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Hemkund Sahib Yatra 2023: गोविंदघाट से रवाना हुआ सिख तीर्थयात्रियों का पहला जत्था, कल खुलेंगे कपाट - सिक्ख श्रद्धालुओं का यह पहला जत्था

आज उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित गुरुद्वारा श्री गोविंदघाट से कड़ी पुलिस सुरक्षा और बैंड की धुन के साथ पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था श्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हो गया है. घांघरिया स्थित गुरुद्वारे में आज जत्था विश्राम करेगा. बता दें कि हेमकुंड में इस साल 8 फीट से अधिक बर्फ जमी है.

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Published : May 19, 2023, 12:46 PM IST

सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना

चमोली: आज पंच प्यारे की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था बैंड की मधुर ध्वनि के साथ गोविंदघाट से घांघरिया के लिए रवाना हो गया है. इससे पहले गोविंद घाट गुरुद्वारे में शबद कीर्तन, गुरु ग्रंथ साहिब का हुक्मनामा और अरदास की गई. इस वर्ष हेमकुंड साहिब में अधिक बर्फ होने के कारण हेमकुंड साहिब से 3 किलोमीटर नीचे से घोड़े खच्चर नहीं चलेंगे.

जत्थे का रात्रि विश्राम घांघरिया स्थित गुरुद्वारे में होगा. जिसके बाद कल 20 मई को यह जत्था हेमकुंड साहिब के लिए रवाना होगा. हेमकुंड साहिब के कपाटोद्घाटन से पूर्व लगभग 650 सिक्ख श्रद्धालुओं का यह पहला जत्था हेमकुंड साहिब पहुंच जाएगा. उसके बाद हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे.

श्रद्धालुओं के लिए ये होंगी शर्त: वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यात्रियों की संख्या सीमित रखी जाएगी. बीमार व्यक्ति और 60 वर्ष से अधिक उम्र और बच्चों के लिए फिलहाल यात्रा की मनाही है. यात्रा पर आने वाले सभी यात्री अपना पंजीकरण अवश्य कराएं.

ये है जत्थे की रूपरेखा: पहले जत्थे को सैकड़ों सिख यात्रियों के साथ रवाना किया गया. 2000 से अधिक सिख यात्री गोविंदघाट और घांघरिया पहुंच चुके. 20 मई को जत्था घांघरिया से हेमकुंड साहिब के लिए होगा रवाना. 20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट. हेमकुंड में इस साल 8 फीट से अधिक जमी है बर्फ. बर्फबारी के चलते हेमकुंड साहिब से 3 किमी नीचे से नहीं चलेंगे घोड़े खच्चर.
ये भी पढ़ें: Shani Jayanti 2023 : शनि जयंती पर बनेंगे राजयोग, इन राशियों पर तीन गुना होगी न्याय देवता की कृपा...

सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना

चमोली: आज पंच प्यारे की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था बैंड की मधुर ध्वनि के साथ गोविंदघाट से घांघरिया के लिए रवाना हो गया है. इससे पहले गोविंद घाट गुरुद्वारे में शबद कीर्तन, गुरु ग्रंथ साहिब का हुक्मनामा और अरदास की गई. इस वर्ष हेमकुंड साहिब में अधिक बर्फ होने के कारण हेमकुंड साहिब से 3 किलोमीटर नीचे से घोड़े खच्चर नहीं चलेंगे.

जत्थे का रात्रि विश्राम घांघरिया स्थित गुरुद्वारे में होगा. जिसके बाद कल 20 मई को यह जत्था हेमकुंड साहिब के लिए रवाना होगा. हेमकुंड साहिब के कपाटोद्घाटन से पूर्व लगभग 650 सिक्ख श्रद्धालुओं का यह पहला जत्था हेमकुंड साहिब पहुंच जाएगा. उसके बाद हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे.

श्रद्धालुओं के लिए ये होंगी शर्त: वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए यात्रियों की संख्या सीमित रखी जाएगी. बीमार व्यक्ति और 60 वर्ष से अधिक उम्र और बच्चों के लिए फिलहाल यात्रा की मनाही है. यात्रा पर आने वाले सभी यात्री अपना पंजीकरण अवश्य कराएं.

ये है जत्थे की रूपरेखा: पहले जत्थे को सैकड़ों सिख यात्रियों के साथ रवाना किया गया. 2000 से अधिक सिख यात्री गोविंदघाट और घांघरिया पहुंच चुके. 20 मई को जत्था घांघरिया से हेमकुंड साहिब के लिए होगा रवाना. 20 मई को खुलेंगे हेमकुंड साहिब के कपाट. हेमकुंड में इस साल 8 फीट से अधिक जमी है बर्फ. बर्फबारी के चलते हेमकुंड साहिब से 3 किमी नीचे से नहीं चलेंगे घोड़े खच्चर.
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