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पश्चिमोत्तर एवं मध्य भारत में लू जारी रहेगी, मानसून थोड़ा आगे बढ़ा - पंजाब मौसम न्यूज

पश्चिमोत्तर भारत एवं मध्य भारत मंगलवार को लू की चपेट में रहे तथा 46.6 डिग्री सेल्सियस के साथ उत्तर प्रदेश का बांदा सबसे गर्म स्थान रहा. शुक्रवार तक ऐसी गर्मी से किसी राहत के आसार नहीं हैं. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कम से कम 37 शहरों एवं नगरों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री के ऊपर रहा. इस बीच दक्षिण पश्चिम मानसून तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकाल एवं बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम एवं पश्चिम मध्य हिस्सों में आगे बढ़ा.

पश्चिमोत्तर एवं मध्य भारत में लू जारी रहेगी
पश्चिमोत्तर एवं मध्य भारत में लू जारी रहेगी
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Published : Jun 8, 2022, 7:29 AM IST

नई दिल्ली : पश्चिमोत्तर भारत एवं मध्य भारत मंगलवार को लू की चपेट में रहे तथा 46.6 डिग्री सेल्सियस के साथ उत्तर प्रदेश का बांदा सबसे गर्म स्थान रहा. शुक्रवार तक ऐसी गर्मी से किसी राहत के आसार नहीं हैं. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कम से कम 37 शहरों एवं नगरों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री के ऊपर रहा. इस बीच दक्षिण पश्चिम मानसून तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकाल एवं बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम एवं पश्चिम मध्य हिस्सों में आगे बढ़ा.

मानसून के कम से कम अगले एक सप्ताह में कमजोर रहने के आसार हैं और 15 जून के उपरांत उसके रफ्तार पकड़ने के बाद अच्छी वर्षा की संभावना है. दिल्ली के आधार स्टेशन, सफदरजंग स्थित वेधशाला, में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है. मौसम कार्यालय ने कहा कि अगले दो-तीन दिनों तक पश्चिमोत्तर एवं मध्य भारत में अधिकतम तामपान में किसी बड़े बदलाव की कोई गुजाइंश नहीं है तथा उसके बाद पारा दो से तीन डिग्री तक लुढक सकता है.

उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे इलाके पर पश्चिमी विक्षोभ : स्काईमेट वेदर के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे इलाके पर बना हुआ है. पूर्वी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश में निचले स्तरों पर बना हुआ है. पूर्वी उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवाती सर्कुलेशन से लेकर पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होते हुए तटीय आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है. चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है. इस वजह से इन क्षेत्रों में वर्षा हो सकती है.

पढ़ें: राजधानी दिल्ली में हीट वेव को लेकर येलो अलर्ट जारी, 43 डिग्री सेल्सियस को पार करेगा पारा

बढ़ सकती है मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में बारिश की गतिविधि: स्काईमेट वेदर के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून के पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय रहने और दक्षिण प्रायद्वीप पर कमजोर रहने की संभावना है. सिक्किम, देश के पूर्वोत्तर भाग और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. 8 जून को दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में बारिश की गतिविधि बढ़ सकती है. 8 जून को इन क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है.

विदर्भ और झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति : स्काईमेट वेदर के अनुसार, तमिलनाडु, पूर्वी भागों और बिहार के पूर्वोत्तर भागों, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप और तेलंगाना के एक या दो हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. मध्य महाराष्ट्र नहीं, गुजरात के पूर्वी हिस्सों, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में छिटपुट हल्की बारिश संभव है. दिल्ली के कुछ हिस्सों, पंजाब, उत्तराखंड, पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति बन सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाण-दिल्ली और पूर्वी मध्यप्रदेश में 7-9 जून के दौरान अलग अलग स्थानों पर लू की आशंका है. उसने कहा कि उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम मध्यप्रदेश में बुधवार को लू का अहसास हो सकता है जबकि अरब सागर से दक्षिण प्रायद्वीप भारत की ओर पछुआ हवा चलने के कारण कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में अगले पांच दिनों तक गरज के बौछारें/ आसमान में बिजली चमक सकती है.

नई दिल्ली : पश्चिमोत्तर भारत एवं मध्य भारत मंगलवार को लू की चपेट में रहे तथा 46.6 डिग्री सेल्सियस के साथ उत्तर प्रदेश का बांदा सबसे गर्म स्थान रहा. शुक्रवार तक ऐसी गर्मी से किसी राहत के आसार नहीं हैं. राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कम से कम 37 शहरों एवं नगरों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री के ऊपर रहा. इस बीच दक्षिण पश्चिम मानसून तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकाल एवं बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम एवं पश्चिम मध्य हिस्सों में आगे बढ़ा.

मानसून के कम से कम अगले एक सप्ताह में कमजोर रहने के आसार हैं और 15 जून के उपरांत उसके रफ्तार पकड़ने के बाद अच्छी वर्षा की संभावना है. दिल्ली के आधार स्टेशन, सफदरजंग स्थित वेधशाला, में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा है. मौसम कार्यालय ने कहा कि अगले दो-तीन दिनों तक पश्चिमोत्तर एवं मध्य भारत में अधिकतम तामपान में किसी बड़े बदलाव की कोई गुजाइंश नहीं है तथा उसके बाद पारा दो से तीन डिग्री तक लुढक सकता है.

उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे इलाके पर पश्चिमी विक्षोभ : स्काईमेट वेदर के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और उससे सटे इलाके पर बना हुआ है. पूर्वी राजस्थान और आसपास के क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश में निचले स्तरों पर बना हुआ है. पूर्वी उत्तर प्रदेश पर बने चक्रवाती सर्कुलेशन से लेकर पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होते हुए तटीय आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है. चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है. इस वजह से इन क्षेत्रों में वर्षा हो सकती है.

पढ़ें: राजधानी दिल्ली में हीट वेव को लेकर येलो अलर्ट जारी, 43 डिग्री सेल्सियस को पार करेगा पारा

बढ़ सकती है मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में बारिश की गतिविधि: स्काईमेट वेदर के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून के पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय रहने और दक्षिण प्रायद्वीप पर कमजोर रहने की संभावना है. सिक्किम, देश के पूर्वोत्तर भाग और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. केरल, तटीय कर्नाटक, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. 8 जून को दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में बारिश की गतिविधि बढ़ सकती है. 8 जून को इन क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है.

विदर्भ और झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति : स्काईमेट वेदर के अनुसार, तमिलनाडु, पूर्वी भागों और बिहार के पूर्वोत्तर भागों, कोंकण और गोवा के कुछ हिस्सों, तटीय आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप और तेलंगाना के एक या दो हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. मध्य महाराष्ट्र नहीं, गुजरात के पूर्वी हिस्सों, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में छिटपुट हल्की बारिश संभव है. दिल्ली के कुछ हिस्सों, पंजाब, उत्तराखंड, पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति बन सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि जम्मू संभाग, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाण-दिल्ली और पूर्वी मध्यप्रदेश में 7-9 जून के दौरान अलग अलग स्थानों पर लू की आशंका है. उसने कहा कि उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम मध्यप्रदेश में बुधवार को लू का अहसास हो सकता है जबकि अरब सागर से दक्षिण प्रायद्वीप भारत की ओर पछुआ हवा चलने के कारण कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में अगले पांच दिनों तक गरज के बौछारें/ आसमान में बिजली चमक सकती है.

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