ETV Bharat / bharat

38 साल पहले ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हुए थे चंद्रशेखर, सियाचीन में मिला पार्थिव शरीर, कल होगा अंतिम संस्कार - Chandrashekhar was martyred 38 years ago

19 कुमाऊं रेजीमेंट में जवान चंद्रशेखर हरबोला की मौत 29 मई 1984 को सियाचीन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान हो गई थी. 38 साल पहले सियाचीन में शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर शनिवार को मिला. जिसे 15 अगस्त को उनके घर हल्द्वानी लाया जाएगा. जहां उनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

Chandrashekhar was martyred 38 years ago
38 साल पहले ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हुए थे चंद्रशेखर
author img

By

Published : Aug 14, 2022, 8:00 PM IST

हल्द्वानी: जहां पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर जश्न मना रहा है और कल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर देशभर में ध्वजारोहण और कार्यक्रम किया जाएगा. वहीं, 38 साल पहले ऑपरेशन मेघदूत में सियाचीन में शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर (Lance Naik Chandrashekhar Body) उनके घर हल्द्वानी लाया जाएगा. बता दें कि करीब चार दशक पहले मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट निवासी चंद्रशेखर सियाचीन में ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हो गए थे. उनका पार्थिव शरीर कल मिला है.

कुमाऊं रेजीमेंट में थे चंद्रशेखर: 19 कुमाऊं रेजीमेंट में जवान चंद्रशेखर हरबोला की मौत 29 मई 1984 को सियाचीन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान हो गई थी. बर्फीले तूफान में ऑपरेशन मेघदूत में 19 लोग दबे गए थे. जिनमें से 14 जवानों का शव बरामद कर लिया गया था, लेकिन पांच जवानों का शव नहीं मिल पाया था. जिसके बाद सेना ने चंद्रशेखर के घर में यह सूचना दी थी कि उनकी मौत बर्फीले तूफान की वजह से हो गई है.

38 साल पहले ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हुए थे चंद्रशेखर.

38 साल पहले था अंतिम संस्कार: उस दौरान चंद्रशेखर हरबोला की उम्र सिर्फ 28 साल थी. उनकी दोनों बेटियां बहुत छोटी थी. परिजनों ने चंद्रशेखर का अंतिम संस्कार पहाड़ के रीति रिवाज के हिसाब से किया था, लेकिन अब 38 साल बाद उनका पार्थिव शरीर सियाचीन में खोजा गया है, जो बर्फ के अंदर दबा हुआ था. जिसके बाद अब उनके पार्थिव शरीर को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन उनके घर पहुंचेगा.

सैनिक सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार: जहां रानी बाग स्थित चित्रशाला घाट में पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. परिवार वालों ने 38 साल पहले चंद्रशेखर हरबोला का विधि विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन अब 38 साल बाद उनके पार्थिव शरीर बरामद होने की सूचना आर्मी हेड क्वार्टर से मिला है. जिसके बाद परिवार एक बार फिर से भावुक हो उठा है.

ये भी पढ़ें: महेंद्र भट्ट के बयान पर हरीश रावत का पलटवार, पूछा जिनके पास घर नहीं है क्या वे राष्ट्रभक्त नहीं है

चंद्रशेखर की शहादत पर परिवार को गर्व: चंद्रशेखर हरबोला की पत्नी शांति देवी के आंखों के आंसू अब सुख चुके हैं. क्योंकि उनको पता है कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं है. गम उनको सिर्फ इस बात का था की आखिरी समय में उनका चेहरा नहीं देख सकी. वहीं, उनकी बेटी कविता पांडे ने कहा पिता की मौत के समय वह बहुत छोटी थी. ऐसे में उनको अपने पिता का चेहरा याद नहीं है. अब जब उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचेगा. तभी जाकर उनका चेहरा देख सकेंगे. उनकी मौत का गम तो उनके पूरे परिजनों को है, लेकिन गर्व इस बात की है कि उन्होंने अपनी जान देश की रक्षा के लिए गंवाई है.

बर्फीले तूफान में हुए थे शहीद: चंद्रशेखर हरबोला के परिजनों का कहना है कि सियाचीन में उनकी पोस्टिंग थी. ऑपरेशन मेघदूत के दौरान बर्फीले तूफान में 19 जवानों की मौत हुई थी. जिसमें से 14 जवानों के शव को सेना ने खोज निकाला था, लेकिन 5 शव को खोजना बाकी था. एक दिन पहले की चंद्रशेखर हरबोला और उनके साथ एक अन्य जवान का शव सियाचीन के बर्फ में मिला. सेना से परिवार को सूचना मिली कि चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर मिला है. जिसका बैच संख्या 4164584 हैं. अब 15 अगस्त को उनके पार्थिव शरीर को धान मिल स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा.

