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चीन सरकार ने बनाई थी गलवान हिंसा की पूरी योजना : अमेरिकी रिपोर्ट

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Published : Dec 2, 2020, 3:16 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 11:08 PM IST

लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसा पर एक शीर्ष अमेरिकी पैनल की रिपोर्ट सामने आई है. इसमें कहा गया है कि चीनी सरकार ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की मदद से इस घटना को अंजाम देने की योजना बनाई थी. इसके अनुसार बीजिंग ने अपने पड़ोसियों के खिलाफ जबरदस्त बहुपक्षीय अभियान चलाया. इसका मकसद जापान और भारत जैसे देशों में सैन्य या अर्धसैनिक बल के जवानों को उकसाना था.

गलवान घाटी हिंसा
गलवान घाटी हिंसा

वॉशिंगटन : अमेरिका के शीर्ष पैनल ने लद्दाख की गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के संबंध में अपनी रिपोर्ट जारी की है. बुधवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन सरकार ने गलवान घाटी की पूरी योजना बनाई थी. उसका उद्देश्य सुरक्षा बलों को भड़काना था.

अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग (USCC) की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ सबूतों से पता चलता है कि चीनी सरकार ने गलवान घाटी में हुई हिंसा की योजना बनाई थी. रिपोर्ट के मुताबिक योजना कार्यान्वयन के समय कुछ लोगों की मौत होने की भी आशंका थी.

शहीद जवान
शहीद जवान

बता दें कि गलवान में हुई हिंसा में 20 सैनिक शहीद हो गए थे. भारत के मुंहतोड़ जवाब के बाद चीन के 40 से अधिक सैनिकों के मारे जाने की खबरें भी सामने आई थीं. हालांकि, चीन ने आधिकारिक रूप से सैनिकों की मौत को स्वीकार नहीं किया.

इस घटना पर USCC ने अपनी रिपोर्ट को 'यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की 2020 की रिपोर्ट' शीर्षक से प्रकाशित किया है. ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के एक वरिष्ठ साथी तन्वी मदन का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, 'डॉ. मदन के अनुसार, यदि चीन का लक्ष्य भारत को अपनी सीमा के अंदर निर्माण कार्य से रोकना या भारत के अमेरिका की तरफ झुकाव पर चेतावनी देना था तो चीन का फैसला अप्रभावी रहा.'

बता दें कि गलवान घाटी की हिंसा के बाद दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच सैन्य, राजनयिक और अन्य स्तर पर वार्ता कर गतिरोध दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, इन सबके बीच भूतकाल की कुछ ऐसी घटनाएं हैं, जिससे कभी न भरा जा सकने वाला शून्य पैदा हो गया है. भारत सरकार ने गलवान हिंसा के बाद सख्त रुख अपनाया है.

गलवान हिंसा के बाद सरकार की प्रतिक्रिया

  • 20.06.2020 : भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के नियमों में बदलाव किया. इससे एलएसी पर तैनात कमांडरों को कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता दी गई.
  • 01.07.2020 : भारत ने चीन के खिलाफ आर्थिक आक्रमण का प्रयास किया. चीनी कंपनियों को भारतीय राजमार्ग परियोजनाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई, चीन, भारत में इन्वेस्ट नहीं कर सकेगा, चीन से आयात रोक दिया गया.
  • 29.06.2020 : भारत सरकार ने 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें ज्यादातर चीनी एप जैसे कि टिक टोक, यूसी ब्राउजर और वीचैट शामिल थे.
  • 02.09.2020 : भारत ने लोकप्रिय गेम पबजी (PUBG) सहित 118 चीन मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया.

कई दौर के संवाद के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर सहमति भी बनी थी.

भारत और चीन के बीच संकट को कम करने को पांच सूत्री सहमति

  • 10.09.2020 : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी ने तनाव को शांत करने के लिए दो घंटे तक एक महत्वपूर्ण बैठक की.
  • 11.09.2020 : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध के संबंध में पांच बिंदु पर सहमति हुई है, जिसमें सैनिकों का विघटन और तनाव कम करना शामिल है.

