उत्तरकाशीः सिलक्यारा निर्माणाधीन टनल में फंसे 40 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए उत्तराखंड सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. एक ओर देश के नामी विशेषज्ञों के दल को बुलाकर अत्याधुनिक मशीनों से ड्रिलिंग का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. वहीं दूसरी ओर सुरंग में फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए लगातार उनसे बातचीत की जा रही है. उनका परिजनों से भी संपर्क बना हुआ है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत पर श्रमिकों और उनके परिजनों का हौसला नहीं टूटना चाहिए.
पुलिस प्रशासन सुरंग में फंसे मजदूरों से हर घंटे संपर्क स्थापित कर रहा है. आज टनल में फंसे 22 वर्षीय महादेव निवासी पश्चिमी सिंहभूम, झारखंड (टनल में फंसे वर्करों के सूची के मुताबिक) की उसके मामा, जो झारखंड में रहते हैं, से बातचीत करवाई गई. ऑडियो में महादेव साफ-साफ कह रहा है कि वह और उसके साथी अभी तक सुरक्षित हैं. परिजन उनकी सकुशलता को लेकर चिंता न करें. उनके पास पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री पहुंच रही है. सभी साथी एक दूसरे का हौसला बढ़ा रहे हैं.
जानें महादेव और उनके मामा (परिजन) के बीच क्या बातचीत हुई...
परिजन- महादेव महादेव...
महादेव- बोलो बोलो
परिजन- महादेव महादेव...
महादेव- बोलो
परिजन- परिवार वालों को संदेश दे दो कि चिंता की कोई बात नहीं, आप ठीक हैं.
परिजन- बोल दो सब ठीक है.
महादेव- हम ठीक हैं दादा. सब ठीक है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि संकट के वक्त मनोबल ऊंचा रहना चाहिए. ऊंचे आत्मविश्वास से बड़े से बड़ा संकट टल जाता है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जितना ज्यादा हो सके, सुरंग में फंसे श्रमिकों से संवाद बनाए रखें. सरकार उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने के हर संभव प्रयास कर रही है.
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केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने लिया जायजा: गौरतलब है कि आज सुरंग हादसे का पांचवां दिन है. टनल के अंदर फंसे मजदूरों को 100 घंटे से ऊपर हो चुके हैं. वहीं, पांचवें दिन केंद्रीय राज्य मंत्री वीके सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने टनल का जायजा लिया. उन्होंने मीडिया को बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं. उम्मीद है कि दो से तीन दिन में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा.