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'पंज प्यारे' बयान पर बवाल, हरीश रावत ने मांगी माफी

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार सलाहकारों को 'पंज प्यारे' कहने पर कड़ी आपत्ति जताई है. वहीं हरीश रावत ने अपने इस बयान के लिए साेशल मीडिया पर माफी मांग ली है. बीजेपी ने भी इस मामले पर हरिश रावत पर निशाना साधा है.

'पंज प्यारे' ब
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Published : Sep 1, 2021, 10:35 AM IST

Updated : Sep 2, 2021, 8:58 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार सलाहकारों को 'पंज प्यारे' कहने पर इस बात की कड़ी निंदा की है. उन्हाेंने कहा कि पंजाब सरकार काे कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के खिलाफ केस दायर करना चाहिए.

आपकाे बता दें कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत द्वारा कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार सलाहकारों को 'पंज प्यारे' कहने पर बवाल मच गया है.

कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के खिलाफ केस दायर करने की मांग

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि यह सिखों का अपमान है.

उन्होंने कहा गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा शुरू की गई इस प्रथा का हरीश रावत ने अपमान किया है क्योंकि इस तरह से किसी सामान्य व्यक्ति या इंसान को इन धार्मिक शब्दों से नहीं नवाजा जाना चाहिए.

सिरसा ने हरीश रावत द्वारा दिये गए इस बयान के लिए माफी मांगने काे कहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी तुलना नहीं की जानी चाहिए. इसलिए रावत को अपने इस बयान पर हर सिख से माफी मांगनी चाहिए.

विवादों में घिरे हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी है. हरीश रावत ने लिखा है कि कभी आप आदर व्यक्त करते हुये, कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं. मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है. मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है.

मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ. मैं प्रायश्चित स्वरूप अपने राज्य के किसी गुरुद्वारे में कुछ देर झाड़ू लगाकर सफाई करूंगा. मैं सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूँ. मैंने चंपावत जिले में स्थित श्री रीठा साहब के मीठे-रीठे, देश के राष्ट्रपति से लेकर, न जाने कितने लोगों को प्रसाद स्वरूप पहुंचाने का काम किया है.

जब मुख्यमंत्री बना तो श्री नानकमत्ता साहब और रीठा साहब, जहां दोनों स्थानों पर श्री गुरु नानक देव जी पधारे थे, सड़क से जोड़ने का काम किया. हिमालयी सुनामी के दौर में हेमकुंड साहिब यात्रा सुचारू रूप से चल सके, वहां मेरे कार्यकाल में हुये काम को आज भी देखा जा सकता है. समय कुछ और मिल गया होता तो घंगरिया से हेमकुंड साहब के मार्ग तक रोपवे का निर्माण भी प्रारंभ कर दिया होता. मैं पुनः आदर सूचक शब्द समझकर उपयोग किये गये अपने शब्द के लिये मैं सबसे क्षमा चाहता हूं.

हरीश रावत ने अपने बयान में कांग्रेस के नेताओं की तुलना सिख समुदाय के 'पंज प्यारे' के साथ कर दी थी. इस पर भाजपा हमलावर हो गयी है. भाजपा से जुड़े सिख नेताओं ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व उत्तराखंड सिख विकास परिषद के अध्यक्ष बलजीत सोनी ने हरीश रावत के बयान पर जिसमें उन्होंने कांग्रेस के नेताओं की तुलना सिख समुदाय के पंज प्यारे के साथ की है, पर कड़ा विरोध जताया है.

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बलजीत सोनी

उन्होंने कहा कि अभी तो सिख समुदाय 1984 की घटना को पूरी तरह से भुला भी नहीं पाया है. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता द्वारा ऐसा बयान सिख समाज के जख्मों पर नमक का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रवृत्ति हमेशा से सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने पंजाब में पंज प्यारे के संबंध में दिए हरीश रावत के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक बताया. उन्होंने कहा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हमेशा से ही धार्मिक भावनाओं को आहत करते रहे हैं. राजनैतिक महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए वह तुष्टिकरण में भी पीछे नहीं रहते. हरीश रावत को उतराखंड में भी अपने अध्यक्ष की भगवान गणेश से तुलना करने पर भी देवभूमि की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर छाए पोस्टर और रावत द्वारा समय समय पर कांग्रेस अध्यक्ष की भगवान से तुलना करने पर स्पष्ट है कि वह राजनीति के लिए धार्मिक रूप से किसी को भी आहत करने में पीछे नहीं हैं.

