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उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले CBI की एंट्री, शुरू हुई सियासी हलचल, हरक-हरीश की बढ़ेंगी मुश्किलें!

उत्तराखंड में साल 2016 के स्टिंग प्रकरण पर सीबीआई की सक्रियता एक तीर से कई निशाने जैसी है. वैसे तो ये एक स्वतंत्र जांच एजेंसी है, लेकिन सीबीआई का इस प्रकरण पर निगाह टेढ़ी करना हरिद्वार लोकसभा सीट पर कई तरह के नए समीकरण पैदा कर सकता है. हरीश और हरक सिंह समेत 4 नेताओं को सीबीआई के नोटिस कांग्रेस को सबसे ज्यादा खल रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस हरिद्वार सीट को खुद के लिए आगामी लोकसभा 2024 में सबसे मजबूत मान रही थी. अब इसी सीट पर पार्टी के दो सबसे मजबूत दावेदार सीबीआई जांच के कटघरे में है.

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उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले CBI की एंट्री
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Published : Jul 2, 2023, 4:31 PM IST

Updated : Jul 2, 2023, 8:19 PM IST

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले CBI की एंट्री

देहरादून (उत्तराखंड): आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों का गुणा भाग शुरू हो चुका है. उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कब्जा किया था, लेकिन आगामी 2024 के चुनाव के लिए कांग्रेस राज्य की कई सीटों पर जीत की उम्मीद रखे हुए हैं. इसमें कांग्रेस खुद को हरिद्वार लोकसभा सीट में सबसे मजबूत मान रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह पिछले विधानसभा चुनाव 2022 में हरिद्वार जिले में कांग्रेस की बेहतर स्थिति और 'भाजपा को झटका' कारण मानी जा रही है.

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भाजपा ने प्रचंड बहुमत पाया था, लेकिन हरिद्वार जिले में 11 सीट में से केवल 3 विधानसभा सीटों पर ही भाजपा जीत पाई थी, जबकि 5 विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थी. 2 सीटों पर बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) और एक सीट पर निर्दलीय की जीत हुई थी. यही समीकरण अब 2024 में कांग्रेस को हरिद्वार लोकसभा सीट से उम्मीद के रूप में दिख रहे हैं.

हरक सिंह और हरीश रावत की दावेदारी पर असर: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीबीआई ने 2016 के स्टिंग प्रकरण की फाइल खोल दी है. हरक सिंह और हरीश रावत समेत कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को भी नोटिस दिया है. 4 जुलाई को इन्हें कोर्ट में भी पेश होना है. फिलहाल यह नोटिस सीबीआई ने वॉयस सैंपल लेने के लिए दिया है. दूसरी तरफ हरीश रावत हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उधर, हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में वापसी करते ही हरिद्वार लोकसभा सीट पर दावा ठोकते हुए ताबड़तोड़ कार्यक्रम हरिद्वार लोकसभा सीट पर लगाएं हैं.

ये भी पढ़ेंः LokSabha Election 2024: हरिद्वार सीट के टिकट को लेकर कांग्रेस में बहस तेज, अनुकृति गुसाईं ने की हरक सिंह रावत की पैरवी

कांग्रेस को होगा नुकसान: इस तरह हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के दो दिग्गज चेहरे चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन इन दोनों ही नेताओं को सीबीआई ने नोटिस देकर जांच के पचड़े में डाल दिया है, क्योंकि मामला विधायकों की खरीद-फरोख्त और स्टिंग से जुड़ा है. ऐसे में सीबीआई की इस जांच के दौरान इन दोनों ही नेताओं की दावेदारी पर भी इसका सीधा असर पड़ सकता है. यही नहीं यह दोनों नेता सीबीआई की जांच में फंसकर अपनी तैयारी से भी भटक सकते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि क्योंकि यह दोनों ही नेता पार्टी के दिग्गज नेता हैं. ऐसे में उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी को भी इसका सीधा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

इस तरह देखा जाए तो सीबीआई की जांच आगे बढ़ने से इसका असर कांग्रेस की आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर पढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इसमें भी सबसे ज्यादा दिक्कतें हरिद्वार लोकसभा सीट पर खड़ी होती हुई दिखाई दे रही है. इन स्थितियों को देखते हुए कांग्रेस कहती है कि भाजपा सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है और लोकसभा चुनाव 2024 में हरिद्वार सीट पर कांग्रेस की मजबूती को देखते हुए ही सीबीआई को एक बार फिर इस जांच में धकेला गया है.

