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दलित भोजनमाता विवाद : केजरीवाल सरकार ने महिला को दिया नौकरी का प्रस्ताव

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Published : Dec 27, 2021, 12:29 AM IST

उत्तराखंड के चंपावत में भोजनमाता विवाद मामले में आम आदमी पार्टी ने बड़ा कदम उठाया है. दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अनुसूचित जाति की भोजनमाता को दिल्ली सरकार में नौकरी देने का प्रस्ताव दिया है.

Sukhidhang Bhojanmata controversy
दलित भोजनमाता विवाद

देहरादून : उत्तराखंड में सरकार को घेरने का एक भी मौका आम आदमी पार्टी (AAP) नहीं छोड़ रही है. चंपावत जिले के सुखीढांग स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में नियुक्त अनुसूचित जाति की भोजनमाता (Uttarakhand Bhojan mata controversy) को नौकरी से निकालने पर AAP ने धामी सरकार पर हमला बोला है. इतना ही नहीं आप नेता और दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अनुसूचित जाति की भोजनमाता को दिल्ली सरकार में नौकरी देने का प्रस्ताव भी दिया है.

दलित भोजनमाता विवाद में नया मोड़.

दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भोजनमाता प्रकरण पर धामी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सीएम धामी राज्य के लोगों को न्याय दिलाने में सक्षम नहीं हैं. उन्हें एक दलित महिला को नौकरी से निकालने पर राज्य के लोगों से माफी मांगनी चाहिए. वहीं, राजेंद्र पाल गौतन ने अनुसूचित जाति की महिला को दिल्ली सरकार में नौकरी देने का ऑफर भी दिया है.

क्या था मामला: चंपावत के सुखीढांग स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में अनुसूचित जाति की महिला को भोजनमाता नियुक्त (GIC Sukhidhang Bhojanmata appointment case) किए जाने के बाद छात्र-छात्राओं का भोजन करने से इनकार करने का मामला सामने आया था. जिसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जांच कर भोजनमाता की नियुक्ति को अवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था. जिसके बाद यह मामला खूब चर्चाओं में रहा.

फिर मामले में आया मोड़: उत्तराखंड के चंपावत जिले के सुखीढांग इंटर कॉलेज में भोजनमाता प्रकरण में फिर एक नया मोड़ तब आया. जब स्कूल के दलित छात्रों ने सवर्ण के हाथ से बना खाने से मना कर दिया है. हालांकि, पहले सवर्ण वर्ग के छात्रों ने दलित के हाथ से बने खाने को खाने से मना कर दिया था.

सीएम ने दिये थे जांच के आदेश: इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल के लेटर लिखे जाने के बाद अब मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है. मामले के तूल पकड़ने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे को मामले की जांच के आदेश दिए. साथ ही इस पूरे मामले पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए गये.

ये भी पढ़ें: तमिलनाडु ने 15 से 18 साल तक के किशोरों को कोविड रोधी टीका लगाने की तैयारी शुरू की

वहीं, कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने ईटीवी भारत को बताया कि उनके द्वारा इस पूरे प्रकरण की जांच कर ली गई है. उन्होंने कहा दोनों पक्षों से बातचीत कर गलतफहमियां खत्म करा दी गई हैं. वहीं, शनिवार से 31 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश के तहत विद्यालय बंद हो गया है. शिक्षा विभाग के अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं.

ये भी पढ़ें: लूट का पैसा अब दीवारों से निकल रहा है : योगी आदित्यनाथ

देहरादून : उत्तराखंड में सरकार को घेरने का एक भी मौका आम आदमी पार्टी (AAP) नहीं छोड़ रही है. चंपावत जिले के सुखीढांग स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में नियुक्त अनुसूचित जाति की भोजनमाता (Uttarakhand Bhojan mata controversy) को नौकरी से निकालने पर AAP ने धामी सरकार पर हमला बोला है. इतना ही नहीं आप नेता और दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने अनुसूचित जाति की भोजनमाता को दिल्ली सरकार में नौकरी देने का प्रस्ताव भी दिया है.

दलित भोजनमाता विवाद में नया मोड़.

दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने भोजनमाता प्रकरण पर धामी सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सीएम धामी राज्य के लोगों को न्याय दिलाने में सक्षम नहीं हैं. उन्हें एक दलित महिला को नौकरी से निकालने पर राज्य के लोगों से माफी मांगनी चाहिए. वहीं, राजेंद्र पाल गौतन ने अनुसूचित जाति की महिला को दिल्ली सरकार में नौकरी देने का ऑफर भी दिया है.

क्या था मामला: चंपावत के सुखीढांग स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में अनुसूचित जाति की महिला को भोजनमाता नियुक्त (GIC Sukhidhang Bhojanmata appointment case) किए जाने के बाद छात्र-छात्राओं का भोजन करने से इनकार करने का मामला सामने आया था. जिसके बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने जांच कर भोजनमाता की नियुक्ति को अवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था. जिसके बाद यह मामला खूब चर्चाओं में रहा.

फिर मामले में आया मोड़: उत्तराखंड के चंपावत जिले के सुखीढांग इंटर कॉलेज में भोजनमाता प्रकरण में फिर एक नया मोड़ तब आया. जब स्कूल के दलित छात्रों ने सवर्ण के हाथ से बना खाने से मना कर दिया है. हालांकि, पहले सवर्ण वर्ग के छात्रों ने दलित के हाथ से बने खाने को खाने से मना कर दिया था.

सीएम ने दिये थे जांच के आदेश: इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल के लेटर लिखे जाने के बाद अब मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है. मामले के तूल पकड़ने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुमाऊं डीआईजी नीलेश आनंद भरणे को मामले की जांच के आदेश दिए. साथ ही इस पूरे मामले पर दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए गये.

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वहीं, कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने ईटीवी भारत को बताया कि उनके द्वारा इस पूरे प्रकरण की जांच कर ली गई है. उन्होंने कहा दोनों पक्षों से बातचीत कर गलतफहमियां खत्म करा दी गई हैं. वहीं, शनिवार से 31 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश के तहत विद्यालय बंद हो गया है. शिक्षा विभाग के अधिकारी इस पूरे प्रकरण पर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं.

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