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पीलीभीत के अस्पताल में पुरुष डॉक्टरों से रेप पीड़िताओं ने मेडिकल कराने से किया इनकार, ये है वजह - Rape in Pilibhit

पीलीभीत के अस्पताल (Pilibhit Hospital) में महिला डॉक्टर न होने से महिलाओं के मेडिकल को लेकर समस्या सामने आ रही है. रेप पीड़िताएं (Rape Victims) पुरुष डॉक्टरों से मेडिकल नहीं करा रही हैं. वहीं, इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग (Health Department in UP) शासन स्तर पर पत्राचार की बात कह रहा है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 30, 2023, 1:12 PM IST

पीलीभीतः उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) भले ही प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हों लेकिन पीलीभीत में मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल (Pilibhit Hospital) के हालात ऐसे हैं कि यहां एक भी महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं है. ऐसे में महिला संबंधी अपराधों की पीड़िताएं पीलीभीत के जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए तो आती हैं लेकिन पुरुष चिकित्सा देखते ही मेडिकल कराने से इनकार कर देतीं हैं. इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग (Health Department in UP) शासन स्तर पर पत्राचार करने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहा है.

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महिला डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा अस्पताल.



पीलीभीत में 1 जून से 28 सितंबर तक दुष्कर्म (Rape in Pilibhit) के करीब 79 मामले सामने आए थे. इसमें पांच नाबालिग किशोरियों से जुड़े मामले भी शामिल थे. इन सभी मामलों में पीड़िताएं मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल पहुंचीं लेकिन 70 महिलाओं ने पुरुष चिकित्सकों से मेडिकल परीक्षण कराने से ही इनकार कर दिया.

इसका प्रमुख कारण है कि पीलीभीत मेडिकल कॉलेज (Pilibhit Medical College) से संबद्ध अस्पताल में महिला चिकित्सक की तैनाती ही नहीं है. पीलीभीत में तैनात डॉक्टर अनीता चौरसिया 1 मार्च को रिटायर हो चुकीं है. वहीं, डॉक्टर कमल भी जिला अस्पताल से रिटायर्ड हो चुके हैं. महिला अस्पताल में अब डॉक्टर राजेश कुमार अधीक्षक के पद पर तैनात हैं वहीं डॉक्टर केके भट्ट महिला अस्पताल के गाइनेकोलॉजिस्ट है.

इस पूरे मामले पर पीलीभीत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक कुमार शर्मा का कहना है कि जिले में दो महिला चिकित्सकों की तैनाती है. इसके साथ ही स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद पर डॉक्टर केके भट्ट भी तैनात हैं. मेडिकल परीक्षण के लिए हमने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए डॉक्टर को थाना स्तर की जिम्मेदारी दी हैं. अन्य डॉक्टरों की तैनाती के लिए बीते दिनों इंटरव्यू लिए गए थे. जल्द ही जिला अस्पताल में नए चिकित्सा आ जाएंगे.

ये भी पढे़ंः पीलीभीत पहुंचे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का किया निरीक्षण

ये भी पढ़ेंः पीलीभीत: अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में दबंगों ने डॉक्टर और फार्मासिस्ट को पीटा

पीलीभीतः उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक (Deputy CM Brijesh Pathak) भले ही प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हों लेकिन पीलीभीत में मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पताल (Pilibhit Hospital) के हालात ऐसे हैं कि यहां एक भी महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं है. ऐसे में महिला संबंधी अपराधों की पीड़िताएं पीलीभीत के जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण के लिए तो आती हैं लेकिन पुरुष चिकित्सा देखते ही मेडिकल कराने से इनकार कर देतीं हैं. इस पूरे मामले पर स्वास्थ्य विभाग (Health Department in UP) शासन स्तर पर पत्राचार करने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहा है.

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महिला डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा अस्पताल.



पीलीभीत में 1 जून से 28 सितंबर तक दुष्कर्म (Rape in Pilibhit) के करीब 79 मामले सामने आए थे. इसमें पांच नाबालिग किशोरियों से जुड़े मामले भी शामिल थे. इन सभी मामलों में पीड़िताएं मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल पहुंचीं लेकिन 70 महिलाओं ने पुरुष चिकित्सकों से मेडिकल परीक्षण कराने से ही इनकार कर दिया.

इसका प्रमुख कारण है कि पीलीभीत मेडिकल कॉलेज (Pilibhit Medical College) से संबद्ध अस्पताल में महिला चिकित्सक की तैनाती ही नहीं है. पीलीभीत में तैनात डॉक्टर अनीता चौरसिया 1 मार्च को रिटायर हो चुकीं है. वहीं, डॉक्टर कमल भी जिला अस्पताल से रिटायर्ड हो चुके हैं. महिला अस्पताल में अब डॉक्टर राजेश कुमार अधीक्षक के पद पर तैनात हैं वहीं डॉक्टर केके भट्ट महिला अस्पताल के गाइनेकोलॉजिस्ट है.

इस पूरे मामले पर पीलीभीत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी आलोक कुमार शर्मा का कहना है कि जिले में दो महिला चिकित्सकों की तैनाती है. इसके साथ ही स्त्री रोग विशेषज्ञ के पद पर डॉक्टर केके भट्ट भी तैनात हैं. मेडिकल परीक्षण के लिए हमने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए डॉक्टर को थाना स्तर की जिम्मेदारी दी हैं. अन्य डॉक्टरों की तैनाती के लिए बीते दिनों इंटरव्यू लिए गए थे. जल्द ही जिला अस्पताल में नए चिकित्सा आ जाएंगे.

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