देहरादून: उत्तराखंड के रुड़की में भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज ऋषभ पंत के सड़क हादसा का कारण सीएम पुष्कर सिंह धामी और दिल्ली डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) ने सड़क पर हुए गड्ढे को बताया है. उनके मुताबिक सड़क में गड्ढे को बचाने के चक्कर में ऋषभ पंत की मर्सिडीज कार दुर्घटनाग्रस्त हुई और इस हादसे में ऋषभ गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. हालांकि सड़क में गड्ढे वाली बात के सामने आने के बाद से ही एनएचएआई की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. वहीं इस मामले में एनएचएआई पर कार्रवाई को लेकर उत्तराखंड पुलिस का कहना है कि यदि ऋषभ पंत शिकायत करते हैं तो मामले की जांच कराई जाएगी. जांच के आधार पर यदि कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी.
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन का कहना है कि इस हादसे के बाद ऋषभ पंत की स्थिति अच्छी नहीं थी, वो शॉक में थे. ऐसे में उनके पास जाकर हादसे की वजह को लेकर पूछताछ करना संभव नहीं था. लेकिन जैसे ही उनकी हालत सामान्य होती है, उसके बाद उनसे इस दुर्घटना कारण को लेकर पुलिस बातचीत करेगी. यदि इस हादसे में कोई उनकी तरफ से शिकायत वाली बात आती है तो निश्चित रूप में छानबीन कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. हरिद्वार पुलिस की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के बावजूद शिकायत के आधार पर विस्तृत छानबीन बनती है.
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वहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन का कहना है कि हरिद्वार पुलिस की प्रारंभिक जांच में हादसे का कारण नींद की झपकी आना सामने आया है. उसके अलावा भी इस गंभीर सड़क दुर्घटना की अब अलग से छानबीन की कार्रवाई तो बनती है. लेकिन इस विषय में ऋषभ पंत की ओर से शिकायत पत्र आने के बाद ही आधिकारिक रूप से विस्तृत जांच पड़ताल होगी
ड्रंक एंड ड्राइव का केस नहीं: एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन की तरफ से साफ किया है कि ऋषभ ने ड्रिक नहीं कर रखी थी. हादसे में ड्रंक एंड ड्राइव का केस सामने नहीं है. इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं है. मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट के आधार ऐसा सामने आया कि ऋषभ पंत ने सड़क हादसे के वक्त शराब नहीं पी हुई थी.
बता दें कि 30 दिसंबर को ऋषभ पंत अपनी कार से दिल्ली से रुड़की अपने घर के लिए निकले थे. इस दौरान जैसे ही वो तड़के पांच बजे रुड़की के पास नारसन पहुंचे तो तभी उसकी तेज रफ्तार कार डिवाइडर से टकरा गई. इस हादसे में उनकी कार में आग भी लग गई थी. तभी वहां से गुजर रही हरियाणा रोडवेज बस के चालक और परिचालक ने ऋषभ पंत को बचाया और पुलिस को मामले की सूचना दी.
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उत्तराखंड में पहले भी हो चुके है सड़कों में गड्ढों की वजह से हादसे: साल 2022 में देहरादून के नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में एक व्यक्ति अपनी बेटी की शादी का कार्ड बांटने जा रहे थे, तभी सड़क में बने गड्ढे के अंदर उनकी स्कूटी गिर गई और मौके पर उनकी मौत हो गई. ऐसे में तत्कालीन एसएसपी ने पीडब्ल्यूडी और कार्यदायी संस्था पर मुकदमा दर्ज कराया था.
वर्ष-2018-19 में आईपीएस सेंथिल अबुदई साइकिल से देहरादून आईटी पार्क की तरफ जा रहे थे, तभी सड़क पर गड्ढे में साइकिल गिरने से उनके दोनों हाथ में फैक्चर हो गया. इस मामले पर भी कार्यदाई संस्था के खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था.
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वर्ष 2015-16 कांग्रेस सरकार के दौरान देहरादून आईएसबीटी के समीप निर्माणाधीन फ्लाईओवर के चलते चारों तरफ सर्विस लाइन सहित आसपास की सड़कें टूटी-फूटी होने की वजह से कई लोगों के हादसे हुए. इस मामले लगातार शिकायत के बाद तत्कालीन कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल की शिकायत के आधार पर सड़कों का निरीक्षण किया गया, जहां काफी जानलेवा खामियां पाई गई. ऐसे में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री अग्रवाल के निर्देश पर कार्रवाई संस्था के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.