हरिद्वार (उत्तराखंड): हर साल कांवड़ यात्रा के दौरान पड़ोसी राज्यों से करोड़ों की संख्या में कांवड़िए हरिद्वार में गंगा जल भरने आते हैं. पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान करीब 3 करोड़ 80 लाख कावड़िए हरिद्वार पहुंचे थे. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल पिछले साल की तुलना में और अधिक कांवड़िए हरिद्वार आ सकते हैं.
चार जुलाई से शुरू हो रही है कांवड़ यात्रा: सनातन धर्म में कांवड़ यात्रा का एक विशेष महत्व है. 4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो रहा है. ऐसे में 3 जुलाई से ही कांवड़ियों के हरिद्वार आने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. बड़ी संख्या में आने वाले कांवाड़ियों को देखते हुए क्या है प्रशासन की तैयारी. इस सीजन सरकार क्या कुछ नयी पहल करने जा रही है? पेश है इस खास रिपोर्ट में.
सावन में करोड़ों कांवड़िए पहुंचते हैं हरिद्वार: सावन का महीना भगवान शंकर का महीना माना जाता है. इस महीने जो भी भक्त भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, ऐसी मान्यता है. यही वजह है कि सावन के महीने में भोले बाबा के भक्त, कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं. मुख्य रूप से कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए हरिद्वार पहुंचकर गंगा जल भरते हैं और अपने गंतव्य को रवाना हो जाते हैं. कांवड़ यात्रा के इन 14 दिनों में करोड़ों की संख्या में कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं. ऐसे में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में प्रशासन के हाथ पांव फूल जाते हैं.
कांवड़ यात्रा के लिए हरिद्वार प्रशासन की तैयारी: यही वजह है कि प्रशासन कांवड़ यात्रा की तैयारियां पहले से ही शुरू कर देता है. ताकि कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराया जा सके. कांवड़ यात्रा के दौरान प्रदेश के पड़ोसी राज्यों, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और दिल्ली से बड़ी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार पहुंचते हैं. ऐसे में कई बार कांवाड़ियों की भीड़ से व्यवस्थाएं चरमरा जाती हैं. इसके चलते कांवाड़ियों को संभालना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. यही वजह है कि यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस कर्मचारियों की भी तैनाती की जाती है.
आस्था और श्रद्धा का संगम है कांवड़ मेला: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस बार कांवड़ यात्रा बेहद शानदार रहने वाली है. पिछले साल जो कांवड़ियों ने रिकॉर्ड दर्ज किया था, उससे अधिक कांवड़िए इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार पहुंचेंगे. कांवड़ यात्रा को लेकर हरिद्वार में लगने वाला मेला, अच्छा, सरल और सुगम होगा. हालांकि, कांवड़ यात्रा आस्था और श्रद्धा का मेला है और इसमें देश के तमाम हिस्सों से कांवड़िए आते हैं. लिहाजा कांवड़ मेला के लिए बजट की कमी नहीं होगी और सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित होंगी.
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पिछले साल से भव्य होगा इस बार कांवड़ियों का स्वागत: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले साल जिस तरह से कांवड़ियों का भव्य स्वागत किया गया था, इस साल उससे भी अच्छे तरीके से कांवड़ियों का स्वागत किया जाएगा. हालांकि, पिछले साल कांवड़ियों का स्वागत करने के साथ ही कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा की थी. ऐसे में इस साल और भव्य रूप से स्वागत होगा. कुल मिलाकर चार जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो रही है, जिसके मद्देनजर कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं. इसी क्रम में बीते दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर तमाम दिशा- निर्देश दिए थे.
कांवड़ियों को अपने साथ आईडी कार्ड लाना होगा अनिवार्य: कांवड़ यात्रा को लेकर कुछ दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय ने अन्य पड़ोसी राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में कांवड़ यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गयी थी. वहीं, कांवड़ यात्रा की तैयारियों के सवाल पर डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि सभी कांवड़ियों को अपने पास आईडी कार्ड रखना अनिवार्य होगा. हालांकि, पिछले साल दो साल बाद कांवड़ यात्रा हुई थी. जिसके चलते करीब तीन करोड़ 80 लाख कांवड़िए हरिद्वार आए थे. ऐसे में उम्मीद है कि इस साल भी पिछले साल की तरह ही तीन से चार करोड़ कांवड़िए हरिद्वार आ सकते हैं, जिसके दृष्टिगत तैयारियां की जा रही हैं.
कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे प्रतिबंधित नहीं, नियंत्रित होगा: डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिगत हरिद्वार में ही करीब 5000 पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे. इसके अलावा ऋषिकेश, नीलकंठ महादेव मंदिर और मुनि की रेती में अलग से फोर्स की तैनाती की जाएगी. इसके साथ ही पैरामिलिट्री फोर्सेस की 12 कंपनी मांगी गई हैं. साथ ही सभी राज्यों को ये जानकारी दी गई है कि सीसीटीवी से चप्पे चप्पे पर पुलिस की नजर रहेगी. ऐसे में हुड़दंग को किसी भी रूप में टॉलरेट नहीं किया जाएगा. यही नहीं, कांवड़ यात्रा में डीजे प्रतिबंधित नहीं होगा, बल्कि नियंत्रित होगा. साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि कांवड़ की हाइट 12 फुट से अधिक नहीं होगी.
कांवड़ यात्रा के मद्देनजर हरिद्वार में बढ़ाए जाएंगे डॉक्टर्स: कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में रोजाना लाखों की संख्या में कांवड़िए पहुंचते हैं. ऐसे में तमाम विभाग अपने अपने स्तर से व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग भी कांवड़ यात्रा के मद्देनजर हरिद्वार में डॉक्टरों की संख्या को बढ़ाने पर जोर दे रहा है. ताकि बड़ी संख्या में हरिद्वार आ रहे कांवड़ियों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिहाज से कोई दिक्कत ना हो. स्वाथ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि हरिद्वार में डॉक्टर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही 'यू कोट वी पे' योजना के तहत हरिद्वार जिले में तीन से चार स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को तैनात किया गया है. इनको भी कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों की सेवा में लगाया जाएगा.
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कांवड़ मेले के दौरान ड्रोन पर प्रतिबंध: कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा के मद्देनजर हरिद्वार जिला प्रशासन ने हर की पैड़ी और उसके आसपास के इलाकों में ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रतिबंधित क्षेत्र में हेलीकॉप्टर भी उड़ान नहीं भर सकेंगे. प्रशासन ने 4 से 17 जुलाई तक यह प्रतिबंध घोषित किया है. इस क्षेत्र में केवल सुरक्षा में लगे पुलिस-प्रशासन के ड्रोन निगरानी के लिए उड़ेंगे. हरिद्वार जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल ने कहा कि ऐसा सुरक्षा के मद्देनजर किया गया है.
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