ETV Bharat / bharat

Tiger Terror: रामनगर में बाघ का निवाला बना बाइक सवार, उत्तराखंड में 20 साल में बाघों ने किया 40 इंसानों का शिकार - tiger terror in ramnagar

रामनगर के मोहान क्षेत्र में बाघ के आतंक के बाद क्षेत्र के लोगों में रोष है. पिछले तीन महीने में बाघ 10 लोगों का शिकार कर चुका है. लेकिन वन विभाग की टीम अभी तक बाघ को पकड़ नहीं पाई है. एक आंकड़े के मुताबिक उत्तराखंड गठन के बाद से अभी तक 40 लोग बाघ का निवाला बन चुके हैं.

Tiger Terror
उत्तराखंड में 20 साल में बाघों का आतंक
author img

By

Published : Jul 19, 2022, 3:28 PM IST

Updated : Jul 19, 2022, 6:23 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के कुमाऊं में लगातार बाघ के हमले हो रहे हैं. ताजा मामला उस क्षेत्र का है जहां पर लगातार बाइक पर सवार लोगों पर बाघ हमले कर रहा है. बीती 16 जुलाई को रामनगर के मोहान क्षेत्र में बाइक सवार दो युवक जब क्षेत्र से निकल रहे थे, तभी घात लगाए बैठा बाघ पीछे बैठे अफजल नाम के युवक को झपटकर जंगल के अंदर ले गया. इस घटना के दो दिन बाद भी वन विभाग की तीन टीमों के लिए शव को ढूंढ पाना काफी मुश्किल हो रहा है. वन विभाग की टीम के साथ अब पुलिस भी आदमखोर बाघ और बाघ के शिकार को खोज रही है.

पलक झपकते ही इंसान गायब: उत्तराखंड कुमाऊं में लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं से वन विभाग बेहद सकते में है. ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला है. इससे पहले भी बाघ इसी तरह से बाइक सवार लोगों पर हमले कर चुके हैं. वन विभाग की समझ में यह नहीं आ रहा है कि आखिरकार यह कौन सा बाघ है जो नरभक्षी होकर जंगल में घूम रहा है. इसको लेकर कॉर्बेट प्रशासन क्षेत्र में लगे 40 से ज्यादा कैमरों की फुटेज भी तलाशी जा रही है.

घटनास्थल से जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता.

एक बार कैमरे में एक बाघ और उसके कुछ शावक भी देखे गए हैं. लेकिन क्या यही बाघ आदमखोर है, यह कह पाना वन विभाग के लिए भी मुश्किल है. आप अंदाजा लगाइये कि 60 से 70 की स्पीड की बाइक पर बाघ का हमला इतना सटीक होता है कि उसका शिकार या तो जमीन पर गिरा होता है या फिर उसके शरीर का कोई अंग उसके मुंह में होता है.

16 जुलाई को हुई इस घटना में भी कुछ ऐसा ही देखने के लिए मिला, जब दो दोस्त बाइक पर जा रहे थे. तब अचानक से पीछे बैठे एक युवक को बाघ ने पकड़ा और जंगल के अंदर ले गया. बाइक वहीं पर गिर गई. शोर मचाने पर आसपास जब कोई भी नहीं दिखा तो अनस बाइक स्टार्ट करके पुलिस चौकी की तरफ भागा. उसने पूरी आपबीती अधिकारियों को सुनाई. इसके बाद वन विभाग की टीम ने और पुलिस ने देर रात तक शव की तलाश की लेकिन कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा. अगली सुबह एक हाथ मिलने के बाद यह साफ हो गया कि अब उम्मीद भी टूट चुकी है.

Tiger Terror
अफजल की फाइल फोटो.
पढ़ें- बाघ के हमले में शख्स की मौत, डेड बॉडी की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी, हरदा ने हाईवे किया जाम20 साल में 40 लोगों का शिकार: ऐसा नहीं है कि क्षेत्र में यह पहला मामला है. बीते महीने जून 16 तारीख को भी खलील अहमद नाम के मजदूर को बाघ ने धनगढ़ी गेट के पास से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. इतना ही नहीं ठीक इसके 1 हफ्ते बाद यानी 23 जून को बाइक पर गश्त कर रहे एक वन कर्मी को भी बाघ ने अपनी चंगुल में लेने की पूरी कोशिश की लेकिन किसी तरह से वन कर्मी वहां से बचकर भाग निकला. क्षेत्र में लगभग 3 महीनों में 10 से ज्यादा लोग बाघ का शिकार हो चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि वन विभाग अब तक इस बात का पता नहीं लगा पाया कि आखिरकार वह कौन सा बाघ है, जो लोगों को मौत के घाट उतार रहा है.

आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक बाघ ने 40 लोगों को अपना निवाला बनाया है. इसमें ना केवल सिविलियन बल्कि फॉरेस्ट कर्मी भी शामिल हैं. कॉर्बेट रिजर्व पार्क के पास गांव के ही 6 लोगों को बाघ अब तक अपना शिकार बना चुका है. हल्द्वानी फॉरेस्ट डिवीजन और तराई क्षेत्र में भी 7 से अधिक लोगों को यह बाघ अपना शिकार बना चुका है.

कहीं मां की वजह से तो नहीं खूंखार हो रहे हैं शावक: कॉर्बेट नेशनल पार्क के सूत्र इस दिशा में भी जांच कर रहे हैं कि बीते महीने सीटीआर (कॉर्बेट टाइगर रिजर्व) की टीम ने इसी क्षेत्र से एक बाघिन को पकड़ा था. उस बाघिन के साथ उसके कुछ बच्चे भी मौजूद थे. अब वन विभाग को यह भी लग रहा है कि बाघिन के पकड़े जाने के बाद कहीं उसके बच्चे इस तरह की घटना को अंजाम ना दे रहे हों. ऐसे में वन विभाग की टीम बाघिन के बच्चों को भी तलाश रही है.

रेंज अधिकारी शेखर तिवारी बताते हैं कि इस पूरे मामले पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा. फिलहाल, हम युवक की तलाश कर रहे हैं. उसका एक हाथ बरामद हुआ है. उसके फोन पर लगातार बेल जा रही थी. हमने फोन को इसलिए बार-बार करना बंद कर दिया, कहीं उसकी फोन की बैटरी बंद ना हो जाए. क्योंकि अब युवक की तलाश फोन लोकेशन के आधार पर की जा रही है. उन्हें उम्मीद है कि जल्दी कुछ ना कुछ विभाग के हाथ जरूर लगेगा.

वह इतना जरूर मानते हैं कि क्षेत्र में लगातार हो रही बाघ के हमलों की घटनाओं के बाद लोगों में गुस्सा है. वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रही है. ड्रोन कैमरे और वन विभाग की अलग-अलग टीमों को इस काम में लगाया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड के कुमाऊं में लगातार बाघ के हमले हो रहे हैं. ताजा मामला उस क्षेत्र का है जहां पर लगातार बाइक पर सवार लोगों पर बाघ हमले कर रहा है. बीती 16 जुलाई को रामनगर के मोहान क्षेत्र में बाइक सवार दो युवक जब क्षेत्र से निकल रहे थे, तभी घात लगाए बैठा बाघ पीछे बैठे अफजल नाम के युवक को झपटकर जंगल के अंदर ले गया. इस घटना के दो दिन बाद भी वन विभाग की तीन टीमों के लिए शव को ढूंढ पाना काफी मुश्किल हो रहा है. वन विभाग की टीम के साथ अब पुलिस भी आदमखोर बाघ और बाघ के शिकार को खोज रही है.

पलक झपकते ही इंसान गायब: उत्तराखंड कुमाऊं में लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं से वन विभाग बेहद सकते में है. ऐसा नहीं है कि यह पहला मामला है. इससे पहले भी बाघ इसी तरह से बाइक सवार लोगों पर हमले कर चुके हैं. वन विभाग की समझ में यह नहीं आ रहा है कि आखिरकार यह कौन सा बाघ है जो नरभक्षी होकर जंगल में घूम रहा है. इसको लेकर कॉर्बेट प्रशासन क्षेत्र में लगे 40 से ज्यादा कैमरों की फुटेज भी तलाशी जा रही है.

घटनास्थल से जानकारी देते ईटीवी भारत संवाददाता.

एक बार कैमरे में एक बाघ और उसके कुछ शावक भी देखे गए हैं. लेकिन क्या यही बाघ आदमखोर है, यह कह पाना वन विभाग के लिए भी मुश्किल है. आप अंदाजा लगाइये कि 60 से 70 की स्पीड की बाइक पर बाघ का हमला इतना सटीक होता है कि उसका शिकार या तो जमीन पर गिरा होता है या फिर उसके शरीर का कोई अंग उसके मुंह में होता है.

