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Kedarnath Yatra 2023: ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ मार्ग हुआ ध्वस्त, पैदल आवाजाही हुई बंद - ग्लेशियर टूटा

केदारनाथ पैदल मार्ग पर भैरव गदेरा में ग्लेशियर टूटने की घटना हुई है. ग्लेशियर टूटने से भैरव गदेरा वाले रास्ते का नामोनिशान मिट गया है. ग्लेशियर ने केदारनाथ के इस पैदल मार्ग की आवाजाही भी बंद कर दी है. ग्लेशियर द्वारा मचाई गई तबाही देखकर वहां काम कर रहे श्रमिक भी हैरान हैं.

Kedarnath Yatra 2023
केदारनाथ ग्लेशियर
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Published : Mar 21, 2023, 10:08 AM IST

Updated : Mar 21, 2023, 11:26 AM IST

ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ मार्ग हुआ ध्वस्त

उत्तराखंड: 25 अप्रैल से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होनी है. केदारनाथ यात्रा के लिए पैदल मार्ग को साफ किया जा रहा है. लेकिन मार्ग से बर्फ हटाने वाली टीमों को बहुत मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे ही वो लोग मार्ग साफ करके आगे बढ़ते हैं, तभी फिर ताजा बर्फबारी उनकी मेहनत पर पानी फेर देती है.

केदारनाथ यात्रा रूट पर टूटा ग्लेशियर: आज केदारनाथ पैदल मार्ग के भैरव गदेरा में ग्लेशियर टूटा है. ग्लेशियर टूटने से पैदल मार्ग का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया है. ग्लेशियर से मार्ग की तबाही देख वहां काम कर रहे श्रमिक भी हैरान हैं. ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग बंद हो गया है. केदारनाथ धाम में पिछले एक सप्ताह से लगातार बर्फबारी हो रही है. इस कारण पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं. वहीं श्रमिकों को पैदल मार्ग साफ करने में भी बड़ी दिक्कत पेश आ रही है. श्रमिक कामना कर रहे हैं कि बर्फबारी बंद हो तो वो काम को आगे बढ़ाएं.

ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ यात्रा रूट बंद: आज सुबह जब केदारनाथ धाम के लिए मार्ग से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने वाले श्रमिक आगे का काम करने के लिए पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. उन्होंने देखा कि जिस रास्ते को उन्होंने कड़ी मेहनत से बर्फ हटाकर श्रद्धालुओं की केदारनाथ यात्रा के लिए साफ किया था, वो आज गायब है. देखा तो पता चला कि यहां तो ग्लेशियर टूटा हुआ है. ग्लेशियर ने उनके बनाए रास्ते को पूरी तरह तबाह कर दिया है. जो रास्ता कल तक घोड़े-खच्चर और आम श्रद्धालुओं के जाने के लिए बहुत शानदार बन गया था, उसका आज वजूद ही मिट गया.
ये भी पढ़ें: Kedarnath Yatra: बर्फ'भारी' तैयारियों की राह में बना रोड़ा! तैयार रास्तों पर फिर जमी बर्फ

ग्लेशियर की चपेट में आई मार्ग की रेलिंग: इतना बड़ा ग्लेशियर टूटा है कि वो अपने साथ रास्ते को तो तोड़कर ले ही गया, लोहे की मजबूत रेलिंग भी कहां गायब हुई पता ही नहीं चल रहा है. अब उस रास्ते पर सिर्फ बर्फ के बड़े-बड़े गोले और बर्फ की खतरनाक ढलान दिख रही है. केदारनाथ मार्ग की ये हालत देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसे बनाने में अब कई दिन और मेहनत करनी पड़ेगी.

