हरिद्वार: सनातन धर्म की रक्षा और संवर्धन के लिए धर्मनगरी हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में 17 से 19 दिसंबर तक तीन दिवसीय धर्म संसद संपन्न हुई. हरिद्वार धर्म संसद (Haridwar dharma sansad) के 4 दिन बाद अब सोशल मीडिया पर साधु-संतों द्वारा दिए गए बयानों से बवाल मचा हुआ है. सोशल मीडिया पर इन बयानों की निंदा की जा रही है. अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अमेरिका की पूर्व टेनिस खिलाड़ी मार्टिना नवरातिलोवा ने धर्म संसद का वीडियो ट्वीट किया है. जिसके बाद अब इस पर संतों की प्रतिक्रिया भी सामने आई हैं. संतों ने अपने बयानों को सही बताया है.
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि (Yeti Narasimhanand Giri controversial statement) की देखरेख में हुई हरिद्वार धर्म संसद में सैकड़ों की तादाद में संत और आम लोग शामिल हुए थे. जिन्होंने हिंदुत्व को बचाने के लिए अपने अपने विचार साझा किए थे. अब धर्म संसद के चार दिन बाद वो सभी बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. धर्म संसद के बयान बुधवार को ही सार्वजनिक हुए. यह एक बंद कमरे में होने वाला कार्यक्रम था. जिसके कारण ये बयान अब वायरल हो रहे हैं. धर्म संसद तीन दिवसीय कार्यक्रम था.
स्वामी आनंदस्वरूप अध्यक्ष शंकराचार्य परिषद ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि धर्म संसद में कई बातें की गई हैं. जिनमें से कई बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. जो बातें धर्म संसद में हुई हैं वह हिंदुओं की रक्षा और हिंदुत्व को बचाने के लिए कही गई हैं. संत समाज उन बातों पर डटा हुआ है. अगर धर्म संसद में अपने को मजबूत रखने के लिए घरों में हथियार रखने को कहा गया है तो इसमें कोई गलत बात नहीं है.
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सनातन धर्म की रक्षा व संवर्धन के लिए हुई तीन दिवसीय धर्म संसद के विषय में बताते हुए श्रीमहंत लोकेश दास ने कहा जिन बयानों को वायरल किया जा रहा है उनमें किसी भी संत ने कुछ गलत नहीं कहा है. हिंदुओं के देश में प्रथम अधिकार किसी भी गैर हिंदू को नहीं हो सकता है. उन्होंने कहा जो इस तरह की बात कह रहे हैं उसे गोली खाने का ही अधिकार है. यदि हिंदू अपनी रक्षा करने के लिए अपने घर में हथियार नहीं रखेंगे तो वह कैसे अपनी रक्षा कर पाएंगे.
मामले में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने वेद निकेतन धाम में 17-20 दिसंबर को आयोजित धर्म संसद के खिलाफ हरिद्वार में एसएचओ ज्वालापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने 24 घंटे में आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास एक वाद दायर करने की भी बात कही है.
वहीं, धर्म संसद में विवादित बयान के बढ़ते वबाल को देखते हुए उत्तराखंड पुलिस एक्शन में आ गई है. सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया है. हरिद्वार कोतवाली इंचार्ज राजेंद्र कठैत ने बताया ज्वालापुर के स्थानीय निवासी गुलबहार खान ने धर्मनगरी हरिद्वार में हुई धर्म संसद को लेकर तहरीर हरिद्वार कोतवाली में दी है. फिलहाल हमारे द्वारा मामले की जांच की जा रही है. जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है और विधिक कार्यवाही प्रचलित है। @ANI pic.twitter.com/0NLBwPqQhV
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बता दें धर्म संसद में वक्ताओं ने कथित तौर पर एक विशेष समुदाय के खिलाफ हिंसा की पैरवी की और 'हिंदू राष्ट्र' के लिए संघर्ष का आह्वान किया था. धर्म संसद में 500 के आसपास महामंडलेश्वर महंत थे और 700-800 अन्य संत थे. धर्म संसद में जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि, रुड़की के सागर सिंधुराज महाराज, संभवी धाम के आनंद स्वरूप महाराज, जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा मां, पटना के धर्मदास महाराज शामिल थे. इन सभी ने धर्म संसद में अपने विचारों को रखा.