हिसार: हरियाणा पुलिस ने हिसार के शख्स की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन गेमिंग स्कैम (online gaming scam) का भंडाफोड़ किया है. कुछ दिन पहले हिसार के पटेल नगर निवासी चंद्रशेखर ने पुलिस को अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत दी थी. चंदरशेखर के मुताबिक उसने विन मनी नाम की एक मोबाइल गेमिंग ऐप में लाखों रुपए का निवेश किया, लेकिन उसे वो पैसा वापस नहीं मिला. चंद्रशेखर के मुताबिक इस कंपनी ने हजारों करोड़ रुपये का फ्रॉड किया है. पुलिस जांच में सामने आया है कि एक व्यक्ति के खाते से करीब 300 करोड़ रुपये का फ्रॉड लेनदेन हुआ है.
इस तरह बिछाया जाता है जाल: लोकेंद्र सिंह पुलिस अधीक्षक हिसार ने बताया कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां इन दिनों बहुत चल रही हैं. ऐसी कंपनियां अपने निवेशक को उच्च ब्याज दर जैसी योजनाओं का वादा करके आकर्षक करती हैं. जिन्हें आम तौर पर चिट फंड योजनाएं कहा जाता है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि ये लोग टेलीग्राम, वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. पॉपअप नोटिफिकेशन के माध्यम से ऑनलाइन गेम खेलने के लिए ये लोग किसी भी शख्स से संपर्क करते हैं, फिर वो शख्स को अपना नाम और कंपनी के बारे में बताकर ऐप को डाउनलोड करने का लालच देते हैं. मोबाइल ऐप डाउलोड करने का काम एक एंड्रॉयड लिंक चेन एप्लीकेशन के जरिेए होता है.
ऐसे करते हैं फ्रॉड: हिसार पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इस मोबाइल गेमिंग ऐप से जुड़ने के बाद लोगों को गेम खेलने के लिए उकसाया जाता है. ये लालच दिया जाता है कि अगर आप जीतो तो दोगुना पैसा मिलेगा. मान लीजिए आपने दस रुपये लगाकर लूडो गेम खेला है. गेमिंग ऐप वाले आपको इसमें जीता देंगे. क्योंकि सारा कंट्रोल उनके पास होता है. इससे आपका विश्वास ऐप में बढ़ेगा. इसके बाद आप किसी दूसरी गेम के लिए 50 रुपये अपनी जेब से लगाओगे. तो ऐप को संचालित करने वाले आपको फिर जीता देंगे. इस तरह से जैसे ही आप कोई बड़ी रकम लगाकर गेम खेलोगे. तो वो हार जाओगे और सारा पैसा ऐप संचालकों के पास चला जाएगा.
कमीशन का दिया जाता है लालच: हिसार पुलिस के मुताबिक इस तरह की ऐप को रेफरल कोड के माध्यम से जोड़ा जाता है. अगर आप किसी को ये ऐप रेफर करोगे तो आपको कमीशन मिलेगा. इससे बाकी लोग भी ऐप के जरिए जुड़ जाते हैं. इसके बाद मोबाइल ऐप से जुड़े लोगों को ऐप के वॉलेट में पैसे रखने पर 8% प्रति महीने के हिसाब से कमीशन दिया जाता है. जिसके लालच में आकर लोग वॉलेट में अपनी जमा पूंजी रख देते हैं.
लोगों को ऑफर दिया जाता है कि अगर लिंक के माध्यम से आप 1000 रुपए जमा करवाते हैं, तो तीन महीने तक 80 रुपये आपके खाते में आएंगे. ये लालच लोगों को विश्वास दिलाने के लिए दिया जाता है. इसके बाद लोगों को ज्यादा मुनाफे का लालच देकर कंपनी की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के लिए यूजर को आईडी और पासवर्ड दिया जाता है. जिसके बाद कंपनी की मोबाइल ऐप में VPA (Virtual Payment Address) और UPI (Unified Payment Interface) के माध्यम से रुपये डलवाते हैं. जिसका समय-2 पर कमीशन यूजर को मिलता रहता है. पैसा ज्यादा होने पर आईडी को ब्लॉक कर दिया जाता है.
इस तरह करते हैं प्रमोशन: देश में विन मनी जैसे ऐप का प्रचार टेलीग्राम और अलग-अलग वेबसाइट पर दिखाई देने वाले पॉपअप नोटिफिकेशन के माध्यम से किया जाता है. ये कंपनी यू-ट्यूब चैनल्स को पैसे देकर विज्ञापन जारी करवाती हैं. उन विज्ञापनों के माध्यम से ये कंपनियां अपनी ऐप का प्रमोशन करती हैं. विन मनी ऐप के जैसे ही RXCE, Mantrimaal, Ullumaal, WinzoPro, ColourPredicition जैसे भी अनको ऐप हैं. जो भारी लालच देकर धोखाधड़ी करते हैं. इस सभी ऐप्स को इनके एडिम्न द्वारा कंट्रोल किया जाता है और आखरी 30 सेकेंड रहने पर ऐप में हेरा फेरी कर देते हैं.