हल्द्वानी उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि पार्थिव शरीर 15 अगस्त देर शाम तक पहुंचने की उम्मीद है. जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ रानीबाग चित्रशिला घाट में की जाएगी

हल्द्वानी: जहां पूरा देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर जश्न मना रहा है और कल स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर देशभर में ध्वजारोहण और कार्यक्रम किया जाएगा. वहीं, 38 साल पहले ऑपरेशन मेघदूत में सियाचीन में शहीद हुए लांस नायक चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर (Lance Naik Chandrashekhar Body) उनके घर हल्द्वानी लाया जाएगा. बता दें कि करीब चार दशक पहले मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट निवासी चंद्रशेखर सियाचीन में ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हो गए थे. उनका पार्थिव शरीर कल मिला है.

कुमाऊं रेजीमेंट में थे चंद्रशेखर: 19 कुमाऊं रेजीमेंट में जवान चंद्रशेखर हरबोला की मौत 29 मई 1984 को सियाचीन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान हो गई थी. बर्फीले तूफान में ऑपरेशन मेघदूत में 19 लोग दबे गए थे. जिनमें से 14 जवानों का शव बरामद कर लिया गया था, लेकिन पांच जवानों का शव नहीं मिल पाया था. जिसके बाद सेना ने चंद्रशेखर के घर में यह सूचना दी थी कि उनकी मौत बर्फीले तूफान की वजह से हो गई है.

38 साल पहले ऑपरेशन मेघदूत में शहीद हुए थे चंद्रशेखर.

38 साल पहले था अंतिम संस्कार: उस दौरान चंद्रशेखर हरबोला की उम्र सिर्फ 28 साल थी. उनकी दोनों बेटियां बहुत छोटी थी. परिजनों ने चंद्रशेखर का अंतिम संस्कार पहाड़ के रीति रिवाज के हिसाब से किया था, लेकिन अब 38 साल बाद उनका पार्थिव शरीर सियाचीन में खोजा गया है, जो बर्फ के अंदर दबा हुआ था. जिसके बाद अब उनके पार्थिव शरीर को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन उनके घर पहुंचेगा.

सैनिक सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार: जहां रानी बाग स्थित चित्रशाला घाट में पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. परिवार वालों ने 38 साल पहले चंद्रशेखर हरबोला का विधि विधान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया था, लेकिन अब 38 साल बाद उनके पार्थिव शरीर बरामद होने की सूचना आर्मी हेड क्वार्टर से मिला है. जिसके बाद परिवार एक बार फिर से भावुक हो उठा है.

ये भी पढ़ें: महेंद्र भट्ट के बयान पर हरीश रावत का पलटवार, पूछा जिनके पास घर नहीं है क्या वे राष्ट्रभक्त नहीं है

चंद्रशेखर की शहादत पर परिवार को गर्व: चंद्रशेखर हरबोला की पत्नी शांति देवी के आंखों के आंसू अब सुख चुके हैं. क्योंकि उनको पता है कि उनके पति अब इस दुनिया में नहीं है. गम उनको सिर्फ इस बात का था की आखिरी समय में उनका चेहरा नहीं देख सकी. वहीं, उनकी बेटी कविता पांडे ने कहा पिता की मौत के समय वह बहुत छोटी थी. ऐसे में उनको अपने पिता का चेहरा याद नहीं है. अब जब उनका पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचेगा. तभी जाकर उनका चेहरा देख सकेंगे. उनकी मौत का गम तो उनके पूरे परिजनों को है, लेकिन गर्व इस बात की है कि उन्होंने अपनी जान देश की रक्षा के लिए गंवाई है.

बर्फीले तूफान में हुए थे शहीद: चंद्रशेखर हरबोला के परिजनों का कहना है कि सियाचीन में उनकी पोस्टिंग थी. ऑपरेशन मेघदूत के दौरान बर्फीले तूफान में 19 जवानों की मौत हुई थी. जिसमें से 14 जवानों के शव को सेना ने खोज निकाला था, लेकिन 5 शव को खोजना बाकी था. एक दिन पहले की चंद्रशेखर हरबोला और उनके साथ एक अन्य जवान का शव सियाचीन के बर्फ में मिला. सेना से परिवार को सूचना मिली कि चंद्रशेखर का पार्थिव शरीर मिला है. जिसका बैच संख्या 4164584 हैं. अब 15 अगस्त को उनके पार्थिव शरीर को धान मिल स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा.

हल्द्वानी उप जिलाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि पार्थिव शरीर 15 अगस्त देर शाम तक पहुंचने की उम्मीद है. जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार सैनिक सम्मान के साथ रानीबाग चित्रशिला घाट में की जाएगी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.