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UNSC ने नई अफगान सरकार बनाने के लिए बातचीत का किया आह्वान

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान में नई सरकार बनाने के लिए बातचीत का आह्वान किया. अफगानिस्तान संकट पर यूएनएससी की बैठक के बाद सदस्य देशों ने एक बयान में समावेशी विचार-विमर्श के माध्यम से अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन की अपील की, जिसमें महिलाओं की पूर्ण भारीदारी हो.

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Published : Aug 17, 2021, 1:57 AM IST

Updated : Aug 17, 2021, 2:22 AM IST

न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने समावेशी विचार-विमर्श के जरिए अफगानिस्तान में नई, एकीकृत, और प्रतिनिधित्व वाली ऐसी सरकार के गठन की अपील की है, जिसमें महिलाओं की पूर्ण भारीदारी हो.

यूएनएससी ने सोमवार को कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि तालिबान या कोई अन्य अफगान समूह किसी अन्य देश से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादियों का भी साथ नहीं दें.

अफगानिस्तान पर रविवार को तालिबान का पूरा कब्जा होने के बाद 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की सोमवार को आपात बैठक हुई. युद्ध से जर्जर देश में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं, वहीं तालिबान के शासन के डर से देश से निकलने के लिए हवाईअड्डे तक पहुंचने की कोशिश कर रहे लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर मौजूद हैं.

यूएनएससी की बैठक के बाद परिषद के सदस्यों ने एक बयान में सभी प्रकार का संघर्ष/हिंसा तत्काल बंद करने की अपील की है. साथ ही, उन्होंने 'समावेशी विचार-विमर्श के माध्यम से अफगानिस्तान में नई, एकीकृत, समेकित और प्रतिनिधित्व वाली ऐसी सरकार के गठन की अपील की है, जिसमें महिलाओं की पूर्ण भारीदारी हो.

दोहा में अफगान सरकार गठन पर चर्चा कर रहा तालिबान

तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में भविष्य की सरकार के बारे में दोहा में चर्चा चल रही है, जिसमें इसकी संरचना और नाम शामिल है. उम्मीद है कि वे निकट भविष्य में इस प्रक्रिया पर रिपोर्ट करेंगे. तालिबान के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने टोलोन्यूज को बताया कि उनका नेतृत्व दोहा में चर्चा में व्यस्त है और अफगानिस्तान के भीतर राजनीतिक दलों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के संपर्क में है.

तालिबान के राजनीतिक उपनेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने कहा कि वर्तमान क्षण तालिबान के लिए एक परीक्षा की घड़ी है. बरादर ने कहा, "इस समय, हम एक परीक्षा का सामना कर रहे हैं, क्योंकि अब हम लोगों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं."

हिंसा को तत्काल समाप्त करने पर जोर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में शत्रुता और हिंसा को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया. ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने परिषद से कहा कि इस गंभीर समय में वह सभी पक्षों, विशेष रूप से तालिबान से जीवन की रक्षा के लिए अत्यधिक संयम बरतने और मानवीय जरूरतों को पूरा करने का आग्रह करते हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा कि मैं सभी पक्षों से समय पर और जीवन रक्षक सेवाओं और सहायता के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान करता हूं. मैं सभी देशों से शरणार्थियों को स्वीकार करने और किसी भी निर्वासन से परहेज करने के लिए तैयार रहने का भी आग्रह करता हूं. गुटेरेस ने कहा कि मैं सभी पक्षों को नागरिकों की सुरक्षा के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाता हूं.

यह भी पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने तालिबान से जीवन की रक्षा के लिए संयम बरतने का किया आग्रह

वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और यूएनएससी के अध्यक्ष राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने अफगानिस्तान मामले पर हुई बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि परिषद के सदस्यों ने भी इस तथ्य की पुष्टि की कि 'हमें शत्रुता और हिंसा को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता है. परिषद के सदस्यों के बीच यह भावना भी है कि स्वीकृति और वैधता के लिए एक राजनीतिक समझौता होना चाहिए जो महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का पूरी तरह से सम्मान करे.

अफगान नागरिकों को तालिबान के बीच अकेला नहीं छोड़ेंगे: मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को वादा किया कि फ्रांस उन अफगान नागरिकों को तालिबान के बीच अकेला नहीं छोड़ेगा, जिन्होंने उसके लिये काम किया है. इन लोगों में अनुवादक, रसोई कर्मचारी, कलाकार, कार्यकर्ता और अन्य शामिल हैं. मैक्रों ने कहा कि उन लोगों की रक्षा करना जरूरी है, जिन्होंने वर्षों तक फ्रांस की मदद की है.