केदारनाथ में एक हफ्ते से हो रही बर्फबारी: बता दें कि केदारनाथ धाम में लगातार एक सप्ताह से बर्फबारी और बारिश हो रही है. गौरीकुंड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग के भैरव गदेरा और लिनचोली के पास ग्लेशियर टूटने से पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है. पैदल मार्ग पर सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है, जिससे आवाजाही करना भी मुश्किल हो रहा है. धाम में पुनर्निर्माण कार्यों को शुरू करने के लिए निर्माण दायी संस्थाओं के 200 के करीब मजदूर डेढ़ सप्ताह पहले ही पहुंच गए थे. धाम में बर्फ को साफ करके निर्माण कार्य शुरू करने की कोशिश में जुटे थे. मगर एक सप्ताह से लगातार हो रही बर्फबारी के कारण मजदूरों के सामने निर्माण कार्यों को शुरू करना मुश्किल हो गया. ऐसे में काफी संख्या में मजदूर सोनप्रयाग लौट आये हैं. कुछ मजदूर अभी भी धाम में बर्फ को साफ करने में जुटे हुए हैं.

पुनर्निर्माण कार्यों में आयी बाधा: केदारनाथ धाम में मौसम खुलने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार हो रही बर्फबारी के कारण द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्यों को करना मुश्किल हो गया है. पिछले दिनों मजदूरों ने पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम तक बर्फ को हटा दिया था. जिसके बाद लगा था कि पुनर्निर्माण कार्यों को शुरू किया जा सकता है. लेकिन फिर से शुरू हुई बर्फबारी और बारिश के कारण निर्माण कार्य नहीं किये जा सकते हैं. खासकर बर्फबारी में सीमेंट वर्क किया जाना मुश्किल हो गया है. इसके अलावा अन्य तैयारियों पर भी ब्रेक लग गया है. मार्च महीने में भी धाम में जमकर बर्फबारी हो रही है.

डीएम ने क्या कहा: डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ यात्रा की तैयारियों में मौसम अड़चन पैदा कर रहा है. धाम में पिछले एक सप्ताह से बर्फबारी और बारिश जारी है. केदारनाथ पैदल मार्ग के दो जगहों पर ग्लेशियर टूटने से मार्ग को क्षति पहुंची है. इसके अलावा धाम में बर्फबारी होने से पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पा रहे हैं. केदारनाथ धाम ने फिर से बर्फ की चादर ओढ़ ली है. मौसम साफ होने के बाद बर्फ को हटाने का कार्य किया जाएगा. पुनर्निर्माण के कार्य भी तभी शुरू किए जायेंगे. फिलहाल, केदारनाथ हेलीपैड से मशीनों की मदद से बर्फ साफ करने का कार्य जारी है.

ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ मार्ग हुआ ध्वस्त

उत्तराखंड: 25 अप्रैल से केदारनाथ धाम की यात्रा शुरू होनी है. केदारनाथ यात्रा के लिए पैदल मार्ग को साफ किया जा रहा है. लेकिन मार्ग से बर्फ हटाने वाली टीमों को बहुत मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ रहा है. जैसे ही वो लोग मार्ग साफ करके आगे बढ़ते हैं, तभी फिर ताजा बर्फबारी उनकी मेहनत पर पानी फेर देती है.

केदारनाथ यात्रा रूट पर टूटा ग्लेशियर: आज केदारनाथ पैदल मार्ग के भैरव गदेरा में ग्लेशियर टूटा है. ग्लेशियर टूटने से पैदल मार्ग का एक बड़ा हिस्सा ध्वस्त हो गया है. ग्लेशियर से मार्ग की तबाही देख वहां काम कर रहे श्रमिक भी हैरान हैं. ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ जाने वाला पैदल मार्ग बंद हो गया है. केदारनाथ धाम में पिछले एक सप्ताह से लगातार बर्फबारी हो रही है. इस कारण पुनर्निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं. वहीं श्रमिकों को पैदल मार्ग साफ करने में भी बड़ी दिक्कत पेश आ रही है. श्रमिक कामना कर रहे हैं कि बर्फबारी बंद हो तो वो काम को आगे बढ़ाएं.