कांग्रेस बचाव में उतरी: सीबीआई की जांच के जरिए एक तीर से कई निशाने लग रहे हैं. एक तरफ इस पूरे मामले में हरीश रावत की घेराबंदी हो रही है तो दूसरी तरफ इस मामले को जन्म देने वाले हरक सिंह रावत भी भाजपा से कांग्रेस में ही आ चुके हैं. ऐसे में आरोप लगाने वाले और आरोप को झेलने वाले दोनों ही नेता कांग्रेस में ही हैं और यह दोनों ही नेता हरिद्वार लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं. इसका मतलब यह हुआ कि इस पूरे प्रकरण में पूरी तरह से कांग्रेस की ही घेराबंदी हो रही है और हरिद्वार लोकसभा सीट जाने अनजाने में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है. हालांकि, कांग्रेस अभी से अपने नेताओं का बचाव करने में जुट गई है. लेकिन पूर्व में हरक सिंह रावत ने भाजपा में रहते हुए जिस तरह के आरोप लगाए थे उसके चलते कांग्रेस का जनता के सामने इस पर तर्कपूर्ण जवाब रख पाना मुश्किल होगा.

ये भी पढ़ेंः Haridwar Lok Sabha Seat: हरीश रावत से हरिद्वार लोकसभा सीट छीनना चाहते हैं हरक, बोले- बड़ा भाई दे कुर्बानी

वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली कहते हैं कि सीबीआई ने जिस तरह से कई सालों बाद इस प्रकरण को खोला है, उससे लगता है कि भाजपा सीबीआई के जरिए कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी उलझन में डालना चाहती है.

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हरक-हरीश की बढ़ेंगी मुश्किलें!

भाजपा ने आरोपों का खंडन किया: इस मामले में कांग्रेस के ही तीसरे नेता मदन बिष्ट और स्टिंग करने वाले उमेश शर्मा भी हैं. चर्चा है कि निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा हरिद्वार लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सीबीआई की जांच के घेरे में आए उमेश कुमार के जरिए भाजपा का रास्ता हरिद्वार लोकसभा सीट पर और आसान हो सकता है. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं और सीबीआई के दुरुपयोग की बात कही है. लेकिन भाजपा ने आरोप का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि कांग्रेस ये आरोप स्टिंग प्रकरण में फंसने के बाद जवाब ना होने के कारण लगा रही है.

ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव 2024: टिहरी और अल्मोड़ा सीट पर BJP खेल सकती है नया दांव, इन दो नामों पर चर्चा

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले CBI की एंट्री

देहरादून (उत्तराखंड): आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों का गुणा भाग शुरू हो चुका है. उत्तराखंड की 5 लोकसभा सीटों पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कब्जा किया था, लेकिन आगामी 2024 के चुनाव के लिए कांग्रेस राज्य की कई सीटों पर जीत की उम्मीद रखे हुए हैं. इसमें कांग्रेस खुद को हरिद्वार लोकसभा सीट में सबसे मजबूत मान रही है. इसकी सबसे बड़ी वजह पिछले विधानसभा चुनाव 2022 में हरिद्वार जिले में कांग्रेस की बेहतर स्थिति और 'भाजपा को झटका' कारण मानी जा रही है.

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भाजपा ने प्रचंड बहुमत पाया था, लेकिन हरिद्वार जिले में 11 सीट में से केवल 3 विधानसभा सीटों पर ही भाजपा जीत पाई थी, जबकि 5 विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती थी. 2 सीटों पर बहुजन समाजवादी पार्टी (बीएसपी) और एक सीट पर निर्दलीय की जीत हुई थी. यही समीकरण अब 2024 में कांग्रेस को हरिद्वार लोकसभा सीट से उम्मीद के रूप में दिख रहे हैं.

