देहरादूनः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान युवाओं का दिल भी जवाब देने लगा है. जी हां, 30 से 40 साल के युवाओं को भी यात्रा के दौरान हार्ट अटैक की शिकायत देखने को मिल रही है. उधर, मामले में स्वास्थ्य महकमा है कि इन मौतों को लेकर अपना पीछा छुड़ाने की कोशिश में दिखाई दे रहा है. यह हाल तब है जब चारधाम यात्रा को शुरू हुए कुछ ही दिन हुए हैं. अभी तक चारधाम यात्रा में 29 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.
उत्तराखंड में जिस तरह चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) के दौरान मौतों का सिलसिला तेज हुआ है. उसको लेकर भारत सरकार ने भी राज्य से रिपोर्ट मांगी है. स्थिति यह है कि अब तक 29 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. मरने वालों में 30 साल के युवाओं से लेकर 75 साल तक के बुजुर्ग तक शामिल है. जानकारी के अनुसार, केदारनाथ में अब तक 10 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. बदरीनाथ में 5 गंगोत्री में 3 और यमुनोत्री में 11 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं.
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आंकड़ों पर गौर करें तो 30 से 40 साल उम्र के 3 श्रद्धालुओं की जान गई है. इसी तरह 40 से अधिक और 50 तक की उम्र वाले 4 श्रद्धालुओं ने अपनी जान गंवाई है. 50 से 60 साल तक की उम्र वाले 8 श्रद्धालुओं की जान गई है. जबकि 76 साल तक के 13 मरीजों की जान गई है. सबसे ज्यादा मौतें यमुनोत्री पैदल मार्ग पर हो चुकी है.
केदारनाथ यात्रा में 10 तीर्थयात्रियों की मौतः केदारनाथ यात्रा में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. अब तक यात्रा के दौरान 10 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें एक व्यक्ति की खाई में गिरने से मौत हुई है. जबकि, अन्य यात्रियों की हार्ट अटैक और ठंड के कारण मौत होनी बताई जा रही है. वहीं, केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की तबीयत खराब होने पर हेलीकाॅप्टर से गुप्तकाशी भेजा रहा है, जिससे समय पर इलाज मिलने से कई तीर्थयात्रियों की जान को भी बचाया गया है.
गुरुवार को भी केदारनाथ पैदल मार्ग के लिनचौली के पास कालका प्रसाद गुप्ता निवासी जिला हमीरपुर बुंदेलखंड (उत्तरप्रदेश) की अचानक तबीयत खराब हो गई. तबीयत खराब होने के बाद डीडीआरएफ टीम यात्री को गौरीकुंड अस्पताल लेकर आई. यात्री की हालत देख डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिंदेश शुक्ला ने बताया कि अभी तक यात्रा मार्ग पर दस तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी हैं. इनमें एक यात्री की खाई में गिरने से मौत हुई है, जबकि अन्य यात्रियों की हार्टअटैक से संभवतः मौत हुई है.
उन्होंने कहा कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 16 चिकित्सक तैनात किए गए हैं. यात्रा मार्ग पर 12 एमआरपी हैं. धाम में 3 सिक्स सिग्मा, 4 विवेकानंद अस्पताल के अलावा एक फिजिशियन और एक चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैनात किए गए हैं. उन्होंने कहा कि बीमार तीर्थयात्रियों को केदारनाथ यात्रा पर नहीं आना चाहिए. कुछ तीर्थयात्री ऐसे भी आ रहे हैं, जिनकी सर्जरी होनी है और वे बिना चिकित्सक के राय के केदारनाथ पहुंच रहे हैं.
