हरिद्वार(उत्तराखंड): सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बदरीनाथ पर दिये गये विवादित बयान पर विरोध तेज हो गया है. सरकार के साथ संत भी अब स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से आहत दिखाई दे रहे हैं. हरिद्वार के साधु संतों में स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद उबाल है. हरिद्वार के संत समाज ने स्वामी प्रसाद मौर्य को विकृत मानसिकता वाला बताया है.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को सस्ती लोकप्रियता पाने का तरीका बताया है. श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा बौद्ध भी भगवान विष्णु के 10 वें अवतार थे. उन्होंने कहा भगवा हो रहे देश से यह लोग डर रहे हैं, जिसके कारण इस तरह की बयान बाजी कर रहे हैं. श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा उनके इस बयान से कुछ होने वाला नहीं है. अब लोग समझदार हो चुके हैं.
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी गर्व गिरी ने कहा स्वामी प्रसाद मौर्य असंतुलित मानसिकता वाले हैं. वह अपने घर को स्वच्छ रखने के बजाय परमपिता परमेश्वर के लिए अनाप-शनाप बयान बाजी करते हैं. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को खुला न छोड़ने की सलाह दी. यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा ऐसे लोग समाज के लिए घातक हो सकते हैं, इसलिए इन्हें खुला न छोड़ा जाये.
वहीं, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद गिरी काकी स्वामी प्रसाद मौर्य की मानसिक संतुलन ठीक नहीं है और वह पागल हो चुके हैं. उन्होंने कहा ये वो कुछ लोग हैं जो हिंदुस्तान में समुदाय विशेष को खुश करने के लिए इस तरह की बयानबाजी करते हैं. उन्होंने कहा ये लोग अपना मानसिक संतुलन हो चुके हैं, जिसके कारण यह लोग हिंदुओं का विरोध कर रहे हैं.
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क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बदरीनाथ धाम को लेकर विवादित बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा बदरीनाथ धाम की जांच कराई जाए तो वह एक बौद्ध मठ निकलेगा. स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये बयान ज्ञानवापी में हो रही जांच को लेकर दिया है. ज्ञानवापी में सर्वे को लेकर उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने इजाजत दे दी है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा हिंदुओं ने भी बौद्ध मठों के ऊपर मंदिर बनाये हैं. बदरीनाथ भी उनमें से एक है.पूर्व मंत्री ने उत्तराखंड के बदरीनाथ धाम मंदिर को भी 8वीं शताब्दी का मठ बताया.