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1962 का युग नहीं, यह पीएम मोदी का युग है: सीएम पेमा खांडू - भारत तिब्बत सीमा

अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू ने कहा कि नौ दिसंबर को तवांग में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी. यह 1962 का युग नहीं है, यह 2022 में पीएम मोदी का युग है.

It isn't the era of 1962,it's the era of PM Modi in 2022 says Arunachal Pradesh CM Pema Khandu
यह 1962 का युग नहीं, यह पीएम मोदी का युग है: सीएम पेमा खांडू
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Published : Dec 16, 2022, 6:21 AM IST

Updated : Dec 16, 2022, 7:03 AM IST

मुंबई: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को भारत-तिब्बत सीमा पर स्थिति के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अदूरदर्शिता को जिम्मेदार ठहराया. मुंबई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि शिमला समझौते के बाद, तवांग सहित पूरे अरुणाचल प्रदेश को भारत का क्षेत्र बना दिया गया था.

उन्होंने कहा, 'सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसमें निर्णायक भूमिका निभाई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा समय पर कोई निर्णय लेने में विफलता के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई.' उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है और वर्तमान सरकार इस छेड़छाड़ को ठीक करने का काम कर रही है. सीएम पेमा खांडू ने कहा, 'आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश अपने गुमनाम नायकों को पहचान दे रहा है और उन्हें पाठ्यक्रम में जगह दी जा रही है.'

सीएम खांडू ने कहा कि 2014 से पहले गृह मंत्री कभी-कभी पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा करते थे जो केवल गुवाहाटी तक ही सीमित था. आज हर 15 दिन में कोई न कोई केंद्रीय मंत्री पूर्वोत्तर के किसी न किसी राज्य में जाकर अपने विभाग के तहत हो रहे कार्यों की न केवल समीक्षा करता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि काम सही तरीके से हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब नॉर्थ ईस्ट की पहचान अलगाववाद, भ्रष्टाचार और नशे के खतरे से पूरी तरह बदल चुकी है और अब यहां निवेश का माहौल तेजी से विकसित हो रहा है.

उन्होंने धर्मांतरण को बड़ी चुनौती बताते हुए कहा, 'उनकी सरकार ने 2017 में स्वदेशी मामलों का विभाग शुरू किया था, जिसके बाद कई स्तरों पर इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं.' भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की.

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण चीनी सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए. राज्यसभा में अपने बयान में राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करना जारी रखेंगी.'

इस घटना के बारे में बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, '9 दिसंबर, 2022 को, पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी को पार करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की. चीनी सेना के प्रयासों का हमारे सैनिकों ने दृढ़ तरीके से मुकाबला किया.'

उन्होंने आगे कहा, 'आमना-सामना एक शारीरिक हाथापाई का कारण बना, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपने चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर किया.' उन्होंने आगे कहा, 'हाथापाई में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को चोटें आईं.' राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि हमारी ओर से कोई हताहत नहीं हुआ है.'

ये भी पढ़ें- The Pack is Complete : LAC पर तनातनी के बीच एयरफोर्स को मिले सभी 36 राफेल

मंत्री ने कहा, 'भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण, पीएलए सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए.' उन्होंने सदन को सूचित किया कि क्षेत्र में स्थानीय कमांडर ने स्थापित तंत्र के अनुसार मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 11 दिसंबर को अपने समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की. उन्होंने कहा, 'चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से परहेज करने और सीमा पर अमन-चैन बनाए रखने को कहा गया था. इस मुद्दे को राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के साथ भी उठाया गया है.'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा को आश्वासन दिया कि हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करना जारी रखेंगी. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे विश्वास है कि यह पूरा सदन हमारे सैनिकों को उनके बहादुर प्रयास में समर्थन देने के लिए एकजुट रहेगा.'

(एएनआई)

मुंबई: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को भारत-तिब्बत सीमा पर स्थिति के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अदूरदर्शिता को जिम्मेदार ठहराया. मुंबई में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा कि शिमला समझौते के बाद, तवांग सहित पूरे अरुणाचल प्रदेश को भारत का क्षेत्र बना दिया गया था.

उन्होंने कहा, 'सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसमें निर्णायक भूमिका निभाई थी. तत्कालीन प्रधानमंत्री द्वारा समय पर कोई निर्णय लेने में विफलता के कारण स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई.' उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है और वर्तमान सरकार इस छेड़छाड़ को ठीक करने का काम कर रही है. सीएम पेमा खांडू ने कहा, 'आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश अपने गुमनाम नायकों को पहचान दे रहा है और उन्हें पाठ्यक्रम में जगह दी जा रही है.'

सीएम खांडू ने कहा कि 2014 से पहले गृह मंत्री कभी-कभी पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा करते थे जो केवल गुवाहाटी तक ही सीमित था. आज हर 15 दिन में कोई न कोई केंद्रीय मंत्री पूर्वोत्तर के किसी न किसी राज्य में जाकर अपने विभाग के तहत हो रहे कार्यों की न केवल समीक्षा करता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि काम सही तरीके से हो रहा है. उन्होंने कहा कि अब नॉर्थ ईस्ट की पहचान अलगाववाद, भ्रष्टाचार और नशे के खतरे से पूरी तरह बदल चुकी है और अब यहां निवेश का माहौल तेजी से विकसित हो रहा है.

उन्होंने धर्मांतरण को बड़ी चुनौती बताते हुए कहा, 'उनकी सरकार ने 2017 में स्वदेशी मामलों का विभाग शुरू किया था, जिसके बाद कई स्तरों पर इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं.' भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राज्यसभा को सूचित किया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की.

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण चीनी सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए. राज्यसभा में अपने बयान में राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करना जारी रखेंगी.'

इस घटना के बारे में बताते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, '9 दिसंबर, 2022 को, पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी को पार करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की. चीनी सेना के प्रयासों का हमारे सैनिकों ने दृढ़ तरीके से मुकाबला किया.'

उन्होंने आगे कहा, 'आमना-सामना एक शारीरिक हाथापाई का कारण बना, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपने चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर किया.' उन्होंने आगे कहा, 'हाथापाई में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को चोटें आईं.' राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि हमारी ओर से कोई हताहत नहीं हुआ है.'

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मंत्री ने कहा, 'भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण, पीएलए सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए.' उन्होंने सदन को सूचित किया कि क्षेत्र में स्थानीय कमांडर ने स्थापित तंत्र के अनुसार मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 11 दिसंबर को अपने समकक्ष के साथ फ्लैग मीटिंग की. उन्होंने कहा, 'चीनी पक्ष को इस तरह की हरकतों से परहेज करने और सीमा पर अमन-चैन बनाए रखने को कहा गया था. इस मुद्दे को राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के साथ भी उठाया गया है.'

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा को आश्वासन दिया कि हमारी सेनाएं हमारी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस पर किए गए किसी भी प्रयास को विफल करना जारी रखेंगी. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे विश्वास है कि यह पूरा सदन हमारे सैनिकों को उनके बहादुर प्रयास में समर्थन देने के लिए एकजुट रहेगा.'

(एएनआई)

Last Updated : Dec 16, 2022, 7:03 AM IST
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