नैनीताल (उत्तराखंड): उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने के मामले पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 31 अगस्त की तिथि नियत की है. मामले में आज हरक सिंह रावत की तरफ से शपथपत्र पेश करने के लिए समय मांगा गया. जिस पर कोर्ट ने उन्हें समय देते हुए 31 अगस्त की तिथि नियत की है.
स्टिंग मामले में सुनवाई: मामले के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान कुछ लोगों ने उनके ऊपर झूठे आरोप लगाए. जिनकी वजह से उनकी सरकार गिर गई थी. राज्य सरकार ने इस पूरे प्रकरण की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करानी चाही. राज्य सरकार ने सीबीआई से कहा कि इसकी पहले प्राथमिक जांच कर लें. यदि तथ्य सही पाए जाते हैं तो उसके बाद इनकी गिरफ्तारी करें. लेकिन बाद में राज्य सरकार ने खुद ही अपना आदेश सीबीआई से वापस ले लिया.
हरीश रावत ने दिया ये तर्क: पूर्व सीएम हरीश रावत ने अपनी याचिका में आगे कहा कि जब राज्य सरकार ने सीबीआई से प्राथमिक जांच कराने का प्रार्थना पत्र वापस ले लिया है, तो उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. जो मामले स्टिंग प्रकरण से जुड़े हैं, उनका कोई महत्व नहीं रह जाता है. याचिका के अनुसार, उन्हें अभी भी बार-बार परेशान किया जा रहा है. जबकि उच्च न्यायालय ने इस प्रकरण में पहले से ही उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले CBI की एंट्री, शुरू हुई सियासी हलचल, हरक-हरीश की बढ़ेंगी मुश्किलें!