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पल भर में दफ्न हुई 20 जिंदगियां, संभलने का तक नहीं मिला मौका, बेहद खतरनाक था गौरीकुंड हादसा - गौरीकुंड में नेपाल के लोग बहे

उत्तराखंड के गौरीकुंड में चट्टान और मलबे की चपेट में आने से पल भर में 20 लोग दफन हो गए थे, जिनमें से 3 लोगों के शव मिल गए हैं. 17 लोग अभी भी लापता हैं. यह हादसा बेहद खतरनाक था. जिसमें लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिल पाया. क्योंकि, अस्थायी दुकानें काफी कच्ची थी और नीचे उफनती मंदाकिनी नदी बह रही थी. ऐसे में लोग बोल्डर और पत्थर के साथ सीधे नदी में जा गिरे. हादसे में जान गंवाने वालों में ज्यादातर लोग नेपाल के थे.

Gaurikund Landslide Incident
गौरीकुंड में मलबा
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Published : Aug 4, 2023, 8:42 PM IST

Updated : Aug 4, 2023, 10:42 PM IST

पल भर में दफ्न हुई 20 जिंदगियां

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड हादसे में 20 लोग जिंदा दफन हो गए. हादसे का मुख्य कारण चट्टान टूटने से दुकानों पर गिरा मलबा और बोल्डर बताया जा रहा है. ये भी बताया जा रहा है कि पहाड़ी पर स्थित चट्टान के एक हिस्से में देर रात करीब 11 बजे वज्रपात हुआ था. देखते ही देखते पहाड़ी से बोल्डर छिटक गए और सीधे नीचे रास्ते किनारे स्थित तीन दुकानों पर गिर गए. बोल्डर इतने भारी थे कि दुकानों का कुछ अता-पता नहीं चला. दुकान समेत लोग सीधे नदी में जा गिरे.

Gaurikund Landslide Incident
गौरीकुंड में मलबे की चपेट में आए कई लोग

लोगों को भागने तक का नहीं मिला मौकाः सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग के किनारे में जहां पर ये दुकानें थी, वहां से मंदाकिनी नदी की दूरी बेहद कम है. ऐसे में पहाड़ी से आए बोल्डर एक साथ दुकानों को तोड़ते हुए नदी में जा गिरे. जो लोग दुकानों के अंदर थे, उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला. पहाड़ी से गिरे भारी भरकम बोल्डर सड़क में न गिरते हुए सीधे दुकानों पर गिरे. नदी से दुकानों की दूरी काफी नजदीक है.

ऐसे में दुकानों का मलबा सीधे नदी में जा गिरा. यदि दुकानों की दूरी नदी से थोड़ी दूर होती तो शायद लापता चल रहे कुछ लोगों की जान बच सकती थी. नदी के ठीक ऊपर अस्थाई तरीके से ये दुकानें बनाई गई थी. दुकानें मजबूत भी नहीं थी. ये दुकानें बोल्डरों का भार नहीं झेल पाई. जिसके चलते 20 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

Gaurikund Landslide Incident
गौरीकुंड में चट्टान और मलबे ने लील ली कई जिंदगियां

रेस्क्यू अभियान में ढिलाई बरतने का आरोपः गौरीकुंड में चट्टान टूटने की घटना में लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा है. यहां घटना के चार घंटे बाद रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया. अगर समय से यह रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाता तो कुछ लोगों को बचाया जा सकता था. केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड की घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
ये भी पढ़ेंः केदारघाटी में भारी बारिश से भूस्खलन, मलबे की चपेट में आई तीन दुकानें, 3 शव बरामद, 17 लोग लापता

गौर हो कि कुछ दिन पहले चमोली जिले में नमामि गंगे योजना के तहत बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में करंट लगने से 16 लोगों की मौत हो गई थी. अब रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में पहाड़ी टूटने से एक बड़ी घटना घट गई. इसमें 20 लोगों के लापता होने के बाद तीन लोगों के ही शव बरामद हो पाए हैं.

