कोडरमा: देश में भले ही बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसे कई स्लोगन दिए जाते हैं, जिससे कि बेटियों को आगे बढ़ाया जाए, लेकिन कहीं न कहीं ये बस नारे बनकर ही रह जाते हैं. समाज के युवा वर्ग की जिम्मेदारी बनती है कि वो इस सोच को आगे बढ़ाए. कुछ ऐसा ही किया है झारखंड की गुड़िया ने. वो रुढ़ीवादी सोच को तोड़कर आगे बढ़ी. कम उम्र में शादी करने के बदले उसने पढ़ाई को महत्व दिया. अहम बात यह रही कि उसके इस फैसले में उसका भाई हर कदम पर उसके साथ खड़ा रहा.
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15 साल की गुड़िया ने शादी से किया इंकार: बता दें कि 15 साल की कोडरमा के के डोमचांच प्रखंड स्थित काराखुट की रहने वाली गुड़िया की 12 मई को शादी होनी थी. लेकिन पढ़ने लिखने की तमन्ना और जिंदगी में आगे बढ़ने की चाहत रखने वाली गुड़िया ने अपनी शादी के खिलाफ परिजनों से बगावत कर दी और सत्यार्थी फाउंडेशन की मदद लेकर अपना बाल विवाह रूकवा दिया. इससे पहले गुड़िया के पिता ने गुड़िया की शादी तय कर दी थी. जिसके बाद आर्थिक तंगी और लड़के वालों के दबाव के कारण गुड़िया की मां ने उसकी शादी इसी 12 मई को करने का फैसला ले लिया था. लेकिन गुड़िया के फैसले के आगे परिवार के लोगों को भी झुकना पड़ा और अब उसके इस फैसले से उसकी मां भी खुश है.
भाई ने भी की मदद: गुड़िया को उसके भाई की भी मदद मिली. बहन की शादी के लिए पैसे जुटा रहे भाई को जब गुड़िया की ख्वाहिश का पता चला तो उसने शादी को रोककर बहन को पढ़ाने का फैसला लिया. फिलहाल गुड़िया की पढ़ाई के लिए सत्यार्थी फाउंडेशन ने बीड़ा उठाया है साथ ही उसके परिवार की हर संभव मदद की पेशकश भी की है. फाउंडेशन के कार्यकर्ता मनोज कुमार ने बताया कि जैसे ही गुड़िया के बाल विवाह तय होने की बात उन लोगों को पता चली संस्था के लोगों ने गुड़िया के परिवार के सदस्यों को समझाया और बाल विवाह को एक अभिशाप बताया जिसके बाद किसी तरह गुड़िया की शादी रूकवाई गई. इसके अलावा संस्था के द्वारा कई ऐसे परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की जा रही है जो कम उम्र में अपनी बेटी की शादी करना चाहते हैं.