आपकाे बता दें कि कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी घमासान के बीच पार्टी महासचिव हरीश रावत मंगलवार को पार्टी नेताओं से मिलने और उनकी समस्याएं सुनने चंडीगढ़ पहुंचे.

पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी रावत ने मंगलवार शाम चंडीगढ़ पहुंचने के बाद कहा कि पार्टी की राज्य इकाई में कोई विवाद नहीं है और केवल एक खेमा है जो कांग्रेस का खेमा है. रावत ने कहा कि यदि कोई समस्या है तो उसका समाधान करना उनका काम है.

रावत ने संवाददाताओं से कहा कि जो भी उनसे मिलना चाहता है, वह उससे मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि वह बुधवार को मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास करेंगे और वह गुरुवार तक यहां रहेंगे. रावत के चंडीगढ़ पहुंचने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, कार्यकारी अध्यक्षों कुलजीत नागरा, पवन गोयल और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव परगट सिंह ने उनसे मुलाकात की.

इसे भी पढ़ें : पंजाब कांग्रेस में कलह जारी, सिद्धू ने की सत्र बढ़ाने की मांग, विपक्षियों ने हां में हां मिलाई

इस बीच, शिरोमणि अकाली दल के दलजीत सिंह चीमा ने रावत की कथित 'पंज प्यारे' टिप्पणी पर आपत्ति जताई और उनसे माफी की मांग की.

नई दिल्ली : दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार सलाहकारों को 'पंज प्यारे' कहने पर इस बात की कड़ी निंदा की है. उन्हाेंने कहा कि पंजाब सरकार काे कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के खिलाफ केस दायर करना चाहिए.

आपकाे बता दें कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत द्वारा कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और उनके चार सलाहकारों को 'पंज प्यारे' कहने पर बवाल मच गया है.

कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत के खिलाफ केस दायर करने की मांग

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा है कि यह सिखों का अपमान है.

उन्होंने कहा गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा शुरू की गई इस प्रथा का हरीश रावत ने अपमान किया है क्योंकि इस तरह से किसी सामान्य व्यक्ति या इंसान को इन धार्मिक शब्दों से नहीं नवाजा जाना चाहिए.

सिरसा ने हरीश रावत द्वारा दिये गए इस बयान के लिए माफी मांगने काे कहा है. उन्होंने कहा कि ऐसी तुलना नहीं की जानी चाहिए. इसलिए रावत को अपने इस बयान पर हर सिख से माफी मांगनी चाहिए.

विवादों में घिरे हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी है. हरीश रावत ने लिखा है कि कभी आप आदर व्यक्त करते हुये, कुछ ऐसे शब्दों का उपयोग कर देते हैं जो आपत्तिजनक होते हैं. मुझसे भी कल अपने माननीय अध्यक्ष व चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का उपयोग करने की गलती हुई है. मैं देश के इतिहास का विद्यार्थी हूं और पंज प्यारों के अग्रणी स्थान की किसी और से तुलना नहीं की जा सकती है.

मुझसे ये गलती हुई है, मैं लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ. मैं प्रायश्चित स्वरूप अपने राज्य के किसी गुरुद्वारे में कुछ देर झाड़ू लगाकर सफाई करूंगा. मैं सिख धर्म और उसकी महान परंपराओं के प्रति हमेशा समर्पित भाव और आदर भाव रखता रहा हूँ. मैंने चंपावत जिले में स्थित श्री रीठा साहब के मीठे-रीठे, देश के राष्ट्रपति से लेकर, न जाने कितने लोगों को प्रसाद स्वरूप पहुंचाने का काम किया है.