हिसार पुलिस की जांच के सामने आया कि शिकायतकर्ता द्वारा विन मनी ऐप में लगाए गए पैसे एक महाराष्ट्र स्थित बैंक अकाउंट में गए, फिर वहां से वो पैसे उड़ीसा स्थित बैंक अकाउंट में गए और अंत में धनराशि कोलकाता स्थित बैंक में एक संदिग्ध व्यक्ति के खाते में गई. संदिग्ध शख्स उस पैसे को 5-5 लाख रुपए करके जयपुर निवासी आकाश शर्मा के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करता है. फिर आकाश शर्मा उस धनराशि से Binance ऐप खरीद कर उस संदिग्ध के अकाउंट में वापस पैसे डाल देता है. जांच में सामने आया है कि आकाश शर्मा के जयपुर में अलग-अलग बैंकों में 13 अकाउंट हैं. आरोपी आकाश ने Binance ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपये की ट्रांजेक्शन इधर-उधर की हैं. आकाश शर्मा ने हाल में 10 लाख रुपये के USDT Coin संदिग्ध के अकाउंट में डाले थे. जिसके एवज में उसे 2500 रुपये का कमीशन मिला था.
हिसार पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक को जयपुर और दो को गुजरात से अरेस्ट किया गया है. इस पूरे फ्रॉड का कनेक्शन चीन और दुबई से भी जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. जनवरी 2022 से जून 2022 तक एक ही अकाउंट से 300 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुए हैं. शक है कि ये ट्रांजेक्शन टेरर फंडिंग से भी जुड़े हो सकते हैं.
क्या है USDT Coin? ये एक डिजिटल स्थिर मुद्रा है. जो संयुक्त राज्य डॉलर के लिए आंकी गई है. यूएसडी क्वाइन का प्रबंधन सेंटर नामक एक कंसोर्टियम द्वारा किया जाता है. इसमें क्रिप्टोकरेंसी, एक्सचेंज क्वाइनबेस और बिटक्वाइन जैसी कंपनी के निवेशक सदस्य शामिल हैं.
तीन आरोपी गिरफ्तार: मामले में हिसार पुलिस ने आकाश शर्मा समेत तीन को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आकाश से 3 लाख से ज्यादा रुपये का कैश बरामद किया है. साथ ही तीनों के अकाउंट में 1 करोड़ 38 लाख रुपये फ्रीज करवाए हैं. पुलिस के मुताबिक आकाश शर्मा USDT को ऑनलाइन खरीदता और बेचता है. जांच में पता चला है कि कुछ और लोग हैं, जो ये काम करते हैं अभी उनकी पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस जांच में सामने आया है कि इस पूरी प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले बैंक अकाउंट अक्सर किसी साधारण व्यक्ति को थोड़े पैसे का लालच देकर खुलवाए गए हैं. ये लोग उनके एटीएम, चेकबुक और इंटरनेट बैंकिंग सम्बंधित दस्तावेज ले लेते हैं. इसके अलावा बड़ी अमाउंट के बैंक खाते फर्म के नाम होते हैं. जिन्हें कुछ संदिग्ध दुबई और अलग-अलग देशों में बैठ संचालित करते हैं. इस पूरे घोटाले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
- पहला आरोपी जयपुर निवासी आकाश शर्मा
- दूसरा आरोपी गुजरात का रहने वाला सचिन गुड़ालिया
- तीसरा आरोपी अहमदाबाद की गजराज सोसाइटी का रहने वाला पिंटू राजपूत
पुलिस को जांच में पता चला है कि सचिन गुड़ालिया के बैंक अकाउंट से लगभग 300 करोड़ रुपए से अधिक का लेन देन हुआ है. ये पैसे अलग अलग राज्यों के बैंक खातों से घूम कर इसके खाते में आए हैं. सचिन गुड़ालिया एक साधारण व्यक्ति है. इसके बैंक का चेक किसी दूसरे व्यक्ति के पास है. जो चेक पिंटू राजपूत को देता है. पिंटू राजपूत उस चेक से कैश निकालता है. फिर उस कैश को तीसरे व्यक्ति के कहे अनुसार चिन्हित जगह पर रख देता है. वहां से चौथा शख्स कैश को उठाकर ले जाता है.