देहरादून(उत्तराखंड): भागदौड़ भरी जिंदगी में सुकून के दो पल बिताने के लिए टूरिस्ट पहाड़ों की शांत वादियों की ओर रुख करते हैं. देशभर में कई ऐसे टूरिस्ट स्पॉट हैं जहां सालभर पर्यटकों का तांता लगा रहता है, मगर बात अगर उत्तराखंड की वादियों की करें तो इनका कोई सानी नहीं है. इसकी तस्दीक अब भारत सरकार ने भी की है. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने पिथौरागढ़ जिले के सरमोली गांव का चयन देश के बेस्ट टूरिज्म विलेज के रूप में किया है. पर्यटन मंत्रालय ने देश के तमाम गांवों का सर्वे करने के बाद उत्तराखंड के इस गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज का दर्जा दिया है. इसकी आधिकारिक घोषणा 27 सितंबर को दिल्ली में होगी.
उत्तराखंड में बढ़ा विलेज टूरिज्म का ट्रेंड: घुमावदार सड़कें, ऊंचे, ऊंचे पहाड़, कलकल करती नदियां और शांति वादियां, ये सभी देवभूमि उत्तराखंड की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. उत्तराखंड का सुहावना मौसम झरने, पहाड़ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. जिसके कारण यहां सालभर पर्यटकों की आमद रहती है. पर्यटकों की आमद के कारण उत्तराखंड के गांव भी गुलजार हो रहे हैं. गुलजार होते गांव पर्यटकों की आरामगाह बन रहे हैं. बीते कुछ सालों में उत्तराखंड में पर्यटन को लेकर विशेष काम किया गया है. 13 जिले, 13 डेस्टिनेशन, होम स्टे जैसी योजनाओं से उत्तराखंड में टूरिज्म बढ़ा है. जिससे यहां के गांवों को भी पहचान मिली है. टूरिज्म ने उत्तराखंड के ऐसे ही एक गांव को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी है. ये गांव पिथौरागढ़ जिले का सरमोली गांव है. सरमोली गांव का चयन देश के श्रेष्ठ पर्यटक गांव के लिए हुआ है. सरमोली गांव पहले से ही अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है.
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खास है पिथौरागढ़ जिले का सरमोली गांव: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ का सरमोली गांव अपनी समृद्ध संस्कृति, साफ-सफाई और शांति वादियों के लिए हमेशा ही चर्चाओं में रहा है. यह गांव पर्यटकों की ट्रेकिंग के लिए मुफीद माना जाता है. कहा जाता है कि इस गांव में जाकर पर्यटक या कोई भी व्यक्ति बेहद करीब से गांव की जीवन शैली को देख और जी सकता है. इस गांव में अलग-अलग मौसम में शकरकंद, राजमा और दाल जैसी फसलों की पैदावार होती है. सरमोली गांव के बारे में कहा जाता है की केरल की रहने वाली मल्लिका विर्दी और उनके पति ने लगभग दो दशक पहले इस गांव को आधिकारिक रूप से गोद लिया था. वह चाहते थे कि शहर की भागदौड़ से दूर वो एक ऐसा गांव बसाएं जहां बेहद शांति हो. मौजूदा समय में पर्यटकों के रुकने के लिए यहां 20 से अधिक होमस्टे हैं. यहां बनाये गये होमस्टे भी विशेष शैली के बनाये हुए हैं. इनमें उत्तराखंड की संस्कृति की झलक दिखती है. इन सभी होम स्टे को गांव के ही लोग ही चलाते हैं. यहां पहुंचने वाले पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. सरमोली गांव से हिमालय का विस्तृत नजारा दिखता है. यहां से नंदा देवी, पंचाचुली की चोटियों का खूबसूरत नजारा साफ दिखता है.
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27 सितंबर को होगी आधिकारिक घोषणा: पर्यटन मंत्रालय ने देशभर में बेस्ट टूरिज्म विलेज के लिए तमाम गांवों का सर्वे करवाया. जिसके बाद पिथौरागढ़ जिले के सरमोली गांव को श्रेष्ठ पर्यटन गांव का दर्जा दिया गया है. इसकी आधिकारिक घोषणा 27 सितंबर को दिल्ली में की जाएगी. एक प्रतियोगिता के तहत पिथौरागढ़ के इस गांव को श्रेष्ठ पर्यटन गांव के लिए चयनित किया गया था. इस प्रतियोगिता में देखा गया कि गांव में कौन कौन सी सुख सुविधाएं हैं? गांव में साफ सफाई की क्या व्यवस्था है? गांव के रहन-सहन को भी इसमें नंबर दिये गये. इसके साथ ही ही लोगों का व्यवहार, गांव का वातावरण, इसकी कनेक्टिविटी, गांव का माहौल जैसी चीजों तो इसमें परखा गया. राज्य सरकार ने इस प्रतियोगिता के लिए 795 गांवों के आवेदन भारत सरकार को भेजे. जिसके बाद सरमोली गांव को इस श्रेणी में शामिल किया गया. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय से इसे लेकर उत्तराखंड सरकार को एक आधिकारिक पत्र भी मिल गया है. 27 सितंबर को दिल्ली में होने जा रहे कार्यक्रम में राज्य पर्यटन विभाग से जुड़े अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
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क्या कहते हैं पर्यटन मंत्री: उत्तराखंड सरकार में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना यह राज्य के लिए यह बेहद सुखद बात है कि पिथौरागढ़ जैसे क्षेत्र के सरमोली गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज के लिए चुना गया है. उन्होंने कहा इससे राज्य के टूरिस्ट प्लेसेस को पहचान मिलेगी. साथ ही गांव को लेकर भी लोगों का नजरिया बदलेगा.
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कैसे पहुंचें बेस्ट टूरिज्म विलेज सरमोली गांव: इस गांव तक पहुंचाने के सबसे करीबी हवाई अड्डा पंतनगर है. यहां से दिल्ली और दूसरे शहरों से सीधी फ्लाइट आती रहती हैं. इसके बाद आप टैक्सी के जरिये पिथौरागढ़ तक पहुंचना होता है. जिसके बाद स्थानीय मैक्स, गाड़ियों के जरिये आप सरमोली गांव पहुंच सकते हैं. काठगोदाम रेलवे स्टेशन भी इस गांव के करीब है. सरमोली गांव यहां से लगभग 280 किलोमीटर दूर है. इस सफर को आप बस या खुद की गाड़ी से तय कर सकते हैं. सरमोली गांव 12 महीने पर्यटकों के लिए खुला रहता है.
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उत्तराखंड में ऐसे सैकड़ों गांव हैं जो अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं. उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा जिलों में कई ऐसे गांव हैं जो बेहद खूबसूरत हैं. इसके बाद भी वे टूरिज्म के नक्शे से बाहर हैं. भारत सरकार की पहल के बाद हो सकता है कि राज्य सरकार इन गांवों की ओर ध्यान दे. इन गांवों में टूरिज्म को विकसित करने के लिए कोशिशें की जायें. जिससे भविष्य में टूरिज्म की दूसरी प्रतिस्पर्धाओं में भी उत्तराखंड के गांव अग्रणी रहें.