ग्लेशियर टूटने से केदारनाथ यात्रा रूट बंद: आज सुबह जब केदारनाथ धाम के लिए मार्ग से बर्फ हटाकर रास्ता बनाने वाले श्रमिक आगे का काम करने के लिए पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. उन्होंने देखा कि जिस रास्ते को उन्होंने कड़ी मेहनत से बर्फ हटाकर श्रद्धालुओं की केदारनाथ यात्रा के लिए साफ किया था, वो आज गायब है. देखा तो पता चला कि यहां तो ग्लेशियर टूटा हुआ है. ग्लेशियर ने उनके बनाए रास्ते को पूरी तरह तबाह कर दिया है. जो रास्ता कल तक घोड़े-खच्चर और आम श्रद्धालुओं के जाने के लिए बहुत शानदार बन गया था, उसका आज वजूद ही मिट गया.
ये भी पढ़ें: Kedarnath Yatra: बर्फ'भारी' तैयारियों की राह में बना रोड़ा! तैयार रास्तों पर फिर जमी बर्फ

ग्लेशियर की चपेट में आई मार्ग की रेलिंग: इतना बड़ा ग्लेशियर टूटा है कि वो अपने साथ रास्ते को तो तोड़कर ले ही गया, लोहे की मजबूत रेलिंग भी कहां गायब हुई पता ही नहीं चल रहा है. अब उस रास्ते पर सिर्फ बर्फ के बड़े-बड़े गोले और बर्फ की खतरनाक ढलान दिख रही है. केदारनाथ मार्ग की ये हालत देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इसे बनाने में अब कई दिन और मेहनत करनी पड़ेगी.

केदारनाथ में एक हफ्ते से हो रही बर्फबारी: बता दें कि केदारनाथ धाम में लगातार एक सप्ताह से बर्फबारी और बारिश हो रही है. गौरीकुंड-केदारनाथ 18 किमी पैदल मार्ग के भैरव गदेरा और लिनचोली के पास ग्लेशियर टूटने से पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया है. पैदल मार्ग पर सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है, जिससे आवाजाही करना भी मुश्किल हो रहा है. धाम में पुनर्निर्माण कार्यों को शुरू करने के लिए निर्माण दायी संस्थाओं के 200 के करीब मजदूर डेढ़ सप्ताह पहले ही पहुंच गए थे. धाम में बर्फ को साफ करके निर्माण कार्य शुरू करने की कोशिश में जुटे थे. मगर एक सप्ताह से लगातार हो रही बर्फबारी के कारण मजदूरों के सामने निर्माण कार्यों को शुरू करना मुश्किल हो गया. ऐसे में काफी संख्या में मजदूर सोनप्रयाग लौट आये हैं. कुछ मजदूर अभी भी धाम में बर्फ को साफ करने में जुटे हुए हैं.

पुनर्निर्माण कार्यों में आयी बाधा: केदारनाथ धाम में मौसम खुलने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार हो रही बर्फबारी के कारण द्वितीय चरण के पुनर्निर्माण कार्यों को करना मुश्किल हो गया है. पिछले दिनों मजदूरों ने पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम तक बर्फ को हटा दिया था. जिसके बाद लगा था कि पुनर्निर्माण कार्यों को शुरू किया जा सकता है. लेकिन फिर से शुरू हुई बर्फबारी और बारिश के कारण निर्माण कार्य नहीं किये जा सकते हैं. खासकर बर्फबारी में सीमेंट वर्क किया जाना मुश्किल हो गया है. इसके अलावा अन्य तैयारियों पर भी ब्रेक लग गया है. मार्च महीने में भी धाम में जमकर बर्फबारी हो रही है.

डीएम ने क्या कहा: डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ यात्रा की तैयारियों में मौसम अड़चन पैदा कर रहा है. धाम में पिछले एक सप्ताह से बर्फबारी और बारिश जारी है. केदारनाथ पैदल मार्ग के दो जगहों पर ग्लेशियर टूटने से मार्ग को क्षति पहुंची है. इसके अलावा धाम में बर्फबारी होने से पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू नहीं हो पा रहे हैं. केदारनाथ धाम ने फिर से बर्फ की चादर ओढ़ ली है. मौसम साफ होने के बाद बर्फ को हटाने का कार्य किया जाएगा. पुनर्निर्माण के कार्य भी तभी शुरू किए जायेंगे. फिलहाल, केदारनाथ हेलीपैड से मशीनों की मदद से बर्फ साफ करने का कार्य जारी है.

Last Updated : Mar 21, 2023, 11:26 AM IST
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