपाल और कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का स्वागत किया. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने देहरादून रायवाला स्थिति देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. साथ ही गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में दक्षिण एशियाई देश शांति एवं सुलह संस्थान का उद्घाटन किया. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू विश्वविद्यालय की ओर से चलाए जा रहे अनेक कार्यक्रमों का अवलोकन किया.

हरिद्वार दौरे पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू.

इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि योग धर्म, जाति और राष्ट्रीयता से ऊपर उठकर है. यह मानवीय दर्शन है जो जीवन को अधिक संतुलित बनाता है. उपराष्ट्रपति ने मातृ भाषा को प्रोत्साहित करने पर जोर देते हुए प्राथमिक शिक्षा और सरकारी कामकाज के अलावा न्यायपालिका के कामकाज में भी मातृ भाषा के प्रयोग पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है. इसका प्रचार-प्रसार होना चाहिए.

उपराष्ट्रपति ने कहा कि समाज के सभी वर्गों को शिक्षा से जोड़ना होगा. शिक्षा का भारतीयकरण ही नई शिक्षा नीति का उद्देश्य रहा है. उन्‍होंने उदाहरण देते कहा कि भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश से लेकर प्रधानमंत्री मातृ भाषा में ही शिक्षा ग्रहण कर देश के सर्वोच्च पदों पर आसीन हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा कि विविधता में एकता भारत की विशेषता रही है.

डीएसवी के कुलपति शरद पारथी

यह भी पढ़ें- मातृ भाषा में दी जाए प्राथमिक शिक्षा, भाषाओं का संरक्षण बने जनांदोलन : उपराष्ट्रपति

उन्होंने कहा कि मैकाले शिक्षा पद्धति को छोड़, हमें अपने बच्चों को गुलामी की मानसिकता से दूर भारतीय संस्कृति और परंपरा से अवगत कराना होगा, तभी उनका भविष्य उज्ज्वल होगा. इससे पहले उपराष्ट्रपति ने प्रज्ञेश्‍वर महाकाल में जलाभिषेक किया और परिसर में रुद्राक्ष का पौधा रोपा. पूजन के बाद शौर्य दीवार पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में राज्यपाल मेजर जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि यहां आकर मंदिर में आने जैसे अनुभव हो रहा है. उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया‌.

Last Updated : Mar 19, 2022, 5:21 PM IST
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