मसूरी: नगर पालिका परिषद द्वारा मसूरी की स्थापना के 200 साल पूरे होने पर द्विशताब्दी कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. इसके तहत बुधवार की शाम को मसूरी के ऐतिहासिक गांधी चौक पर आईटीबीपी के जवानों ने ब्रास बैंड की प्रस्तुति दी. इस प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया. मसूरी के 200 साल पूरे होने पर मसूरी की स्थापना करने वाले कैप्टन यंग की वंशज रिचिल अपने परिवार जनों और दोस्तों के साथ मसूरी पहुंची.
मसूरी की स्थापना के 200 वर्ष पूरे होने पर पहुंची रिचिल: रिचिल ने मसूरी के 200 साल पूरे होने पर मसूरी वासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने इस मौके पर अपनी खुशी भी जाहिर की. मसूरी गांधी चौक में आयोजित कार्यक्रम में कैप्टन यंग की वंशज रिचिल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. वह आईटीबीपी के जवानों के द्वारा प्रस्तुत ब्रास बैंड की धुन में खो सी गईं. रिचिल ने आईटीबीपी के जवानों की ब्रास बैंड की प्रस्तुति की जमकर तारीफ की.
कैप्टन यंग ने बसाई थी मसूरी: कैप्टन यंग की वंशज रिचिल ने कहा कि कैप्टन यंग को मसूरी का वातावरण और मौसम काफी पसंद था. उनके द्वारा बीमार और घायल जवानों के लिये पहला अस्पताल मसूरी के छावनी परिषद में बनाया गया था. उन्होंने कहा कि मसूरी काफी खूबसूरत शहर है. इसकी खूबसूरती और पर्यावरण को संरक्षित किया जाना सबकी जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि कैप्टन यंग ने मसूरी के मलिंगार में अपना घर बनाया था. सिस्टर बाजार में सेनेटोरियम बनवाया था. उन्होंने बताया कि वह मसूरी के केमल बैक पर स्थित कब्रिस्तान भी जायेंगी, क्योंकि वहां पर उनके कई सारे रिश्तेदारों की कब्र आज भी मौजूद हैं.
कार्यक्रम की अध्यक्ष ने क्या कहा: मसूरी नगर पालिका परिषद द्वारा मसूरी में द्विशताब्दी कार्यक्रम की अध्यक्ष सभासद जसबीर कौर ने कहा कि मसूरी की स्थापना के 200 वर्ष पूरे होने पर नगर पालिका परिषद की ओर से कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि परंपरा को जीवित कर आईटीबीपी का बैंड वादन कार्यक्रम में रखा गया है. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में गांधी चौक के बैंड स्टैंड पर प्रतिदिन शाम के समय बैंड बजाया जाता था. आजादी के बाद भी कई वर्षों तक हर रविवार को पर्यटकों के लिए बैंड बजाया जाता था.
इन लोगों का होगा सम्मान: कौर ने कहा कि 200 साल पहले कैप्टन यंग ने मसूरी को बसाया था. नगर पालिका परिषद द्वारा मसूरी के 200 साल पूरे होने पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसमें मसूरी के 1950 के समय रहने वाले लोगों को जिनके द्वारा मसूरी के विकास के लिये काम किया गया था, उनके परिजनों को सम्मानित किया जायेगा.
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