16 जुलाई को हुई इस घटना में भी कुछ ऐसा ही देखने के लिए मिला, जब दो दोस्त बाइक पर जा रहे थे. तब अचानक से पीछे बैठे एक युवक को बाघ ने पकड़ा और जंगल के अंदर ले गया. बाइक वहीं पर गिर गई. शोर मचाने पर आसपास जब कोई भी नहीं दिखा तो अनस बाइक स्टार्ट करके पुलिस चौकी की तरफ भागा. उसने पूरी आपबीती अधिकारियों को सुनाई. इसके बाद वन विभाग की टीम ने और पुलिस ने देर रात तक शव की तलाश की लेकिन कोई भी सुराग हाथ नहीं लगा. अगली सुबह एक हाथ मिलने के बाद यह साफ हो गया कि अब उम्मीद भी टूट चुकी है.

Tiger Terror
अफजल की फाइल फोटो.
पढ़ें- बाघ के हमले में शख्स की मौत, डेड बॉडी की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी, हरदा ने हाईवे किया जाम20 साल में 40 लोगों का शिकार: ऐसा नहीं है कि क्षेत्र में यह पहला मामला है. बीते महीने जून 16 तारीख को भी खलील अहमद नाम के मजदूर को बाघ ने धनगढ़ी गेट के पास से हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. इतना ही नहीं ठीक इसके 1 हफ्ते बाद यानी 23 जून को बाइक पर गश्त कर रहे एक वन कर्मी को भी बाघ ने अपनी चंगुल में लेने की पूरी कोशिश की लेकिन किसी तरह से वन कर्मी वहां से बचकर भाग निकला. क्षेत्र में लगभग 3 महीनों में 10 से ज्यादा लोग बाघ का शिकार हो चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि वन विभाग अब तक इस बात का पता नहीं लगा पाया कि आखिरकार वह कौन सा बाघ है, जो लोगों को मौत के घाट उतार रहा है.

आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अब तक बाघ ने 40 लोगों को अपना निवाला बनाया है. इसमें ना केवल सिविलियन बल्कि फॉरेस्ट कर्मी भी शामिल हैं. कॉर्बेट रिजर्व पार्क के पास गांव के ही 6 लोगों को बाघ अब तक अपना शिकार बना चुका है. हल्द्वानी फॉरेस्ट डिवीजन और तराई क्षेत्र में भी 7 से अधिक लोगों को यह बाघ अपना शिकार बना चुका है.

कहीं मां की वजह से तो नहीं खूंखार हो रहे हैं शावक: कॉर्बेट नेशनल पार्क के सूत्र इस दिशा में भी जांच कर रहे हैं कि बीते महीने सीटीआर (कॉर्बेट टाइगर रिजर्व) की टीम ने इसी क्षेत्र से एक बाघिन को पकड़ा था. उस बाघिन के साथ उसके कुछ बच्चे भी मौजूद थे. अब वन विभाग को यह भी लग रहा है कि बाघिन के पकड़े जाने के बाद कहीं उसके बच्चे इस तरह की घटना को अंजाम ना दे रहे हों. ऐसे में वन विभाग की टीम बाघिन के बच्चों को भी तलाश रही है.

रेंज अधिकारी शेखर तिवारी बताते हैं कि इस पूरे मामले पर अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगा. फिलहाल, हम युवक की तलाश कर रहे हैं. उसका एक हाथ बरामद हुआ है. उसके फोन पर लगातार बेल जा रही थी. हमने फोन को इसलिए बार-बार करना बंद कर दिया, कहीं उसकी फोन की बैटरी बंद ना हो जाए. क्योंकि अब युवक की तलाश फोन लोकेशन के आधार पर की जा रही है. उन्हें उम्मीद है कि जल्दी कुछ ना कुछ विभाग के हाथ जरूर लगेगा.

वह इतना जरूर मानते हैं कि क्षेत्र में लगातार हो रही बाघ के हमलों की घटनाओं के बाद लोगों में गुस्सा है. वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने की पूरी कोशिश कर रही है. ड्रोन कैमरे और वन विभाग की अलग-अलग टीमों को इस काम में लगाया गया है.

Last Updated : Jul 19, 2022, 6:23 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.