Gaurikund Landslide Incident
गौरीकुंड में रेस्क्यू अभियान में जुटी टीमें

देर रात करीब 12 बजे घटना घटने के बाद शुक्रवार सुबह चार बजे रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जबकि रेस्क्यू अभियान की टीम रात दो बजे करीब घटना स्थल पर पहुंच गई थी, लेकिन टीम की ओर से कोई खास मशक्कत नहीं की गई और बारिश बंद होने का इंतजार किया गया. जब सुबह चार बजे बारिश थोड़ी कम हुई, उसके बाद रेस्क्यू टीम अभियान में जुटी और टीम को शुक्रवार दोपहर दो बजे तीन शव बरामद हुए, जबकि अभी तक 17 लोग लापता चल रहे हैं.

अंंधेरा और बारिश होने पर रोकना पड़ा सर्च और रेस्क्यू अभियानः रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग गौरीकुंड के डाटपुलिया के पास भारी भूस्खलन से लापता हुए 20 लोगों का सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी तक 3 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. जिनकी शिनाख्त की जा रही है. अन्य लापता लोगों का रेस्क्यू एवं खोजबीन का कार्य शाम बारिश और अंधेरा होने की वजह से रोक दिया गया है. कल सुबह रेस्क्यू एवं खोजबीन कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

Gaurikund Landslide Incident
मंदाकिनी नदी में सर्च अभियान

नेपाल के लोगों ने गंवाई जान, बच्चे भी शामिलः हादसे में जान गंवाने वाले ज्यादातर लोग नेपाल के हैं. जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. इसके अलावा महिलाओं ने भी जान गंवाई है. उधर, मंदाकिनी नदी का बहाव तेज होने पर श्रीनगर तक अलर्ट जारी किया गया है. ताकि, लापता लोगों की खोजबीन की जा सके. अनुमान है कि गौरीकुंड से बहकर शव काफी आगे तक भी जा सकते हैं. ऐसे में मंदाकिनी तट पर नजरें रखी जा रही है.

गौरीकुंड में हादसे में मृतक और लापता लोगों की सूची-

  1. आशु (उम्र 23 वर्ष), निवासी जलई
  2. प्रियांशु चमोला S/O कमलेश चमोला (उम्र 18 वर्ष), निवासी- तिलवाड़ा
  3. रणबीर सिंह (उम्र 28 वर्ष), निवासी- बस्टी
  4. अमर बोहरा S/O मान बहादुर बोहरा, निवासी- नेपाल
  5. अनिता बोहरा W/O अमर बोहरा (उम्र 26 वर्ष), निवासी- नेपाल
  6. राधिका बोहरा D/O अमर बोहरा (उम्र 14 वर्ष), निवासी- नेपाल
  7. पिंकी बोहरा D/O अमर बोहरा (उम्र 8 वर्ष), निवासी- नेपाल
  8. पृथ्वी बोहरा S/O अमर बोहरा (उम्र 7 वर्ष), निवासी- नेपाल
  9. जटिल S/O अमर बोहरा (उम्र 6 वर्ष), निवासी- नेपाल
  10. वकील S/O अमर बोहरा (उम्र 3 वर्ष), निवासी- नेपाल
  11. विनोद S/O बदन सिंह (उम्र 26 वर्ष), निवासी- खानवा, भरतपुर
  12. मुलायम S/O जसवंत सिंह (उम्र 25 वर्ष), निवासी- नगल बंजारा, सहानपुर
  13. सुगाराम S/O जोरा सिंह (उम्र 45 वर्ष), निवासी- नेपाल
  14. बम बोहरा S/O सतर सिंह बोहरा (उम्र 31 वर्ष), निवासी- नेपाल
  15. चंद्र कामी S/O लोउडे कामी (उम्र 26 वर्ष), निवासी- पेरिया, नेपाल
  16. धर्मराज S/O मुन बहादुर (उम्र 56 वर्ष), निवासी- जुमला, नेपाल
  17. नीर बहादुर S/O हरि बहादुर रावल (उम्र 58 वर्ष), निवासी- नेपाल
  18. सुमित्रा देवी W/O नीर बहादुर (उम्र 52 वर्ष), निवासी- नेपाल
  19. कुमारी निशा D/O नीर बहादुर (उम्र 20 वर्ष), निवासी- नेपाल
  20. रोहित बिष्ट S/O लक्ष्मण सिंह, निवासी- उतस्यू, चोपड़ा

