चमोली: जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले प्रभावितों का जोशीमठ तहसील परिसर में लगातार आंदोलन जारी है. आंदोलनकारियों की मांग है कि जोशीमठ में एनटीपीसी के द्वारा निर्माणाधीन विष्णुगाड़ परियोजना का कार्य तत्काल बंद करवाया जाए. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतुल सती ने ईटीवी भारत के माध्यम से एनटीपीसी के द्वारा जोशीमठ शहर के नीचे से बनाई जा रही टनल को जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव का जिम्मेदार ठहराया है.
अतुल सती ने ईटीवी भारत से बताया कि बीते 20 वर्षों से एनटीपीसी की विष्णुगाड़ परियोजना का विरोध किया जा रहा है. लोगों को भय था कि एक दिन यही परियोजना जोशीमठ के विनाश का कारण बनेगी. इसरो द्वारा जारी रिपोर्ट के बारे में कहा कि यह रिपोर्ट जोशीमठ के लिए चिंताजनक है. सरकार तथ्यों को जनता से छिपा रही है, प्रभारी मंत्री धन सिंह रावत के आग्रह पर इसरो ने अपनी आधिकारिक साइट से रिपोर्ट को हटा भी लिया है.
अतुल सती ने बताया कि विष्णुगाड़ परियोजना ₹10 हजार करोड़ की है, इसलिए एनटीपीसी पर ₹20 हजार करोड़ का जुर्माना लगाकर वो पैसा जोशीमठ की जनता में बांटा जाए. इस आपदा से निपटना अब राज्य सरकार के बस में नहीं है. पिछले 14 महीनों में सरकार के काम करने के तरीके से वो समझ गए हैं कि इतनी बढ़ी आपदा से निपटने में राज्य सरकार सक्षम नहीं है.
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भारत सरकार को भेजा ज्ञापन: उन्होंने इस संबंध में आज भारत सरकार को एक ज्ञापन प्रेषित किया है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि प्रधानमंत्री स्वयं इस आपदा से निबटने की जिम्मेदारी लें और केंद्रीय स्तर पर एक हाई पावर कमेटी का गठन करें, ताकि नए जोशीमठ के निर्माण और लोगों के विस्थापन की दिशा में उचित निर्णय लिया जा सके.
हाल ही में सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने पीसी करके बताया था कि जोशीमठ में अब दरारें आनी बंद हो गईं हैं. इस पर अतुल सती ने कहा कि जिस दिन सुंदरम ने पीसी की. उसी दिन सिंहधार में स्टेट बैंक के पीछे की कॉलोनी में दरार आई, उसके दूसरे दिन फिर दरार आई. कल रात भी लोगों ने आवाजें महसूस की हैं. जोशीमठ में भू-धंसाव का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है.