यह भी पढ़ें: हमारे जांबाजों ने दिया था चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में विगत 14-15 जून की दरम्यानी रात हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारतीय सेना के 20 जांबाज वीरगति को प्राप्त हुए थे. इस झड़प में 45 चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात भी सामने आई थी, हालांकि चीन ने इसे स्वीकार नहीं किया था. बाद में चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात मानी, लेकिन संख्या नहीं बताई. इस घटना की जड़ में चीन की सेना-पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की धूर्तता रही थी.

वॉशिंगटन : अमेरिका के शीर्ष पैनल ने लद्दाख की गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष के संबंध में अपनी रिपोर्ट जारी की है. बुधवार को जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन सरकार ने गलवान घाटी की पूरी योजना बनाई थी. उसका उद्देश्य सुरक्षा बलों को भड़काना था.

अमेरिका-चीन आर्थिक और सुरक्षा समीक्षा आयोग (USCC) की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ सबूतों से पता चलता है कि चीनी सरकार ने गलवान घाटी में हुई हिंसा की योजना बनाई थी. रिपोर्ट के मुताबिक योजना कार्यान्वयन के समय कुछ लोगों की मौत होने की भी आशंका थी.

शहीद जवान
शहीद जवान

बता दें कि गलवान में हुई हिंसा में 20 सैनिक शहीद हो गए थे. भारत के मुंहतोड़ जवाब के बाद चीन के 40 से अधिक सैनिकों के मारे जाने की खबरें भी सामने आई थीं. हालांकि, चीन ने आधिकारिक रूप से सैनिकों की मौत को स्वीकार नहीं किया.

इस घटना पर USCC ने अपनी रिपोर्ट को 'यूएस-चाइना इकोनॉमिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की 2020 की रिपोर्ट' शीर्षक से प्रकाशित किया है. ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन के एक वरिष्ठ साथी तन्वी मदन का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है, 'डॉ. मदन के अनुसार, यदि चीन का लक्ष्य भारत को अपनी सीमा के अंदर निर्माण कार्य से रोकना या भारत के अमेरिका की तरफ झुकाव पर चेतावनी देना था तो चीन का फैसला अप्रभावी रहा.'

बता दें कि गलवान घाटी की हिंसा के बाद दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच सैन्य, राजनयिक और अन्य स्तर पर वार्ता कर गतिरोध दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि, इन सबके बीच भूतकाल की कुछ ऐसी घटनाएं हैं, जिससे कभी न भरा जा सकने वाला शून्य पैदा हो गया है. भारत सरकार ने गलवान हिंसा के बाद सख्त रुख अपनाया है.

गलवान हिंसा के बाद सरकार की प्रतिक्रिया

  • 20.06.2020 : भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के नियमों में बदलाव किया. इससे एलएसी पर तैनात कमांडरों को कार्रवाई की पूरी स्वतंत्रता दी गई.
  • 01.07.2020 : भारत ने चीन के खिलाफ आर्थिक आक्रमण का प्रयास किया. चीनी कंपनियों को भारतीय राजमार्ग परियोजनाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई, चीन, भारत में इन्वेस्ट नहीं कर सकेगा, चीन से आयात रोक दिया गया.
  • 29.06.2020 : भारत सरकार ने 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसमें ज्यादातर चीनी एप जैसे कि टिक टोक, यूसी ब्राउजर और वीचैट शामिल थे.
  • 02.09.2020 : भारत ने लोकप्रिय गेम पबजी (PUBG) सहित 118 चीन मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया.

कई दौर के संवाद के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर सहमति भी बनी थी.

भारत और चीन के बीच संकट को कम करने को पांच सूत्री सहमति

  • 10.09.2020 : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी समकक्ष वांग यी ने तनाव को शांत करने के लिए दो घंटे तक एक महत्वपूर्ण बैठक की.
  • 11.09.2020 : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध के संबंध में पांच बिंदु पर सहमति हुई है, जिसमें सैनिकों का विघटन और तनाव कम करना शामिल है.

यह भी पढ़ें: हमारे जांबाजों ने दिया था चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में विगत 14-15 जून की दरम्यानी रात हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारतीय सेना के 20 जांबाज वीरगति को प्राप्त हुए थे. इस झड़प में 45 चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात भी सामने आई थी, हालांकि चीन ने इसे स्वीकार नहीं किया था. बाद में चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात मानी, लेकिन संख्या नहीं बताई. इस घटना की जड़ में चीन की सेना-पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की धूर्तता रही थी.

Last Updated : Dec 2, 2020, 11:08 PM IST
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