जयपुर. विश्व भर में 7 जून वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे के रूप में मनाया जाता है. फूड सेफ्टी डे यानी खाद्य सुरक्षा दिवस को मनाने का मुख्य मकसद लोगों को मिलावटी खाद्य पदार्थों के उपयोग के प्रति जागरूक करना है ताकि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकी जा सके. आज बाजार में दूध, पनीर, मावा, मसाले आदि में मिलावट बदस्तूर जारी है. प्रदेश की बात करें तो खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की ओर से समय-समय पर अभियान चलाकर मिलावट करने वालों पर शिकंजा भी कसा जाता है, लेकिन एक मामूली सी जानकारी से आप खुद भी मिलावटी खाद्य पदार्थों की जांच घर पर ही आसानी से कर सकते (Check adulterated food items at home) हैं.
प्रदेश में चिकित्सा विभाग की ओर से समय-समय पर मिलावट को लेकर अभियान चलाए जाते हैं. साथ ही लोगों को जागरूक भी किया जाता है कि किस तरह मिलावट की वस्तुओं की जांच करें. इसके अलावा विभाग अभियान के तहत मिलावटखोरों पर कार्रवाई भी करता है. जयपुर में स्थित राज्य केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में हर वर्ष बड़ी संख्या में खाद्य पदार्थों के सैंपल जांच के लिए आते हैं. इन खाद्य पदार्थों की जांच करने वाले एनालिस्ट का कहना है कि दूध, मावा, पनीर और मसालों में मिलावट का पता घर बैठे भी लगाया जा सकता है. केंद्रीय जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला के ट्रेनी एनालिस्ट महेंद्र सैनी का कहना है कि टिंचर आयोडीन और हाइड्रोक्लोरिक एसिड के माध्यम से दूध, मावा, पनीर, मिर्च आदि में मिलावट की जांच आसानी से की जा सकती है.
इस तरह कर सकते हैं घर पर जांच:
- दूध में मिलावट की जांच के लिए दूध में टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे डालिए. यदि दूध में मिलावट है तो दूध का रंग गहरा नीला या काला हो जाएगा और शुद्ध दूध का रंग कॉफी जैसा होगा.
- पनीर और मावे में मिलावट की जांच के लिए पनीर और मावे में टिंचर आयोडीन की कुछ बूंदे मिलाएं और यदि रंग गहरा नीला हो जाए तो इसमें मिलावट है.
- घी में मिलावट की जांच के लिए परखनली में घी के बराबर हाइड्रोक्लोरिक एसिड डालकर उसमें 2-3 बूंदे फरफ़्यूरोल सोलेशन मिलाएं. यदि घी का रंग पिंक हो जाता है, तो उसमें मिलावट है.
- मूंगफली तेल में मिलावट की जांच के लिए परखनली में तेल के बराबर नाइट्रिक एसिड डालकर हिलाने के बाद कलर गहरा हो जाता है, तो उसमें मिलावट है.
- लाल मिर्च में मिलावट की जांच के लिए मिर्च को पानी में घोलिये. मिलावटी मिर्च पानी में गहरा रंग छोड़ देगी.
- हल्दी में मिलावट की जांच के लिए हल्दी को पानी में घोलकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड की दो या चार बूंदें डालने के बाद यदि रंग गहरा लाल हो जाता है, तो हल्दी में मिलावट है.
- चाय की पत्ती में मिलावट की जांच के लिए एक कागज पर थोड़ा सा पानी डालिए. उस पर हाथ से चाय की पत्तियां रगडें. मिलावटी चाय पत्ती कागज पर लाल रंग छोड़ देगी जबकि शुद्ध पत्ती केवल गर्म पानी में रंग छोड़ेगी.
- शुद्ध केसर पानी में शीघ्र घुल जाता है. जबकि नकली केसर पानी में नहीं घुलता. इसके अलावा असली केसर आसानी से नहीं टूटती.
- शुद्ध चांदी का वर्क जलाने पर आसानी से जल जाएगा, जबकि मिलावटी नहीं जलेगा.
- सरसों के तेल में मिलावट की जांच के लिए एक परखनली में तेल के बराबर नाइट्रिक एसिड डालने पर यदि रंग गुलाबी हो जाता है, तो तेल में मिलावट है.
- धनिया में मिलावट की जांच के लिए धनिया का घोल बनाकर परखनली में डालें. उसमें आयोडीन सॉल्यूशन डालने पर यदि गहरा नीला कलर आता है, तो इसमें स्टार्स की मिलावट है.
- साबुत मिर्च की जांच के लिए मिर्च को उंगली से रगड़ने पर यदि रंग उतरता है, तो मिर्च पर कलर किया गया है.
- बेसन में मिलावट की जांच के लिए परखनली में बेसन को पानी में घोलकर उसमें हाइड्रोक्लोरिक एसिड की दो से चार बूंदे मिलाएं और उसको गर्म करें. गर्म करने के बाद पहले तो गुलाबी रंग आता है और इसके बाद यदि हल्का बैंगनी रंग दिखाई दे तो बेसन में मिलावट है.
- हींग में मिलावट की जांच के लिए उसे जलाएं. यदि हींग चमकीली लौ के साथ जलती है तो उसमें मिलावट नहीं है. इसके अलावा यदि पानी में हींग घोलने के बाद गाढ़ा दूधिया रंग हो जाए, तो हींग शुद्ध है अन्यथा उसमें मिलावट है.
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आमतौर पर ये सभी खाद्य पदार्थ हर दिन उपयोग में आते हैं और घर पर ही आसानी से इन खाद्य पदार्थों की जांच की जा सकती है. इसके अलावा हाल ही में राज्य सरकार की ओर से मिलावट को लेकर एक बिल भी विधानसभा में पारित किया गया है. इसके तहत कुछ धाराओं में संशोधन किया गया है और जब यह कानून प्रदेश में लागू होगा तो उसके बाद मिलावट करना एक गैर जमानती अपराध माना जाएगा. मिलावटखोर पर 1 साल से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान और साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकेगा.