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World Liver Day 2023: गंगा किनारे रहने वाले लोगों में लिवर कैंसर ज्यादा, ये है कारण और ऐसे बचें

आज विश्व लिवर दिवस है. लीवर मानव शरीर में मस्तिष्क के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंग है, जो हमारे शरीर के पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. क्या आपको पता है कि फैटी लिवर क्या होता है. गंगा किनारे रहने वाले लोगों में सबसे ज्यादा लिवर कैंसर के मामले सामने क्यों आ रहे हैं. विश्व लिवर दिवस पर पढ़िए हमारी ये खास रिपोर्ट.

World Liver Day 2023
विश्व लिवर दिवस
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Published : Apr 19, 2023, 11:58 AM IST

Updated : Apr 19, 2023, 1:59 PM IST

विश्व लिवर दिवस पर सुनिए डॉक्टर की राय

देहरादून (उत्तराखंड): आधुनिक युग में तमाम तरह की बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं. आज भी आम जीवन में तमाम बीमारियां ऐसी हैं जो पेट या फिर लिवर के ठीक से काम न करने की वजह से शुरू होती हैं. इसीलिए कहा जाता है कि शरीर स्वस्थ रहे और बीमारियों से दूर रहे. इसके लिए जरूरी है लिवर स्वस्थ हो और ठीक ढंग से काम कर रहा हो. आज के इस युग में लिवर ठीक से काम न करने के चलते हर तीसरा इंसान किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है. ऐसे में कैसे अपने लिवर को स्वस्थ रखकर अपने आपको स्वस्थ रख सकते है जानिए.

लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग: लिवर हमारे शरीर का एक सबसे महत्वपूर्ण अंग है. बावजूद इसके देश दुनिया में लिवर से संबंधित बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में लोगों को लिवर की बढ़ती बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व स्तर पर हर साल 19 अप्रैल को लिवर दिवस के रूप में मनाया जाता है. ताकि लिवर की बीमारी से ना सिर्फ लोगों को बचाया जा सके, बल्कि लोगों को स्वस्थ रहने के प्रति जागरूक किया जा सके. मिली जानकारी के अनुसार, भारत में हर साल करीब 3 लाख लोगों की मौत लिवर की बीमारी की वजह से होती है. वहीं, विश्व स्तर पर हर साल 12 लाख लोगों की मौत लिवर की बीमारी की वजह से होती है.

लिवर से संबंधित बीमारी: लिवर से संबंधित बीमारी की शुरुआत फैटी लिवर से होती है. हालांकि, फैटी लिवर को भी तीन चरणों में बांटा गया है. इसके तहत ग्रेड 1, ग्रेड 2 और ग्रेड 3 हैं. हालांकि, ग्रेड 3 स्तर पर फैटी लिवर होने तक लिवर को ठीक किया जा सकता है. लेकिन फैटी लिवर के आखिरी स्टेज के बाद फाइब्रोसिस की बीमारी हो जाती है और फिर यह सिरोसिस में बदल जाती है. जिस दौरान एक मात्र उपाय होता है लिवर ट्रांसप्लांट का. डॉक्टरों की मानें तो हर साल करीब 30 लाख लोगों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है.

खानपान और एक्सरसाइज पर ध्यान देने की है जरूरत: लिवर से जुड़ी तमाम बीमारियां हैं, जिसमें लिवर की टीबी, लिवर में कैंसर, हेपेटाइटिस और फैटी लिवर समेत अन्य बीमारियां हैं जोकि काफी गंभीर रूप धारण कर लेती हैं. डॉ मयंक नौटियाल ने बताया कि लिवर की बीमारी से बचने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसके अलावा अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज को भी महत्व दिया जाना चाहिए. क्योंकि आज के इस दौर में हर चीज रिमोट कंट्रोल संचालित हो गई है. लोग पैदल चलना, एक्सरसाइज करना और फिजिकली मेहनत करना भूल ही गए हैं. इसके चलते लिवर से जुड़ी तमाम बीमारियां घेर लेती हैं.

शराब सेवन और अनहेल्दी भोजन से बचने की है जरूरत: आज के इस दौर में शराब और सिगरेट का सेवन आम हो गया है. यही नहीं स्कूल के समय से ही बच्चे शराब और सिगरेट का सेवन शुरू कर दे रहे हैं. ये आगे चलकर लिवर फाइब्रोसिस और लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि शराब और सिगरेट के सेवन से ना सिर्फ बचें, बल्कि अस्वस्थ करने वाले भोजन को भी ना कहने की आदत डाल लें. जंक फूड खाने से जहां एक ओर फैटी लीवर की समस्या उत्पन्न होती है, वहीं ज्यादा शराब और सिगरेट के सेवन से लिवर फाइब्रोसिस और फिर लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियां होने की आशंका काफी बढ़ जाती है.

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए ध्यान देने की है जरूरत: डॉ मयंक नौटियाल ने बताया कि आज के इस दौर में अपने खान-पान पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसके चलते अधिकांश लोग फैटी लीवर की समस्या से ग्रसित हैं. ऐसे में लोगों को लिवर की बीमारी से बचने के लिए ना सिर्फ अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है, बल्कि रूटीन चेकअप भी कराए जाने की आवश्यकता है. ताकि आने वाली गंभीर बीमारियों से बचा जा सके. इसके लिए अगर पेट की समस्या कुछ दिनों तक होती है, तो ऐसे में जरूरी है कि ना सिर्फ ब्लड की जांच कराई जाए, बल्कि अल्ट्रासाउंड भी कराया जाना चाहिए. ताकि इस बात की जानकारी हो सके कि कहीं लीवर के खराब होने की शुरुआत तो नहीं हो गई है. डॉक्टर नौटियाल ने बताया कि अगर समय रहते लिवर से जुड़ी बीमारियों का इलाज कराया जाता है तो उस बीमारी को ठीक किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: World Hearing Day 2023: बहरेपन से बचाव के लिए नवजात का कराएं OAE टेस्ट, मोबाइल गैजेट के ये रहे नुकसान

गंगा किनारे रहने वाले लोगों में लिवर कैंसर के ज्यादा मामले: डॉ मयंक नौटियाल ने बताया कि गंगा किनारे रहने वाले लोगों में सबसे अधिक लिवर कैंसर के मामले देखे जा रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा लिवर कैंसर के मामले सामने आते रहे हैं. हालांकि इन राज्यों में लिवर कैंसर के अधिक मामले सामने आने के मामले को लेकर एसजीपीजीआई, लखनऊ ने शोध किया था. शोध में यह निकल कर आया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में इन चार राज्यों से लिवर कैंसर के अधिक मामले सामने आए हैं. आखिर क्या है इसके पीछे की असली वजह, इसकी स्थिति तो अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन कहा जाता है कि इन क्षेत्रों के पानी में अधिक मिनरल्स होने की वजह से भी ऐसी समस्याएं होती दिखाई दे रही हैं.

विश्व लिवर दिवस पर सुनिए डॉक्टर की राय

देहरादून (उत्तराखंड): आधुनिक युग में तमाम तरह की बीमारियां भी तेजी से फैल रही हैं. आज भी आम जीवन में तमाम बीमारियां ऐसी हैं जो पेट या फिर लिवर के ठीक से काम न करने की वजह से शुरू होती हैं. इसीलिए कहा जाता है कि शरीर स्वस्थ रहे और बीमारियों से दूर रहे. इसके लिए जरूरी है लिवर स्वस्थ हो और ठीक ढंग से काम कर रहा हो. आज के इस युग में लिवर ठीक से काम न करने के चलते हर तीसरा इंसान किसी न किसी बीमारी से ग्रसित है. ऐसे में कैसे अपने लिवर को स्वस्थ रखकर अपने आपको स्वस्थ रख सकते है जानिए.

लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग: लिवर हमारे शरीर का एक सबसे महत्वपूर्ण अंग है. बावजूद इसके देश दुनिया में लिवर से संबंधित बीमारियों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में लोगों को लिवर की बढ़ती बीमारियों के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व स्तर पर हर साल 19 अप्रैल को लिवर दिवस के रूप में मनाया जाता है. ताकि लिवर की बीमारी से ना सिर्फ लोगों को बचाया जा सके, बल्कि लोगों को स्वस्थ रहने के प्रति जागरूक किया जा सके. मिली जानकारी के अनुसार, भारत में हर साल करीब 3 लाख लोगों की मौत लिवर की बीमारी की वजह से होती है. वहीं, विश्व स्तर पर हर साल 12 लाख लोगों की मौत लिवर की बीमारी की वजह से होती है.