जब मुख्यमंत्री बना तो श्री नानकमत्ता साहब और रीठा साहब, जहां दोनों स्थानों पर श्री गुरु नानक देव जी पधारे थे, सड़क से जोड़ने का काम किया. हिमालयी सुनामी के दौर में हेमकुंड साहिब यात्रा सुचारू रूप से चल सके, वहां मेरे कार्यकाल में हुये काम को आज भी देखा जा सकता है. समय कुछ और मिल गया होता तो घंगरिया से हेमकुंड साहब के मार्ग तक रोपवे का निर्माण भी प्रारंभ कर दिया होता. मैं पुनः आदर सूचक शब्द समझकर उपयोग किये गये अपने शब्द के लिये मैं सबसे क्षमा चाहता हूं.

हरीश रावत ने अपने बयान में कांग्रेस के नेताओं की तुलना सिख समुदाय के 'पंज प्यारे' के साथ कर दी थी. इस पर भाजपा हमलावर हो गयी है. भाजपा से जुड़े सिख नेताओं ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है.

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व उत्तराखंड सिख विकास परिषद के अध्यक्ष बलजीत सोनी ने हरीश रावत के बयान पर जिसमें उन्होंने कांग्रेस के नेताओं की तुलना सिख समुदाय के पंज प्यारे के साथ की है, पर कड़ा विरोध जताया है.

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बलजीत सोनी

उन्होंने कहा कि अभी तो सिख समुदाय 1984 की घटना को पूरी तरह से भुला भी नहीं पाया है. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता द्वारा ऐसा बयान सिख समाज के जख्मों पर नमक का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की प्रवृत्ति हमेशा से सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की रही है, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने पंजाब में पंज प्यारे के संबंध में दिए हरीश रावत के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक बताया. उन्होंने कहा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हमेशा से ही धार्मिक भावनाओं को आहत करते रहे हैं. राजनैतिक महत्वकांक्षाओं की पूर्ति के लिए वह तुष्टिकरण में भी पीछे नहीं रहते. हरीश रावत को उतराखंड में भी अपने अध्यक्ष की भगवान गणेश से तुलना करने पर भी देवभूमि की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के दौरान सोशल मीडिया पर छाए पोस्टर और रावत द्वारा समय समय पर कांग्रेस अध्यक्ष की भगवान से तुलना करने पर स्पष्ट है कि वह राजनीति के लिए धार्मिक रूप से किसी को भी आहत करने में पीछे नहीं हैं.

आपकाे बता दें कि कांग्रेस की पंजाब इकाई में जारी घमासान के बीच पार्टी महासचिव हरीश रावत मंगलवार को पार्टी नेताओं से मिलने और उनकी समस्याएं सुनने चंडीगढ़ पहुंचे.

पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी रावत ने मंगलवार शाम चंडीगढ़ पहुंचने के बाद कहा कि पार्टी की राज्य इकाई में कोई विवाद नहीं है और केवल एक खेमा है जो कांग्रेस का खेमा है. रावत ने कहा कि यदि कोई समस्या है तो उसका समाधान करना उनका काम है.

रावत ने संवाददाताओं से कहा कि जो भी उनसे मिलना चाहता है, वह उससे मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि वह बुधवार को मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास करेंगे और वह गुरुवार तक यहां रहेंगे. रावत के चंडीगढ़ पहुंचने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू, कार्यकारी अध्यक्षों कुलजीत नागरा, पवन गोयल और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव परगट सिंह ने उनसे मुलाकात की.

इसे भी पढ़ें : पंजाब कांग्रेस में कलह जारी, सिद्धू ने की सत्र बढ़ाने की मांग, विपक्षियों ने हां में हां मिलाई

इस बीच, शिरोमणि अकाली दल के दलजीत सिंह चीमा ने रावत की कथित 'पंज प्यारे' टिप्पणी पर आपत्ति जताई और उनसे माफी की मांग की.

Last Updated : Sep 2, 2021, 8:58 AM IST
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