हरक सिंह और हरीश रावत की दावेदारी पर असर: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीबीआई ने 2016 के स्टिंग प्रकरण की फाइल खोल दी है. हरक सिंह और हरीश रावत समेत कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार को भी नोटिस दिया है. 4 जुलाई को इन्हें कोर्ट में भी पेश होना है. फिलहाल यह नोटिस सीबीआई ने वॉयस सैंपल लेने के लिए दिया है. दूसरी तरफ हरीश रावत हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. उधर, हरक सिंह रावत ने कांग्रेस में वापसी करते ही हरिद्वार लोकसभा सीट पर दावा ठोकते हुए ताबड़तोड़ कार्यक्रम हरिद्वार लोकसभा सीट पर लगाएं हैं.

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कांग्रेस को होगा नुकसान: इस तरह हरिद्वार लोकसभा सीट से कांग्रेस के दो दिग्गज चेहरे चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन इन दोनों ही नेताओं को सीबीआई ने नोटिस देकर जांच के पचड़े में डाल दिया है, क्योंकि मामला विधायकों की खरीद-फरोख्त और स्टिंग से जुड़ा है. ऐसे में सीबीआई की इस जांच के दौरान इन दोनों ही नेताओं की दावेदारी पर भी इसका सीधा असर पड़ सकता है. यही नहीं यह दोनों नेता सीबीआई की जांच में फंसकर अपनी तैयारी से भी भटक सकते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि क्योंकि यह दोनों ही नेता पार्टी के दिग्गज नेता हैं. ऐसे में उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी को भी इसका सीधा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

इस तरह देखा जाए तो सीबीआई की जांच आगे बढ़ने से इसका असर कांग्रेस की आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर पढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. इसमें भी सबसे ज्यादा दिक्कतें हरिद्वार लोकसभा सीट पर खड़ी होती हुई दिखाई दे रही है. इन स्थितियों को देखते हुए कांग्रेस कहती है कि भाजपा सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है और लोकसभा चुनाव 2024 में हरिद्वार सीट पर कांग्रेस की मजबूती को देखते हुए ही सीबीआई को एक बार फिर इस जांच में धकेला गया है.

कांग्रेस बचाव में उतरी: सीबीआई की जांच के जरिए एक तीर से कई निशाने लग रहे हैं. एक तरफ इस पूरे मामले में हरीश रावत की घेराबंदी हो रही है तो दूसरी तरफ इस मामले को जन्म देने वाले हरक सिंह रावत भी भाजपा से कांग्रेस में ही आ चुके हैं. ऐसे में आरोप लगाने वाले और आरोप को झेलने वाले दोनों ही नेता कांग्रेस में ही हैं और यह दोनों ही नेता हरिद्वार लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे हैं. इसका मतलब यह हुआ कि इस पूरे प्रकरण में पूरी तरह से कांग्रेस की ही घेराबंदी हो रही है और हरिद्वार लोकसभा सीट जाने अनजाने में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है. हालांकि, कांग्रेस अभी से अपने नेताओं का बचाव करने में जुट गई है. लेकिन पूर्व में हरक सिंह रावत ने भाजपा में रहते हुए जिस तरह के आरोप लगाए थे उसके चलते कांग्रेस का जनता के सामने इस पर तर्कपूर्ण जवाब रख पाना मुश्किल होगा.

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वरिष्ठ पत्रकार नीरज कोहली कहते हैं कि सीबीआई ने जिस तरह से कई सालों बाद इस प्रकरण को खोला है, उससे लगता है कि भाजपा सीबीआई के जरिए कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी उलझन में डालना चाहती है.

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हरक-हरीश की बढ़ेंगी मुश्किलें!

भाजपा ने आरोपों का खंडन किया: इस मामले में कांग्रेस के ही तीसरे नेता मदन बिष्ट और स्टिंग करने वाले उमेश शर्मा भी हैं. चर्चा है कि निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा हरिद्वार लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में सीबीआई की जांच के घेरे में आए उमेश कुमार के जरिए भाजपा का रास्ता हरिद्वार लोकसभा सीट पर और आसान हो सकता है. हालांकि, इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगा दिए हैं और सीबीआई के दुरुपयोग की बात कही है. लेकिन भाजपा ने आरोप का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि कांग्रेस ये आरोप स्टिंग प्रकरण में फंसने के बाद जवाब ना होने के कारण लगा रही है.

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Last Updated : Jul 2, 2023, 8:19 PM IST
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