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नेपाल के पूर्व PM ओली का विवादित बयान, 'इलेक्शन जीता तो भारत के इन तीन हिस्सों को नेपाल में मिलाएंगे'

नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने एक बार फिर से भारतीय भूभाग कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को लेकर विवादित बयान दिया है. दरअसल भारत-नेपाल सीमा स्थित दार्चुला में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा नेपाल का हिस्सा है, जिस पर भारत ने कब्जा कर रखा है. जब वो सत्ता में आएंगे तो भारत से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा वापस लेंगे.

KP SHARMA OLI CONTROVERSIAL STATEMENT
नेपाल के पूर्व PM ओली का विवादित बयान
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Published : Nov 5, 2022, 7:43 PM IST

पिथौरागढ़: नेपाल में 20 नवंबर को संसदीय चुनाव होने हैं. इसी को लेकर नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने उत्तराखंड से लगी नेपाल की सीमा दार्चुला में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भारत के खिलाफ विवादित बयान दिया. चुनाव में अपनी जीत के लिए दांव खेलते हुए ओली ने एक बार फिर भारत का हिस्सा कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल की जमीन बताया है. साथ थी उन्होंने कहा अगर उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो, वह भारत के अतिक्रमण से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को मुक्त कराएंगे.

भारतीय भूभाग पर ओली का दावा: पिथौरागढ़ जिले में धारचूला से लगे नेपाली सीमा दार्चुला में नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से भारतीय भूभाग कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया. संसदीय चुनाव को लेकर ओली नेपाल के दार्चुला में रैली करने पहुंचे थे. इसके लिए नेकपा एमाले के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओली पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने पहुंचे थे.

नेपाल के पूर्व PM ओली का विवादित बयान.
ये भी पढ़ें: CM धामी ने अधिकारियों को भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाने के दिये निर्देश

भारत के खिलाफ विवादित बयान: चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केपी ओली ने कहा कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा नेपाली की जमीन है, जिस पर भारत ने अतिक्रमण कर रखा है. हम भारत से अपनी अतिक्रमण की गई जमीन वापस लेंगे. उन्होंने कहा हम आज फिर से इसकी गारंटी देना चाहते हैं कि राष्ट्रीयता के सवाल पर अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेंगे. केपी शर्मा ओली ने ये भी कहा कि हम पहले ही संसद में इस भूमि के भूभाग को नेपाली राजनीतिक नक्शे में शामिल कर चुके हैं. ओली के भड़काऊ भाषण से उग्र होकर कुछ नेपाली नागरिकों ने उत्साहित होकर नदी पार से भारत की तरफ पत्थरबाजी की.

नेपाल का दावा: लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी विवाद: नेपाल भारत के तीन दिशाओं से घिरा हुआ है. नेपाल भारत की ओर से पूर्व, पश्चिम और दक्षिण से घिरा हुआ है. भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल अपना हिस्सा बताता रहा है. नेपाल का आरोप है कि भारत ने जबरन इन हिस्सों पर कब्जा किया हुआ है. नेपाल का दावा है कि इन तीनों हिस्सों पर महाकाली नदी लिम्पियाधुरा से निकलती है, इसलिए लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी नेपाल का हिस्सा है.

भारत का दावा: वहीं, भारत का दावा है कि महाकाली नदी कालापानी गांव (उत्तराखंड) से निकलती है, इसलिए ये भारत का हिस्सा है. महाकाली नदी की धाराएं बदलने की वजह से दोनों देश समस्या का समाधान निकालने में असमर्थ हैं. नेपाल का कहना है कि लिपुलेखा पर्वत महाकाली नदी के पूरब में है, जिसके कारण यह नेपाल का हिस्सा है. इसलिए दोनों देशों के बीच यह सीमा विवाद रहता है.

राजनीतिक नक्शे में नेपाल ने किया दावा: 2020 में नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा पेश किया था, जिसमें नेपाल ने दावा किया कि महाकाली नदी का स्रोत लिम्पियाधुरा है, साथ ही कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल के नक्शे में दर्शाया था.

पिथौरागढ़: नेपाल में 20 नवंबर को संसदीय चुनाव होने हैं. इसी को लेकर नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने उत्तराखंड से लगी नेपाल की सीमा दार्चुला में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने अपने भाषण में भारत के खिलाफ विवादित बयान दिया. चुनाव में अपनी जीत के लिए दांव खेलते हुए ओली ने एक बार फिर भारत का हिस्सा कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल की जमीन बताया है. साथ थी उन्होंने कहा अगर उनकी पार्टी की सरकार सत्ता में आती है तो, वह भारत के अतिक्रमण से कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को मुक्त कराएंगे.

भारतीय भूभाग पर ओली का दावा: पिथौरागढ़ जिले में धारचूला से लगे नेपाली सीमा दार्चुला में नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने एक बार फिर से भारतीय भूभाग कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा बताया. संसदीय चुनाव को लेकर ओली नेपाल के दार्चुला में रैली करने पहुंचे थे. इसके लिए नेकपा एमाले के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओली पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार करने पहुंचे थे.

नेपाल के पूर्व PM ओली का विवादित बयान.
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भारत के खिलाफ विवादित बयान: चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए केपी ओली ने कहा कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा नेपाली की जमीन है, जिस पर भारत ने अतिक्रमण कर रखा है. हम भारत से अपनी अतिक्रमण की गई जमीन वापस लेंगे. उन्होंने कहा हम आज फिर से इसकी गारंटी देना चाहते हैं कि राष्ट्रीयता के सवाल पर अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेंगे. केपी शर्मा ओली ने ये भी कहा कि हम पहले ही संसद में इस भूमि के भूभाग को नेपाली राजनीतिक नक्शे में शामिल कर चुके हैं. ओली के भड़काऊ भाषण से उग्र होकर कुछ नेपाली नागरिकों ने उत्साहित होकर नदी पार से भारत की तरफ पत्थरबाजी की.

नेपाल का दावा: लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी विवाद: नेपाल भारत के तीन दिशाओं से घिरा हुआ है. नेपाल भारत की ओर से पूर्व, पश्चिम और दक्षिण से घिरा हुआ है. भारत के कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल अपना हिस्सा बताता रहा है. नेपाल का आरोप है कि भारत ने जबरन इन हिस्सों पर कब्जा किया हुआ है. नेपाल का दावा है कि इन तीनों हिस्सों पर महाकाली नदी लिम्पियाधुरा से निकलती है, इसलिए लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी नेपाल का हिस्सा है.

भारत का दावा: वहीं, भारत का दावा है कि महाकाली नदी कालापानी गांव (उत्तराखंड) से निकलती है, इसलिए ये भारत का हिस्सा है. महाकाली नदी की धाराएं बदलने की वजह से दोनों देश समस्या का समाधान निकालने में असमर्थ हैं. नेपाल का कहना है कि लिपुलेखा पर्वत महाकाली नदी के पूरब में है, जिसके कारण यह नेपाल का हिस्सा है. इसलिए दोनों देशों के बीच यह सीमा विवाद रहता है.

राजनीतिक नक्शे में नेपाल ने किया दावा: 2020 में नेपाल ने नया राजनीतिक नक्शा पेश किया था, जिसमें नेपाल ने दावा किया कि महाकाली नदी का स्रोत लिम्पियाधुरा है, साथ ही कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल के नक्शे में दर्शाया था.

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