पल भर में दफ्न हुई 20 जिंदगियां

रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड हादसे में 20 लोग जिंदा दफन हो गए. हादसे का मुख्य कारण चट्टान टूटने से दुकानों पर गिरा मलबा और बोल्डर बताया जा रहा है. ये भी बताया जा रहा है कि पहाड़ी पर स्थित चट्टान के एक हिस्से में देर रात करीब 11 बजे वज्रपात हुआ था. देखते ही देखते पहाड़ी से बोल्डर छिटक गए और सीधे नीचे रास्ते किनारे स्थित तीन दुकानों पर गिर गए. बोल्डर इतने भारी थे कि दुकानों का कुछ अता-पता नहीं चला. दुकान समेत लोग सीधे नदी में जा गिरे.

Gaurikund Landslide Incident
गौरीकुंड में मलबे की चपेट में आए कई लोग

लोगों को भागने तक का नहीं मिला मौकाः सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग के किनारे में जहां पर ये दुकानें थी, वहां से मंदाकिनी नदी की दूरी बेहद कम है. ऐसे में पहाड़ी से आए बोल्डर एक साथ दुकानों को तोड़ते हुए नदी में जा गिरे. जो लोग दुकानों के अंदर थे, उन्हें भागने तक का मौका नहीं मिला. पहाड़ी से गिरे भारी भरकम बोल्डर सड़क में न गिरते हुए सीधे दुकानों पर गिरे. नदी से दुकानों की दूरी काफी नजदीक है.

ऐसे में दुकानों का मलबा सीधे नदी में जा गिरा. यदि दुकानों की दूरी नदी से थोड़ी दूर होती तो शायद लापता चल रहे कुछ लोगों की जान बच सकती थी. नदी के ठीक ऊपर अस्थाई तरीके से ये दुकानें बनाई गई थी. दुकानें मजबूत भी नहीं थी. ये दुकानें बोल्डरों का भार नहीं झेल पाई. जिसके चलते 20 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

Gaurikund Landslide Incident
गौरीकुंड में चट्टान और मलबे ने लील ली कई जिंदगियां

रेस्क्यू अभियान में ढिलाई बरतने का आरोपः गौरीकुंड में चट्टान टूटने की घटना में लापरवाही बरतने का आरोप लग रहा है. यहां घटना के चार घंटे बाद रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया. अगर समय से यह रेस्क्यू अभियान शुरू किया जाता तो कुछ लोगों को बचाया जा सकता था. केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव गौरीकुंड की घटना ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
ये भी पढ़ेंः केदारघाटी में भारी बारिश से भूस्खलन, मलबे की चपेट में आई तीन दुकानें, 3 शव बरामद, 17 लोग लापता

गौर हो कि कुछ दिन पहले चमोली जिले में नमामि गंगे योजना के तहत बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में करंट लगने से 16 लोगों की मौत हो गई थी. अब रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड में पहाड़ी टूटने से एक बड़ी घटना घट गई. इसमें 20 लोगों के लापता होने के बाद तीन लोगों के ही शव बरामद हो पाए हैं.

Gaurikund Landslide Incident
गौरीकुंड में रेस्क्यू अभियान में जुटी टीमें

देर रात करीब 12 बजे घटना घटने के बाद शुक्रवार सुबह चार बजे रेस्क्यू अभियान चलाया गया, जबकि रेस्क्यू अभियान की टीम रात दो बजे करीब घटना स्थल पर पहुंच गई थी, लेकिन टीम की ओर से कोई खास मशक्कत नहीं की गई और बारिश बंद होने का इंतजार किया गया. जब सुबह चार बजे बारिश थोड़ी कम हुई, उसके बाद रेस्क्यू टीम अभियान में जुटी और टीम को शुक्रवार दोपहर दो बजे तीन शव बरामद हुए, जबकि अभी तक 17 लोग लापता चल रहे हैं.

