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Mann Ki Baat: भोजपत्र के उत्पादों को लेकर PM मोदी ने फिर की चमोली की महिलाओं की तारीफ, कहा-जरूर खरीदें यहां के लोकल उत्पाद - Mann Ki Baat

PM Modi Mann Ki Baat Program प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम से चमोली नीती-माणा घाटी की महिलाओं की जमकर तारीफ की. पीएम मोदी ने कहा कि महिलाओं द्वारा भोजपत्र से बने उत्पाद काफी अच्छे हैं, जिन्हें सैलानी और तीर्थयात्री पसंद करने के साथ अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो रही है.

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Published : Jul 30, 2023, 1:52 PM IST

Updated : Jul 30, 2023, 2:13 PM IST

देहरादून (उत्तराखंड): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के 103वें एपिसोड से देश को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने उत्तराखंड के चमोली जिले का भी जिक्र किया. इस दौरान पीएम मोदी ने चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं द्वारा भोजपत्र के बनाए जा रहे उत्पादन की जमकर तारीफ की. साथ ही प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोकल उत्पादों को खरीदें, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ये प्राचीन विरासत उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए रंग भर रही है.

pm modi
भोजपत्र के उत्पाद पीएम मोदी को आए थे पसंद

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की कुछ माताओं और बहनों ने जो पत्र मुझे लिखे हैं, वो भावुक कर देने वाले हैं. उन्होंने अपने बेटे को, अपने भाई को, खूब सारा आशीर्वाद दिया है. पत्र में लिखा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा 'भोजपत्र' उनकी आजीविका का साधन बन सकता है. साथियों, मुझे यह पत्र चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं ने लिखा है. ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर माह में मुझे भोजपत्र पर एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी. यह उपहार पाकर मैं भी बहुत अभिभूत हो गया.

pm modi
भोजपत्र पर लिखी बदरीनाथ की आरती
पढ़ें-नीति माणा की महिलाओं ने पीएम मोदी को कहा 'THANK YOU', भोजपत्र पर लिखी बदरीनाथ की आरती भेजी

आखिर, हमारे यहां प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं. महाभारत भी तो इसी भोजपत्र पर लिखा गया था. आज, देवभूमि की ये महिलाएं, इस भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियां और स्मृति चिन्ह बना रही हैं. माणा गांव की यात्रा के दौरान मैंने उनके इस विशेष प्रयास की सराहना की थी.मैंने, देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोकल उत्पादों को खरीदें. इसका वहां बहुत असर हुआ है. आज, भोजपत्र के उत्पादों को यहां आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं.
पढ़ें-माणा गांव की महिलाओं की आजीविका का साधन बना भोज पत्र, पीएम मोदी कर चुके हैं तारीफ

भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है. मुझे यह जानकर भी खुशी हुई है कि भोजपत्र से नए-नए उत्पाद बनाने के लिए राज्य सरकार, महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

देहरादून (उत्तराखंड): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के 103वें एपिसोड से देश को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने उत्तराखंड के चमोली जिले का भी जिक्र किया. इस दौरान पीएम मोदी ने चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं द्वारा भोजपत्र के बनाए जा रहे उत्पादन की जमकर तारीफ की. साथ ही प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोकल उत्पादों को खरीदें, जिसका असर भी देखने को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ये प्राचीन विरासत उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए रंग भर रही है.

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भोजपत्र के उत्पाद पीएम मोदी को आए थे पसंद

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड की कुछ माताओं और बहनों ने जो पत्र मुझे लिखे हैं, वो भावुक कर देने वाले हैं. उन्होंने अपने बेटे को, अपने भाई को, खूब सारा आशीर्वाद दिया है. पत्र में लिखा कि उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी, कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर रहा 'भोजपत्र' उनकी आजीविका का साधन बन सकता है. साथियों, मुझे यह पत्र चमोली जिले की नीती-माणा घाटी की महिलाओं ने लिखा है. ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर माह में मुझे भोजपत्र पर एक अनूठी कलाकृति भेंट की थी. यह उपहार पाकर मैं भी बहुत अभिभूत हो गया.

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भोजपत्र पर लिखी बदरीनाथ की आरती
पढ़ें-नीति माणा की महिलाओं ने पीएम मोदी को कहा 'THANK YOU', भोजपत्र पर लिखी बदरीनाथ की आरती भेजी

आखिर, हमारे यहां प्राचीन काल से हमारे शास्त्र और ग्रंथ, इन्हीं भोजपत्रों पर सहेजे जाते रहे हैं. महाभारत भी तो इसी भोजपत्र पर लिखा गया था. आज, देवभूमि की ये महिलाएं, इस भोजपत्र से, बेहद ही सुंदर-सुंदर कलाकृतियां और स्मृति चिन्ह बना रही हैं. माणा गांव की यात्रा के दौरान मैंने उनके इस विशेष प्रयास की सराहना की थी.मैंने, देवभूमि आने वाले पर्यटकों से अपील की थी, कि वो, यात्रा के दौरान ज्यादा से ज्यादा लोकल उत्पादों को खरीदें. इसका वहां बहुत असर हुआ है. आज, भोजपत्र के उत्पादों को यहां आने वाले तीर्थयात्री काफी पसंद कर रहे हैं और इसे अच्छे दामों पर खरीद भी रहे हैं.
पढ़ें-माणा गांव की महिलाओं की आजीविका का साधन बना भोज पत्र, पीएम मोदी कर चुके हैं तारीफ

भोजपत्र की यह प्राचीन विरासत, उत्तराखंड की महिलाओं के जीवन में खुशहाली के नए-नए रंग भर रही है. मुझे यह जानकर भी खुशी हुई है कि भोजपत्र से नए-नए उत्पाद बनाने के लिए राज्य सरकार, महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी जा रही है.

Last Updated : Jul 30, 2023, 2:13 PM IST
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