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भारत में पहली बार उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू में हो रहा ड्रोन बेस्ड सेंसर का प्रयोग, जहां जीपीएस फेल, वहां भी करता है काम - उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन अपडेट

Use of drone based sensor in Uttarkashi tunnel rescue उत्तरकाशी सिलक्यारा रेस्क्यू साइट पर अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग भी हो रहा है. पहली बार इस तरह के रेस्क्यू कार्य में ड्रोन बेस्ड सेंसर का प्रयोग हो रहा है. पिछले 13 दिन से सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू के लिए बेंगलुरु से आई अत्याधुनिक ड्रोन बेस्ड सेंसर टीम इसका प्रयोग कर रही है. इसकी खास बात ये है कि जहां जीपीएस फेल हो जाता है, वहां भी ड्रोन बेस्ड सेंसर अपना काम कर लेता है.

Uttarkashi tunnel rescue
ड्रोन बेस्ड सेंसर से रेस्क्यू
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 24, 2023, 8:32 AM IST

Updated : Nov 24, 2023, 9:58 AM IST

उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू में हो रहा ड्रोन बेस्ड सेंसर का प्रयोग

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): भारत में पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट में ड्रोन बेस्ड सेंसर का प्रयोग उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू में हो रहा है. ड्रोन बेस्ड सेंसर टीम को लीड कर रहे बेंगलुरु से आए सिरिएक जोसेफ ने कहा कि ये गेम चेंजर साबित होगा.

  • #WATCH | Uttarkashi(Uttarakhand) Tunnel rescue | On the drone technology that is being used in the rescue operation, Cyriac Joseph, MD & CEO, Squadrone Infra Mining Pvt Ltd says, "This (drone) is one of the latest technologies which can go inside the tunnel, it goes into GPS… pic.twitter.com/XGve8bkShU

    — ANI (@ANI) November 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

देश में पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट में ड्रोन बेस्ड सेंसर का इस्तेमाल: सिरिएक जोसेफ ने बताया कि ड्रोन बेस्ड सेंसर इतना उपयोगी है कि इसका पूरा डाटा डिजिटल फॉर्म में ऑनलाइन प्राप्त हो जाता है. इसका मतलब ये है कि कोई भी डिजास्टर मैनेजमेंट विशेषज्ञ चाहे वो बेंगलुरु, वॉशिंगटन, केपटाउन या फिर सिडनी में बैठा हो, उसे घटनास्थल की सारी चीजें ड्रोन बेस्ड सेंसर से डिजिटल फॉर्म में उनके कंप्यूटर पर मिल जाएंगे. ऐसे में वो वहां बैठकर ही घटनस्थल पर रेस्क्यू के लिए अपने उपयोगी सुझाव दे सकते हैं.

ये लेटेस्ट तकनीक: बेंगलुरु से टीम के साथ आए असिमुल्ला ने बताया कि ये एक तरह के सेंसर हैं. ड्रोन बेस्ड सेंसर जो उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में उपयोग किए जा रहे हैं उनका भारत में पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट में प्रयोग हो रहा है. ड्रोन बेस्ड सेंसर टीम के तकनीकी विशेषज्ञ असिमुल्ला ने बताया कि उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू में दुनिया की ये आधुनिकतम तकनीक इस्तेमाल की जा रही है. हमारा ड्रोन बेस्ड सेंसर अंदर की हर तस्वीर उपलब्ध करा रही है. उत्तरकाशी टनल के अंदर रेस्क्यू के लिए ड्रिलिंग जारी है.

बेंगलुरु से आई टीम: बेंगलुरु की स्क्वाड्रोन इंफ्रा के छह टनलिंग और माइनिंग विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल पहुंची है. इस टीम ने टनल के अंदर ड्रोन भेजकर वहां के आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के हालात बताए. ड्रोन बेस्ड सेंसर टीम ने जो रिपोर्ट बनाई वो डिजिटली भी उपलब्ध होगी. देश और दुनिया के किसी भी हिस्से में मौजूद डिजास्टर मैनेजमेंट के विशेषज्ञ इस रिपोर्ट को देखकर उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं.
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उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू में हो रहा ड्रोन बेस्ड सेंसर का प्रयोग

उत्तरकाशी (उत्तराखंड): भारत में पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट में ड्रोन बेस्ड सेंसर का प्रयोग उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के रेस्क्यू में हो रहा है. ड्रोन बेस्ड सेंसर टीम को लीड कर रहे बेंगलुरु से आए सिरिएक जोसेफ ने कहा कि ये गेम चेंजर साबित होगा.

  • #WATCH | Uttarkashi(Uttarakhand) Tunnel rescue | On the drone technology that is being used in the rescue operation, Cyriac Joseph, MD & CEO, Squadrone Infra Mining Pvt Ltd says, "This (drone) is one of the latest technologies which can go inside the tunnel, it goes into GPS… pic.twitter.com/XGve8bkShU

    — ANI (@ANI) November 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

देश में पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट में ड्रोन बेस्ड सेंसर का इस्तेमाल: सिरिएक जोसेफ ने बताया कि ड्रोन बेस्ड सेंसर इतना उपयोगी है कि इसका पूरा डाटा डिजिटल फॉर्म में ऑनलाइन प्राप्त हो जाता है. इसका मतलब ये है कि कोई भी डिजास्टर मैनेजमेंट विशेषज्ञ चाहे वो बेंगलुरु, वॉशिंगटन, केपटाउन या फिर सिडनी में बैठा हो, उसे घटनास्थल की सारी चीजें ड्रोन बेस्ड सेंसर से डिजिटल फॉर्म में उनके कंप्यूटर पर मिल जाएंगे. ऐसे में वो वहां बैठकर ही घटनस्थल पर रेस्क्यू के लिए अपने उपयोगी सुझाव दे सकते हैं.

ये लेटेस्ट तकनीक: बेंगलुरु से टीम के साथ आए असिमुल्ला ने बताया कि ये एक तरह के सेंसर हैं. ड्रोन बेस्ड सेंसर जो उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में उपयोग किए जा रहे हैं उनका भारत में पहली बार डिजास्टर मैनेजमेंट में प्रयोग हो रहा है. ड्रोन बेस्ड सेंसर टीम के तकनीकी विशेषज्ञ असिमुल्ला ने बताया कि उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू में दुनिया की ये आधुनिकतम तकनीक इस्तेमाल की जा रही है. हमारा ड्रोन बेस्ड सेंसर अंदर की हर तस्वीर उपलब्ध करा रही है. उत्तरकाशी टनल के अंदर रेस्क्यू के लिए ड्रिलिंग जारी है.

बेंगलुरु से आई टीम: बेंगलुरु की स्क्वाड्रोन इंफ्रा के छह टनलिंग और माइनिंग विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल पहुंची है. इस टीम ने टनल के अंदर ड्रोन भेजकर वहां के आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के हालात बताए. ड्रोन बेस्ड सेंसर टीम ने जो रिपोर्ट बनाई वो डिजिटली भी उपलब्ध होगी. देश और दुनिया के किसी भी हिस्से में मौजूद डिजास्टर मैनेजमेंट के विशेषज्ञ इस रिपोर्ट को देखकर उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल रेस्क्यू अभियान को अंजाम तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं.
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Last Updated : Nov 24, 2023, 9:58 AM IST
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