कोटद्वार (उत्तराखंड): ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) ऋषिकेश से कोटद्वार बेस अस्पताल के लिए ब्लड कंपोनेंट लेकर उड़ा ड्रोन कोटद्वार के जशोधपुर सिडकुल में यूकेलिप्टस के पेड़ों में फंसकर क्रैश हो गया. ड्रोन का कुछ हिस्सा अभी भी यूकेलिप्टस के पेड़ों में फंसा हुआ है, जिसे करीब 2 घंटे से निकाले जाने की कोशिश जारी है. मौके पर क्रेन की मदद से भी ड्रोन के शेष भाग का रेस्क्यू किया जा रहा है. अब किसी शख्स को पेड़ पर चढ़ाकर ड्रोन के शेष भाग को निकालने की कवायद चल रही है.
जानकारी के मुताबिक, सोमवार दोपहर 12:45 बजे एम्स ऋषिकेश से 25 किलो वजनी ड्रोन करीब 2 किलो वजन का ब्लड कंपोनेंट लेकर कोटद्वार बेस अस्पताल से लिए उड़ा था. लेकिन बेस अस्पताल से 14 किमी पहले ही ड्रोन करीब 2:15 बजे जशोधपुर सिडकुल में 25 से 30 फीट ऊंचे यूकेलिप्टस के पेड़ों में फंसकर क्रैश हो गया. ड्रोन क्रैश होने की जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी.
मौके पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी ली. जबकि ड्रोन का कुछ पार्ट यूकेलिप्टस के पेड़ों में ही फंसा हुआ है. शेष हिस्से को निकालने के लिए मौके पर क्रेन मंगाई गई. इसके बावजूद भी ड्रोन के शेष पार्ट का रेस्क्यू नहीं हो पाया है. करीब 2 घंटे से क्रेन की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है. पुलिस के मुताबिक, अब किसी शख्स को पेड़ में चढ़ाकर शेष भाग को निकाला जाएगा.
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पुलिस का कहना है कि ड्रोन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. अब ड्रोन को मरम्मत के लिए भेजा जाएगा. इससे पहले एम्स ऋषिकेश से ड्रोन की मदद से टिहरी के बौराड़ी अस्पताल में भी दवाइयां भेजी गई थी. गौरतलब है कि एम्स ऋषिकेश से कोटद्वार बेस अस्पताल के लिए ब्लड प्रोडक्ट ड्रोन के माध्यम से भेजने का ट्रायल किया गया. एम्स ऋषिकेश का मकसद है कि इस तरह से अस्पताल में भर्ती मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी. ड्रोन के माध्यम से ब्लड व दवाइयां कम समय में मरीजों तक पहुंचा सकेंगे.