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कोरोना महामारी से देशभर में अब तक 1594 डॉक्टरों की मौत : आईएमए - इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान देशभर में 1594 डॉक्टरों की मौत हुई है. आईएमए ने कहा है कि कोरोना महामारी (covid19 pandemic) की दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई है. 'ईटीवी भारत' के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबराय की रिपोर्ट.

डॉ जयेश एम लेले
डॉ जयेश एम लेले
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Published : Nov 17, 2021, 6:40 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 7:35 PM IST

नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक बिहार, तमिलनाडु, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सैकड़ों डॉक्टरों की मौत हुई है. ये शीर्ष चार राज्य हैं, जहां डॉक्टर सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि महामारी के दौरान 1500 से अधिक डॉक्टरों की मौत हुई है. आईएमए का दावा है कि कोविड -19 महामारी से लड़ते हुए पूरे भारत में कुल 1594 डॉक्टरों की मौत हुई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा संकलित नवीनतम आंकड़ों में कहा गया है कि बिहार में कोविड-19 महामारी की दोनों लहरों के दौरान 155 डॉक्टरों की मृत्यु हुई है.

आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले ने 'ईटीवी भारत' से कहा कि पिछले साल दिसंबर तक पहली लहर के दौरान बिहार में 40 डॉक्टरों की मौत हुई थी, जबकि इसके बाद 115 और डॉक्टरों की मौत हुई.
'दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई'
डॉ. जयेश एम लेले ने कहा कि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर अधिक खतरनाक साबित हुई है. डॉक्टरों की तुलनात्मक रूप से अधिक मौत हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के दौरान डॉक्टरों की कम मौत हुई है. आंकड़ों में कहा गया है कि तमिलनाडु में पहली लहर में 90 और दूसरी लहर में 64 के साथ कुल 154 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई.

डॉ. लेले ने कहा, दिल्ली में पहली लहर में 22, दूसरी लहर में 128 डॉक्टरों की मौत हुई है. यानी कुल मिलाकर 150 डॉक्टर ने संक्रमण के चलते जान गंवाई है. उत्तर प्रदेश ने अब तक 145 डॉक्टरों की मौत दर्ज की गई है. यहां पहली लहर में 66 और दूसरी लहर में 79 डॉक्टरों की मौत हुई है.

डॉ. लेले ने कहा, लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में डॉक्टरों की मौत हुई है. हम सभी को Covid19 उचित व्यवहार अपनाना चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए.

केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में जहां दूसरी लहर में सबसे अधिक Covid19 मामले सामने आए हैं, वहां भी डॉक्टरों की मौत हुई है. आंकड़ों के अनुसार कोरोना की दोनों लहरों में पश्चिम बंगाल में 144, महाराष्ट्र में 99 और केरल में 29 डॉक्टरों की मौत हुई है.

टीकाकरण के लिए मैनपावर देने की पेशकश
डॉ. लेले ने कहा, 'संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में मौतों के बावजूद डॉक्टर बिरादरी हमेशा सेवा प्रदान करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि आईएमए ने केंद्र सरकार को टीकाकरण के लिए मैनपावर देने की पेशकश की है.
डॉ. लेले ने कहा, 'हम जहां भी आवश्यक हो मैनपावर देने के लिए तैयार हैं. जैसा कि भारत सरकार टीकाकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है, हम भी इस दिशा में मदद करने के लिए तैयार हैं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने अब तक 75,88,14,793 पहली डोज और 38,41,99,256 दूसरी डोज के साथ कुल 1,14,30,14,049 खुराकें दी हैं.

पढ़ें- कोरोना की दूसरी लहर में 730 डॉक्टरों की गई जान, टॉप-3 में बिहार, दिल्ली और यूपी
इस बीच आईएमए ने उन डॉक्टरों और नर्सों की रिहाई की मांग की है, जिन्हें हाल ही में महाराष्ट्र के अहमदनगर में कोविड आईसीयू में आग लगने की घटनाओं के बाद गिरफ्तार किया गया था. अहमदनगर में 12 कोविड रोगियों की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हो गए थे. 'आईएमए ने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए डॉक्टरों और नर्सों को बलि का बकरा नहीं माना जाना चाहिए.'

नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मुताबिक बिहार, तमिलनाडु, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सैकड़ों डॉक्टरों की मौत हुई है. ये शीर्ष चार राज्य हैं, जहां डॉक्टर सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि महामारी के दौरान 1500 से अधिक डॉक्टरों की मौत हुई है. आईएमए का दावा है कि कोविड -19 महामारी से लड़ते हुए पूरे भारत में कुल 1594 डॉक्टरों की मौत हुई है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा संकलित नवीनतम आंकड़ों में कहा गया है कि बिहार में कोविड-19 महामारी की दोनों लहरों के दौरान 155 डॉक्टरों की मृत्यु हुई है.

आईएमए के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले ने 'ईटीवी भारत' से कहा कि पिछले साल दिसंबर तक पहली लहर के दौरान बिहार में 40 डॉक्टरों की मौत हुई थी, जबकि इसके बाद 115 और डॉक्टरों की मौत हुई.
'दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई'
डॉ. जयेश एम लेले ने कहा कि पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर अधिक खतरनाक साबित हुई है. डॉक्टरों की तुलनात्मक रूप से अधिक मौत हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के दौरान डॉक्टरों की कम मौत हुई है. आंकड़ों में कहा गया है कि तमिलनाडु में पहली लहर में 90 और दूसरी लहर में 64 के साथ कुल 154 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई.

डॉ. लेले ने कहा, दिल्ली में पहली लहर में 22, दूसरी लहर में 128 डॉक्टरों की मौत हुई है. यानी कुल मिलाकर 150 डॉक्टर ने संक्रमण के चलते जान गंवाई है. उत्तर प्रदेश ने अब तक 145 डॉक्टरों की मौत दर्ज की गई है. यहां पहली लहर में 66 और दूसरी लहर में 79 डॉक्टरों की मौत हुई है.

डॉ. लेले ने कहा, लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में डॉक्टरों की मौत हुई है. हम सभी को Covid19 उचित व्यवहार अपनाना चाहिए और सामाजिक दूरी बनाए रखनी चाहिए.

केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में जहां दूसरी लहर में सबसे अधिक Covid19 मामले सामने आए हैं, वहां भी डॉक्टरों की मौत हुई है. आंकड़ों के अनुसार कोरोना की दोनों लहरों में पश्चिम बंगाल में 144, महाराष्ट्र में 99 और केरल में 29 डॉक्टरों की मौत हुई है.

टीकाकरण के लिए मैनपावर देने की पेशकश
डॉ. लेले ने कहा, 'संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में मौतों के बावजूद डॉक्टर बिरादरी हमेशा सेवा प्रदान करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि आईएमए ने केंद्र सरकार को टीकाकरण के लिए मैनपावर देने की पेशकश की है.
डॉ. लेले ने कहा, 'हम जहां भी आवश्यक हो मैनपावर देने के लिए तैयार हैं. जैसा कि भारत सरकार टीकाकरण प्रक्रिया को तेज करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है, हम भी इस दिशा में मदद करने के लिए तैयार हैं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने अब तक 75,88,14,793 पहली डोज और 38,41,99,256 दूसरी डोज के साथ कुल 1,14,30,14,049 खुराकें दी हैं.

पढ़ें- कोरोना की दूसरी लहर में 730 डॉक्टरों की गई जान, टॉप-3 में बिहार, दिल्ली और यूपी
इस बीच आईएमए ने उन डॉक्टरों और नर्सों की रिहाई की मांग की है, जिन्हें हाल ही में महाराष्ट्र के अहमदनगर में कोविड आईसीयू में आग लगने की घटनाओं के बाद गिरफ्तार किया गया था. अहमदनगर में 12 कोविड रोगियों की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हो गए थे. 'आईएमए ने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए डॉक्टरों और नर्सों को बलि का बकरा नहीं माना जाना चाहिए.'

Last Updated : Nov 17, 2021, 7:35 PM IST
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