नई दिल्ली : अपने लगातार 10वें स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अगले महीने 13,000-15,000 करोड़ रुपये के शुरुआती खर्च के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करने की घोषणा की. यह योजना पारंपरिक कौशल पर निर्भर उन लोगों के लिए जो नाई, बढ़ई, धोबी, लोहार, स्वर्णकार, राजमिस्त्री आदि का काम करते हैं. प्रतिष्ठित लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि सरकार पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए अगले महीने 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 'विश्वकर्मा योजना' शुरू करेगी. बजट 2023 में विश्वकर्मा योजना की घोषणा की गई थी.
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करना और उन्हें घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करना है. इसके परिणामस्वरूप ऐसे श्रमिकों, विशेष रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े समुदायों, महिलाओं, ट्रांसजेंडर और समाज के अन्य कमजोर वर्गों से संबंधित लोगों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा.
यह योजना सितंबर में विश्वकर्मा जयंती पर लॉन्च की जाएगी. विश्वकर्मा जयंती 17 सितंबर 2023 को है. इस बीच, लाल किले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने देश को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मैं अपने देश की माताओं, बहनों और बेटियों को उनकी क्षमता के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. पीएम ने कहा कि मैं हमारे परिवारजनों, हमारे किसानों, हमारे मजदूरों... हमारे पेशेवरों, चाहे वे वैज्ञानिक हों, इंजीनियर हों, नर्स हों, शिक्षक हों या प्रोफेसर हों, उनके प्रति हार्दिक सम्मान व्यक्त करता हूं. हर कोई मां भारती के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है.
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उन्होंने किसानों को उनके प्रयासों के लिए भी धन्यवाद दिया कि भारत कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है. लाल किले पर पहुंचने पर पीएम मोदी का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव गिरिधर अरामने और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने स्वागत किया. जैसे ही प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया, भारतीय वायु सेना के दो उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर मार्क-III ध्रुव द्वारा कार्यक्रम स्थल पर फूलों की वर्षा की गई.
(एएनआई)