क्या बोले डीजी हेल्थ? उत्तराखंड के स्वास्थ्य महानिदेशक शैलजा भट्ट का कहना है कि किसी भी श्रद्धालुओं की अस्पताल में मृत्यु नहीं हुई है. सभी की मौत यात्रा मार्गों पर हुई है. डीजी हेल्थ स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही मानने को तैयार तक नहीं है. जबकि, हालात ये हैं कि यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य व्यवस्था ही खराब है. यात्रियों को आपातकालीन स्थिति के लिए डॉक्टर तक नहीं है. खुद मुख्य सचिव कह चुके हैं कि उत्तराखंड के पास हृदय रोग विशेषज्ञों की कमी है. ऐसे में अब डीजी हेल्थ का यह बयान बहुत ही बेतुका है.
यमुनोत्री धाम में अब तक हुई मौतें: 11
- अनुरुद्ध प्रसाद (उम्र 65 वर्ष), उत्तर प्रदेश.
- कैलाश चौबीसा (उम्र 63 वर्ष), राजस्थान.
- सकून पारिकर (उम्र 64 वर्ष), मध्य प्रदेश.
- रामयज्ञ तिवारी (उम्र 64 वर्ष), उत्तर प्रदेश.
- सुनीता खडीकर (उम्र 62 वर्ष), मध्य प्रदेश.
- जयेश भाई (उम्र 47 वर्ष), गुजरात.
- देवश्री के जोशी (उम्र 38 वर्ष), महाराष्ट्र.
- ईश्वर प्रसाद (उम्र 65 वर्ष), मध्य प्रदेश.
- जगदीश (उम्र 65 वर्ष), मुंबई.
- महादेव वेंकेटा सुब्रमणियम (उम्र 40 वर्ष), कर्नाटक.
- स्नैहल सुरेश (उम्र 60 वर्ष), महाराष्ट्र.
गंगोत्री धाम में अब तक हुई मौतें: 3
- लाल बहादुर (उम्र 50 वर्ष), नेपाल.
- दीपक दवे (उम्र 62 वर्ष), महाराष्ट्र.
- मेघा विलास (उम्र 58 वर्ष), मुंबई.
बदरीनाथ धाम में अब तक हुई मौतें: 4
1. सर्वजीत सिंह (53वर्ष), उन्नाव (यूपी).
2. राजेंद्र प्रसाद (66वर्ष), दिल्ली.
3. रामप्यारी, राजस्थान
4.अज्ञात
केदानाथ धाम में अब तक हुई मौतें: 11 (तीन लोगों की शिनाख्त नहीं)
1- भैरवदन बोदिदानी (65 वर्ष).
2- दिलशराय (61वर्ष), मध्य प्रदेश.
3- हंसा देवी (60वर्ष), गुजरात.
4- सोनी छाया बैन (56वर्ष), गुजरात.
5- परवीन (45 वर्ष), हरियाणा.
6- जीत सिंह (40वर्ष), यूपी.
7- जयंती लाल(69वर्ष), महाराष्ट्र.
8. कालका प्रसाद (62वर्ष), यूपी
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यात्रा के दौरान तीर्थयात्री बरतें सावधानीः रुद्रप्रयाग जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डाॅक्टर संजय तिवारी ने बताया कि केदारनाथ धाम की यात्रा काफी कठिन है. यहां खड़ी चढ़ाई चढ़कर पहुंचना पड़ता है. पहाड़ों में यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को खास ध्यान रखने की जरूरत है. पैदल चलते समय सांस लेने की दिक्कत होती है. केदारनाथ धाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है. हाई एल्टीट्यूड में आने पर ऑक्सीजन की प्रॉब्लम होने लगती है. ऐसे में हार्ट अटैक जैसी घटनाएं घट जाती है.
तीर्थयात्रियों को अपनी दवाईयों के साथ धाम पहुंचना चाहिए. इसके अलावा जो तीर्थयात्री केदारनाथ पर आते हैं, वे आस्था पर आने से खाना-पीना छोड़ देते हैं, जिस कारण यात्रियों को दिक्कतें होती हैं. तीर्थयात्रियों को ऐसा नहीं करना है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों को यात्रा पर आने से पहले अपने साथ दवाईयां, गर्म कपड़ों के साथ ही पूरी व्यवस्था के साथ आना चाहिए.
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