अंंधेरा और बारिश होने पर रोकना पड़ा सर्च और रेस्क्यू अभियानः रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि केदारनाथ यात्रा मार्ग गौरीकुंड के डाटपुलिया के पास भारी भूस्खलन से लापता हुए 20 लोगों का सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अभी तक 3 लोगों के शव बरामद किए गए हैं. जिनकी शिनाख्त की जा रही है. अन्य लापता लोगों का रेस्क्यू एवं खोजबीन का कार्य शाम बारिश और अंधेरा होने की वजह से रोक दिया गया है. कल सुबह रेस्क्यू एवं खोजबीन कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

Gaurikund Landslide Incident
मंदाकिनी नदी में सर्च अभियान

नेपाल के लोगों ने गंवाई जान, बच्चे भी शामिलः हादसे में जान गंवाने वाले ज्यादातर लोग नेपाल के हैं. जिसमें बच्चे भी शामिल हैं. इसके अलावा महिलाओं ने भी जान गंवाई है. उधर, मंदाकिनी नदी का बहाव तेज होने पर श्रीनगर तक अलर्ट जारी किया गया है. ताकि, लापता लोगों की खोजबीन की जा सके. अनुमान है कि गौरीकुंड से बहकर शव काफी आगे तक भी जा सकते हैं. ऐसे में मंदाकिनी तट पर नजरें रखी जा रही है.

गौरीकुंड में हादसे में मृतक और लापता लोगों की सूची-

  1. आशु (उम्र 23 वर्ष), निवासी जलई
  2. प्रियांशु चमोला S/O कमलेश चमोला (उम्र 18 वर्ष), निवासी- तिलवाड़ा
  3. रणबीर सिंह (उम्र 28 वर्ष), निवासी- बस्टी
  4. अमर बोहरा S/O मान बहादुर बोहरा, निवासी- नेपाल
  5. अनिता बोहरा W/O अमर बोहरा (उम्र 26 वर्ष), निवासी- नेपाल
  6. राधिका बोहरा D/O अमर बोहरा (उम्र 14 वर्ष), निवासी- नेपाल
  7. पिंकी बोहरा D/O अमर बोहरा (उम्र 8 वर्ष), निवासी- नेपाल
  8. पृथ्वी बोहरा S/O अमर बोहरा (उम्र 7 वर्ष), निवासी- नेपाल
  9. जटिल S/O अमर बोहरा (उम्र 6 वर्ष), निवासी- नेपाल
  10. वकील S/O अमर बोहरा (उम्र 3 वर्ष), निवासी- नेपाल
  11. विनोद S/O बदन सिंह (उम्र 26 वर्ष), निवासी- खानवा, भरतपुर
  12. मुलायम S/O जसवंत सिंह (उम्र 25 वर्ष), निवासी- नगल बंजारा, सहानपुर
  13. सुगाराम S/O जोरा सिंह (उम्र 45 वर्ष), निवासी- नेपाल
  14. बम बोहरा S/O सतर सिंह बोहरा (उम्र 31 वर्ष), निवासी- नेपाल
  15. चंद्र कामी S/O लोउडे कामी (उम्र 26 वर्ष), निवासी- पेरिया, नेपाल
  16. धर्मराज S/O मुन बहादुर (उम्र 56 वर्ष), निवासी- जुमला, नेपाल
  17. नीर बहादुर S/O हरि बहादुर रावल (उम्र 58 वर्ष), निवासी- नेपाल
  18. सुमित्रा देवी W/O नीर बहादुर (उम्र 52 वर्ष), निवासी- नेपाल
  19. कुमारी निशा D/O नीर बहादुर (उम्र 20 वर्ष), निवासी- नेपाल
  20. रोहित बिष्ट S/O लक्ष्मण सिंह, निवासी- उतस्यू, चोपड़ा
Last Updated : Aug 4, 2023, 10:42 PM IST
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