ETV Bharat / bharat

कोविड वैक्सीन को निशाना बना सकते हैं संगठित अपराध नेटवर्क: इंटरपोल

इंटरपोल ने अपने 194 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अलर्ट जारी कर कहा है कि संगठित अपराध नेटवर्क फिजिकली या ऑनलाइन कोविड-19 वैक्सीन को निशाना बना सकते हैं.

कोविड वैक्सीन
कोविड वैक्सीन
author img

By

Published : Dec 3, 2020, 11:19 AM IST

Updated : Dec 4, 2020, 11:56 AM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 वैक्सीन को लेकर इंटरपोल ने अपने 194 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अलर्ट जारी किया है.

इंटरपोल ने कहा है कि संगठित अपराध नेटवर्क द्वारा कोविड-19 वैक्सीन को निशाना बनाए जाने को लेकर सभी देशों को सावधान रहना चाहिए.

अलर्ट में कहा गया है कि संगठित अपराध नेटवर्क ऑनलाइन माध्यम से भी हमला कर सकते हैं. इसका मकसद कोरोना वैक्सीन की जानकारी को चुराना हो सकता है.

इंटरपोल द्वारा जारी किए गए बयान में ऑरेंज नोटिस के साथ कोविड-19 और फ्लू के नकली रूप, उनकी चोरी और अवैध विज्ञापन के संबंध में संभावित आपराधिक गतिविधि की बात कही गई है.

इसमें उन अपराधों के उदाहरण भी शामिल किए गए हैं जहां लोगों ने नकली टीकों का विज्ञापन, बिक्री और अवैध प्रशासकीय काम किए हैं.

उन्होंने कहा, कोविड-19 के कई टीके एप्रूव होने और दुनिया भर में वितरण के करीब हैं. ऐसे में इनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और नकली उत्पादों को बेचने वाली अवैध वेबसाइटों की पहचान करना जरूरी होगा.

इंटरपोल ने कहा, कानून प्रवर्तन और स्वास्थ्य नियामक निकायों के बीच समन्वय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुदायों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टॉक ने कहा, जैसा कि सरकारें वैक्सीन को लाने और उनके उपयोग की तैयारी कर रही हैं, वहीं आपराधिक संगठन इन वैक्सीन की सप्लाई चेन में घुसपैठ करने की योजना बना रहे हैं. आपराधिक नेटवर्क फर्जी वेबसाइटों के जरिए भी जनता को निशाना बना रहे होंगे. इससे लोगों के स्वास्थ्य और उनके जीवन को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.

पढ़ें :- देश में टीका उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने को प्रतिबद्ध: फाइजर

महासचिव ने आगे कहा, यह जरूरी है कि जितना संभव हो सके कानून प्रवर्तन एजेंसियां तैयार हो जाएं, ताकि कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े सभी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके, इसीलिए इंटरपोल ने यह वैश्विक चेतावनी जारी की है.

कोविड से संबंधित धोखाधड़ी को बढ़ते देख इंटरपोल ने जनता को सलाह दी है कि वे चिकित्सा उपकरणों या दवाओं की खोज के लिए ऑनलाइन सर्च करते समय विशेष ध्यान रखें.

इंटरपोल की साइबर क्राइम यूनिट द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चला है कि ऑनलाइन फार्मेसी से जुड़ी 3,000 वेबसाइटों में से 1,700 को साइबर खतरा है.

नई दिल्ली : कोविड-19 वैक्सीन को लेकर इंटरपोल ने अपने 194 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अलर्ट जारी किया है.

इंटरपोल ने कहा है कि संगठित अपराध नेटवर्क द्वारा कोविड-19 वैक्सीन को निशाना बनाए जाने को लेकर सभी देशों को सावधान रहना चाहिए.

अलर्ट में कहा गया है कि संगठित अपराध नेटवर्क ऑनलाइन माध्यम से भी हमला कर सकते हैं. इसका मकसद कोरोना वैक्सीन की जानकारी को चुराना हो सकता है.

इंटरपोल द्वारा जारी किए गए बयान में ऑरेंज नोटिस के साथ कोविड-19 और फ्लू के नकली रूप, उनकी चोरी और अवैध विज्ञापन के संबंध में संभावित आपराधिक गतिविधि की बात कही गई है.

इसमें उन अपराधों के उदाहरण भी शामिल किए गए हैं जहां लोगों ने नकली टीकों का विज्ञापन, बिक्री और अवैध प्रशासकीय काम किए हैं.

उन्होंने कहा, कोविड-19 के कई टीके एप्रूव होने और दुनिया भर में वितरण के करीब हैं. ऐसे में इनकी आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और नकली उत्पादों को बेचने वाली अवैध वेबसाइटों की पहचान करना जरूरी होगा.

इंटरपोल ने कहा, कानून प्रवर्तन और स्वास्थ्य नियामक निकायों के बीच समन्वय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और समुदायों की भलाई के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टॉक ने कहा, जैसा कि सरकारें वैक्सीन को लाने और उनके उपयोग की तैयारी कर रही हैं, वहीं आपराधिक संगठन इन वैक्सीन की सप्लाई चेन में घुसपैठ करने की योजना बना रहे हैं. आपराधिक नेटवर्क फर्जी वेबसाइटों के जरिए भी जनता को निशाना बना रहे होंगे. इससे लोगों के स्वास्थ्य और उनके जीवन को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है.

पढ़ें :- देश में टीका उपलब्ध कराने के लिए भारत सरकार के साथ काम करने को प्रतिबद्ध: फाइजर

महासचिव ने आगे कहा, यह जरूरी है कि जितना संभव हो सके कानून प्रवर्तन एजेंसियां तैयार हो जाएं, ताकि कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े सभी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके, इसीलिए इंटरपोल ने यह वैश्विक चेतावनी जारी की है.

कोविड से संबंधित धोखाधड़ी को बढ़ते देख इंटरपोल ने जनता को सलाह दी है कि वे चिकित्सा उपकरणों या दवाओं की खोज के लिए ऑनलाइन सर्च करते समय विशेष ध्यान रखें.

इंटरपोल की साइबर क्राइम यूनिट द्वारा किए गए एक विश्लेषण से पता चला है कि ऑनलाइन फार्मेसी से जुड़ी 3,000 वेबसाइटों में से 1,700 को साइबर खतरा है.

Last Updated : Dec 4, 2020, 11:56 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.