नई दिल्ली: अपने दिवंगत पिता द्वारा छोड़े गए बकाया कर्ज की अदायगी के लिए ऋण एजेंटों द्वारा परेशान एक किशोरी कोविड अनाथ की रिपोर्ट के बाद, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हस्तक्षेप किया और अधिकारियों से मामले को उठाने के लिए कहा है. वित्त मंत्री ने वित्तीय सेवा विभाग और जीवन बीमा निगम से मामले की जांच करने को कहा है.
सीतारमण ने 'अनाथ टॉपर फेसिस लोन रिकवरी नोटिस' शीर्षक वाली समाचार रिपोर्ट को संलग्न करते हुए ट्वीट किया, 'कृपया इसे देखें. वर्तमान स्थिति पर भी संक्षिप्त जानकारी दें.' भोपाल की रहने वाली 17 वर्षीय वनिशा पाठक के पिता एलआईसी एजेंट थे और उन्होंने अपने ऑफिस से कर्ज लिया था.
चूंकि वनिशा नाबालिग है, इसलिए एलआईसी ने उसके पिता की सारी बचत और हर महीने मिलने वाले कमीशन को रोक दिया है, जैसा कि रिपोर्ट में बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में कोविड की दूसरी लहर के दौरान उसके पिता की मृत्यु हो गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे 29 लाख रुपये चुकाने के लिए 2 फरवरी, 2022 को अंतिम कानूनी नोटिस मिला था, अन्यथा कानूनी परिणाम भुगतने को भी कहा गया था.
जाने कौन हैं वनिशा: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की वनिशा पाठक ने सीबीएसई 10th एग्जाम में 99.8% हासिल किए. इससे भी बड़ी बात यह है कि इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता को कोविड में खो दिया था. वनिशा ने बताया था कि जब उनके माता-पिता अस्पताल में भर्ती थे, उस दौरान भी वे एग्जाम की तैयारी कर रही थी. बेटी ने पिता से किए वादे को निभाने के लिए खूब मेहनत की और टॉप रैंकिंग में स्थान बनाया. फिलहाल, वनिशा अपने छोटे भाई के साथ मामा के घर में रह रही हैं.