(एजेंसी)

न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने समावेशी विचार-विमर्श के जरिए अफगानिस्तान में नई, एकीकृत, और प्रतिनिधित्व वाली ऐसी सरकार के गठन की अपील की है, जिसमें महिलाओं की पूर्ण भारीदारी हो.

यूएनएससी ने सोमवार को कहा कि यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि तालिबान या कोई अन्य अफगान समूह किसी अन्य देश से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादियों का भी साथ नहीं दें.

अफगानिस्तान पर रविवार को तालिबान का पूरा कब्जा होने के बाद 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद की सोमवार को आपात बैठक हुई. युद्ध से जर्जर देश में तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं, वहीं तालिबान के शासन के डर से देश से निकलने के लिए हवाईअड्डे तक पहुंचने की कोशिश कर रहे लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर मौजूद हैं.

यूएनएससी की बैठक के बाद परिषद के सदस्यों ने एक बयान में सभी प्रकार का संघर्ष/हिंसा तत्काल बंद करने की अपील की है. साथ ही, उन्होंने 'समावेशी विचार-विमर्श के माध्यम से अफगानिस्तान में नई, एकीकृत, समेकित और प्रतिनिधित्व वाली ऐसी सरकार के गठन की अपील की है, जिसमें महिलाओं की पूर्ण भारीदारी हो.

दोहा में अफगान सरकार गठन पर चर्चा कर रहा तालिबान

तालिबान ने कहा है कि अफगानिस्तान में भविष्य की सरकार के बारे में दोहा में चर्चा चल रही है, जिसमें इसकी संरचना और नाम शामिल है. उम्मीद है कि वे निकट भविष्य में इस प्रक्रिया पर रिपोर्ट करेंगे. तालिबान के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने टोलोन्यूज को बताया कि उनका नेतृत्व दोहा में चर्चा में व्यस्त है और अफगानिस्तान के भीतर राजनीतिक दलों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के संपर्क में है.

तालिबान के राजनीतिक उपनेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने कहा कि वर्तमान क्षण तालिबान के लिए एक परीक्षा की घड़ी है. बरादर ने कहा, "इस समय, हम एक परीक्षा का सामना कर रहे हैं, क्योंकि अब हम लोगों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं."

हिंसा को तत्काल समाप्त करने पर जोर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफगानिस्तान में शत्रुता और हिंसा को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया. ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने परिषद से कहा कि इस गंभीर समय में वह सभी पक्षों, विशेष रूप से तालिबान से जीवन की रक्षा के लिए अत्यधिक संयम बरतने और मानवीय जरूरतों को पूरा करने का आग्रह करते हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा कि मैं सभी पक्षों से समय पर और जीवन रक्षक सेवाओं और सहायता के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान करता हूं. मैं सभी देशों से शरणार्थियों को स्वीकार करने और किसी भी निर्वासन से परहेज करने के लिए तैयार रहने का भी आग्रह करता हूं. गुटेरेस ने कहा कि मैं सभी पक्षों को नागरिकों की सुरक्षा के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाता हूं.

यह भी पढ़ें- संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने तालिबान से जीवन की रक्षा के लिए संयम बरतने का किया आग्रह

वहीं, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और यूएनएससी के अध्यक्ष राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने अफगानिस्तान मामले पर हुई बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि परिषद के सदस्यों ने भी इस तथ्य की पुष्टि की कि 'हमें शत्रुता और हिंसा को तत्काल समाप्त करने की आवश्यकता है. परिषद के सदस्यों के बीच यह भावना भी है कि स्वीकृति और वैधता के लिए एक राजनीतिक समझौता होना चाहिए जो महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों का पूरी तरह से सम्मान करे.

अफगान नागरिकों को तालिबान के बीच अकेला नहीं छोड़ेंगे: मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को वादा किया कि फ्रांस उन अफगान नागरिकों को तालिबान के बीच अकेला नहीं छोड़ेगा, जिन्होंने उसके लिये काम किया है. इन लोगों में अनुवादक, रसोई कर्मचारी, कलाकार, कार्यकर्ता और अन्य शामिल हैं. मैक्रों ने कहा कि उन लोगों की रक्षा करना जरूरी है, जिन्होंने वर्षों तक फ्रांस की मदद की है.

(एजेंसी)

Last Updated : Aug 17, 2021, 2:22 AM IST
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