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India TB modelling : भारत ने खुद का टीबी मॉडलिंग अनुमान विकसित किया, वैश्विक नेताओं ने की प्रशंसा - स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी सफलता

टीबी बीमारी की रोकथाम को लेकर भारत ने एक ऐसा मॉडल विकसित किया है जिससे देश में इसकी संख्या का सटीक आंकड़ा निकाला जा सकता है.

India develops own TB modelling estimate, praised by global leaders
भारत ने खुद का टीबी मॉडलिंग अनुमान विकसित किया, वैश्विक नेताओं ने की प्रशंसा
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Published : Mar 29, 2023, 7:28 AM IST

Updated : Mar 29, 2023, 10:24 AM IST

नई दिल्ली: देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी सफलता के रूप में कहें तो भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने तपेदिक के बोझ का आकलन करने के लिए अपना 'देश के भीतर गतिशील गणितीय मॉडल' का निर्माण किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने मंगलवार को नई दिल्ली में कहा, 'इस मॉडल का निर्माण बीमारी के प्राकृतिक इतिहास, संक्रमण की व्यक्तिगत स्थिति, बीमारी, स्वास्थ्य देखभाल की मांग, चूक या सही निदान, उपचार कवरेज और इलाज और मृत्यु सहित परिणामों के आधार पर किया गया.'

इस गणितीय मॉडल के साथ, भारत के लिए टीबी की घटनाओं और मृत्यु दर के अनुमान की जानकारी हर साल मार्च तक उपलब्ध होगी जो डब्ल्यूएचओ की तुलना में छह महीने पहले होगी जो हर साल अक्टूबर में अनुमान देगी. सूत्रों ने कहा, 'इस गणितीय मॉडल से भारत भविष्य में राज्य स्तर के लिए भी इस तरह का अनुमान लगा सकता है. डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमानित 210 के बजाय भारत की टीबी घटना दर प्रति 100,000 जनसंख्या पर 196 है और संचारी रोग से अनुमानित मृत्यु 2021 में अनुमानित 4.94 लाख के बजाय 3.20 लाख है.

2022 के लिए पूर्ण घटना संख्या भारत के अपने मॉडल का उपयोग करके 2022 में 27.70 लाख पर पहुंच गई, जबकि 2021 में डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमानित 29.50 लाख थी. भारतीय मॉडल के अनुसार टीबी मृत्यु दर 23 व्यक्ति प्रति 1,00,000 लोगों पर है, जबकि डब्ल्यूएचओ ने 2022 में 35 का अनुमान लगाया था. वहीं, वर्ष 2020 और 2021 में आकलन में गड़बड़ी हुई.

एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा, 'हम ऐसा करने वाले दुनिया के एकमात्र देश हैं और जब हमने हाल ही में वाराणसी में स्टॉप टीबी समिट के दौरान उन संख्या को साझा किया, तो दुनिया ने उन संख्याओं को स्वीकार किया.' घरेलू मॉडलिंग प्रयास के निष्कर्षों को 40 देशों के 198 प्रतिनिधियों के साथ साझा किया गया, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वाराणसी बैठक में भाग लिया था.

ये भी पढ़ें-Budget 2023 : आईएमए ने केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर की गई घोषणा को सराहा

टीबी मॉडल को निजी क्षेत्र की दवा बिक्री के निक्षय पोर्टल, उप राष्ट्रीय प्रमाणन प्रणाली सहित कई स्रोतों से डेटा का उपयोग करके तैयार किया गया, जहां विभिन्न राज्यों की टीबी मुक्त स्थिति का अनुमान लगाया जाता है और उन्हें रैंक दिया जाता है. सूत्रों ने कहा, '2020-21 में राष्ट्रीय टीबी व्यापकता सर्वेक्षण, राज्य स्तर के अनुमानों के साथ देश में टीबी बोझ की विविधता को पहचानने और मापने में भी मदद करता है.'

नई दिल्ली: देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी सफलता के रूप में कहें तो भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने तपेदिक के बोझ का आकलन करने के लिए अपना 'देश के भीतर गतिशील गणितीय मॉडल' का निर्माण किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने मंगलवार को नई दिल्ली में कहा, 'इस मॉडल का निर्माण बीमारी के प्राकृतिक इतिहास, संक्रमण की व्यक्तिगत स्थिति, बीमारी, स्वास्थ्य देखभाल की मांग, चूक या सही निदान, उपचार कवरेज और इलाज और मृत्यु सहित परिणामों के आधार पर किया गया.'

इस गणितीय मॉडल के साथ, भारत के लिए टीबी की घटनाओं और मृत्यु दर के अनुमान की जानकारी हर साल मार्च तक उपलब्ध होगी जो डब्ल्यूएचओ की तुलना में छह महीने पहले होगी जो हर साल अक्टूबर में अनुमान देगी. सूत्रों ने कहा, 'इस गणितीय मॉडल से भारत भविष्य में राज्य स्तर के लिए भी इस तरह का अनुमान लगा सकता है. डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमानित 210 के बजाय भारत की टीबी घटना दर प्रति 100,000 जनसंख्या पर 196 है और संचारी रोग से अनुमानित मृत्यु 2021 में अनुमानित 4.94 लाख के बजाय 3.20 लाख है.

2022 के लिए पूर्ण घटना संख्या भारत के अपने मॉडल का उपयोग करके 2022 में 27.70 लाख पर पहुंच गई, जबकि 2021 में डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुमानित 29.50 लाख थी. भारतीय मॉडल के अनुसार टीबी मृत्यु दर 23 व्यक्ति प्रति 1,00,000 लोगों पर है, जबकि डब्ल्यूएचओ ने 2022 में 35 का अनुमान लगाया था. वहीं, वर्ष 2020 और 2021 में आकलन में गड़बड़ी हुई.

एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने कहा, 'हम ऐसा करने वाले दुनिया के एकमात्र देश हैं और जब हमने हाल ही में वाराणसी में स्टॉप टीबी समिट के दौरान उन संख्या को साझा किया, तो दुनिया ने उन संख्याओं को स्वीकार किया.' घरेलू मॉडलिंग प्रयास के निष्कर्षों को 40 देशों के 198 प्रतिनिधियों के साथ साझा किया गया, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वाराणसी बैठक में भाग लिया था.

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टीबी मॉडल को निजी क्षेत्र की दवा बिक्री के निक्षय पोर्टल, उप राष्ट्रीय प्रमाणन प्रणाली सहित कई स्रोतों से डेटा का उपयोग करके तैयार किया गया, जहां विभिन्न राज्यों की टीबी मुक्त स्थिति का अनुमान लगाया जाता है और उन्हें रैंक दिया जाता है. सूत्रों ने कहा, '2020-21 में राष्ट्रीय टीबी व्यापकता सर्वेक्षण, राज्य स्तर के अनुमानों के साथ देश में टीबी बोझ की विविधता को पहचानने और मापने में भी मदद करता है.'

Last Updated : Mar 29, 2023, 10:24 AM IST
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