लिवर से संबंधित बीमारी: लिवर से संबंधित बीमारी की शुरुआत फैटी लिवर से होती है. हालांकि, फैटी लिवर को भी तीन चरणों में बांटा गया है. इसके तहत ग्रेड 1, ग्रेड 2 और ग्रेड 3 हैं. हालांकि, ग्रेड 3 स्तर पर फैटी लिवर होने तक लिवर को ठीक किया जा सकता है. लेकिन फैटी लिवर के आखिरी स्टेज के बाद फाइब्रोसिस की बीमारी हो जाती है और फिर यह सिरोसिस में बदल जाती है. जिस दौरान एक मात्र उपाय होता है लिवर ट्रांसप्लांट का. डॉक्टरों की मानें तो हर साल करीब 30 लाख लोगों को लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है.

खानपान और एक्सरसाइज पर ध्यान देने की है जरूरत: लिवर से जुड़ी तमाम बीमारियां हैं, जिसमें लिवर की टीबी, लिवर में कैंसर, हेपेटाइटिस और फैटी लिवर समेत अन्य बीमारियां हैं जोकि काफी गंभीर रूप धारण कर लेती हैं. डॉ मयंक नौटियाल ने बताया कि लिवर की बीमारी से बचने के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसके अलावा अपनी दिनचर्या में एक्सरसाइज को भी महत्व दिया जाना चाहिए. क्योंकि आज के इस दौर में हर चीज रिमोट कंट्रोल संचालित हो गई है. लोग पैदल चलना, एक्सरसाइज करना और फिजिकली मेहनत करना भूल ही गए हैं. इसके चलते लिवर से जुड़ी तमाम बीमारियां घेर लेती हैं.

शराब सेवन और अनहेल्दी भोजन से बचने की है जरूरत: आज के इस दौर में शराब और सिगरेट का सेवन आम हो गया है. यही नहीं स्कूल के समय से ही बच्चे शराब और सिगरेट का सेवन शुरू कर दे रहे हैं. ये आगे चलकर लिवर फाइब्रोसिस और लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं. ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि शराब और सिगरेट के सेवन से ना सिर्फ बचें, बल्कि अस्वस्थ करने वाले भोजन को भी ना कहने की आदत डाल लें. जंक फूड खाने से जहां एक ओर फैटी लीवर की समस्या उत्पन्न होती है, वहीं ज्यादा शराब और सिगरेट के सेवन से लिवर फाइब्रोसिस और फिर लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियां होने की आशंका काफी बढ़ जाती है.

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए ध्यान देने की है जरूरत: डॉ मयंक नौटियाल ने बताया कि आज के इस दौर में अपने खान-पान पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते हैं. इसके चलते अधिकांश लोग फैटी लीवर की समस्या से ग्रसित हैं. ऐसे में लोगों को लिवर की बीमारी से बचने के लिए ना सिर्फ अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है, बल्कि रूटीन चेकअप भी कराए जाने की आवश्यकता है. ताकि आने वाली गंभीर बीमारियों से बचा जा सके. इसके लिए अगर पेट की समस्या कुछ दिनों तक होती है, तो ऐसे में जरूरी है कि ना सिर्फ ब्लड की जांच कराई जाए, बल्कि अल्ट्रासाउंड भी कराया जाना चाहिए. ताकि इस बात की जानकारी हो सके कि कहीं लीवर के खराब होने की शुरुआत तो नहीं हो गई है. डॉक्टर नौटियाल ने बताया कि अगर समय रहते लिवर से जुड़ी बीमारियों का इलाज कराया जाता है तो उस बीमारी को ठीक किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: World Hearing Day 2023: बहरेपन से बचाव के लिए नवजात का कराएं OAE टेस्ट, मोबाइल गैजेट के ये रहे नुकसान

गंगा किनारे रहने वाले लोगों में लिवर कैंसर के ज्यादा मामले: डॉ मयंक नौटियाल ने बताया कि गंगा किनारे रहने वाले लोगों में सबसे अधिक लिवर कैंसर के मामले देखे जा रहे हैं. इसमें मुख्य रूप से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा लिवर कैंसर के मामले सामने आते रहे हैं. हालांकि इन राज्यों में लिवर कैंसर के अधिक मामले सामने आने के मामले को लेकर एसजीपीजीआई, लखनऊ ने शोध किया था. शोध में यह निकल कर आया कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में इन चार राज्यों से लिवर कैंसर के अधिक मामले सामने आए हैं. आखिर क्या है इसके पीछे की असली वजह, इसकी स्थिति तो अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन कहा जाता है कि इन क्षेत्रों के पानी में अधिक मिनरल्स होने की वजह से भी ऐसी समस्याएं होती दिखाई दे रही हैं.

Last Updated : Apr 19, 2023, 1:59 PM IST
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