नई दिल्ली: कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने आज कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. जी-23 में शामिल रहे आजाद ने 5 पन्नों का एक लेटर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है. इस लेटर में उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने से छोड़ने तक के सफर के बारे में बताया है. इसके साथ ही उन्होंने वर्तमान कांग्रेस की कार्यशैली पर सवालिया निशान उठाए हैं.
1- गुलाम नबी आजाद ने अपने लेटर में राहुल गांधी को लेकर खासी नाराजगी जताई है. उन्होंने लिखा कि राहुल अपने आस-पास अनुभवहीन लोगों को रखते हैं और वरिष्ठ नेताओं को साइडलाइन कर दिया. राहुल गांधी पर पहले भी पार्ट टाइम पॉलिटिशियन होने के आरोप लगते रहे हैं. इससे पहले भी हार्दिक पटेल और हिमंत बिस्वा सरमा ने उन पर समय न देने का आरोप लगाया था.
2- गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को लिखा कि कांग्रेस ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चलाने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति ने इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है.
3- कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है, उसको लेकर आजाद ने लिखा है कि 'भारत जोड़ो यात्रा' शुरू करने से पहले पार्टी नेतृत्व को 'कांग्रेस जोड़ो यात्रा' शुरू करनी चाहिए.
4-दुर्भाग्य से राहुल गांधी के राजनीति में आने के बाद जब उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया था, उन्होंने कांग्रेस के कार्य करने के तौर-तरीकों को कर दिया. उन्होंने संपूर्ण सलाहकार तंत्र को ध्वस्त कर दिया. इसके साथ ही राहुल का प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया अध्यादेश फाड़ना उनकी अपरिवक्ता दिखाता है. इससे 2014 में हार का सामना करना पड़ा.
5- गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव न कराने को लेकर भी गांधी परिवार पर निशाना साधा है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि संगठन में किसी भी स्तर पर कहीं भी चुनाव नहीं हुआ.
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6-इसके साथ ही आजाद ने अपने पत्र में जी-23 मामले पर भी लिखा है. उन्होंने लिखा कि जी-23 के नेताओं ने कांग्रेस की कमजोरियां बताई तो उन सभी नेताओं को अपमानित किया गया.