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निर्भया के दोषियों को शुक्रवार को तड़के फांसी, पवन की याचिका भी खारिज

निर्भया मामले के दोषी पवन गुप्ता ने उच्चतम न्यायालय में ताजा सुधारात्मक याचिका दायर की है. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. दिल्ली की अदालत ने कहा है कि दोषियों का कानूनी राहत पाने का कोई रास्ता नहीं बचा.

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Published : Mar 19, 2020, 7:54 AM IST

Updated : Mar 19, 2020, 11:36 PM IST

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नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कानूनी राहत पाने के लिए चारों दोषियों की किसी भी अदालत ने कोई याचिका लंबित नहीं है. निर्भया गैंगरेप एवं हत्या मामले के दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने आखिरी प्रयास के तहत उच्चतम न्यायालय में एक सुधारात्मक याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके साथ ही निर्भया के सभी दोषियों को फांसी होना तय माना जा रहा है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है।

मामले के चारों दोषियों में से तीन ने उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था और कहा था उनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है.

गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था. चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने दोषी पवन गुप्ता की उस समीक्षा याचिका को 31 जनवरी को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अदालत के उस फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी, जिसमें उसके नाबालिग होने के दावे को 20 जनवरी को खारिज कर दिया गया था.

पुनर्विचार याचिका न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने चैंबर में सुनवाई करके खारिज कर दी थी.

पवन के अधिवक्ता ए पी सिंह ने मंगलवार को सुधारात्मक याचिका दायर किए जाने की पुष्टि की.

दोषी मुकेश सिंह की याचिका को बुधवार को खारिज

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के चार में से एक दोषी मुकेश सिंह की याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया. इस याचिका में उसने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिनमें उसके इस दावे को खारिज किया गया था कि 16 दिसंबर 2012 को जब जुर्म हुआ तब वह दिल्ली में नहीं था.

न्यायमूर्ति ब्रृजेश सेठी ने कहा कि निचली अदालत के विस्तृत और तर्कपूर्ण आदेश में दखल देने का कोई आधार नहीं है.

उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि यह बताने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि इस मामले में मुकदमा किसी भी साक्ष्य को छिपाने के कारण प्रभावित हुआ.

पढ़ें- निर्भया केस : दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका को खारिज किया

उच्च न्यायालय ने मुकेश सिंह की याचिका खारिज करते हुए कहा, 'निचली अदालत की ओर से पारित किए गए आदेश में कोई झोल, अवैधता या अनियमितता नहीं है.'

निचली अदालत ने मंगलवार को उसकी याचिका को खारिज कर दिया था और बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा था कि उसके वकील को परामर्श दिया जाए.

पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था. चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी.

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में कानूनी राहत पाने के लिए चारों दोषियों की किसी भी अदालत ने कोई याचिका लंबित नहीं है. निर्भया गैंगरेप एवं हत्या मामले के दोषियों में से एक पवन गुप्ता ने आखिरी प्रयास के तहत उच्चतम न्यायालय में एक सुधारात्मक याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके साथ ही निर्भया के सभी दोषियों को फांसी होना तय माना जा रहा है.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेन्द्र राणा को सरकारी अभियोजक ने बताया कि दोषी अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता की दूसरी दया याचिका पर सुनवाई किए बिना उसे इस आधार पर खारिज कर दिया गया कि पहली दया याचिका पर सुनवाई की गई थी और यह अब सुनवाई के योग्य नहीं है।

मामले के चारों दोषियों में से तीन ने उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग करते हुए दिल्ली की एक अदालत का रुख किया था और कहा था उनमें से एक की दूसरी दया याचिका अब भी लंबित है.

गौरतलब है कि पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था. चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी.

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने दोषी पवन गुप्ता की उस समीक्षा याचिका को 31 जनवरी को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने अदालत के उस फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी, जिसमें उसके नाबालिग होने के दावे को 20 जनवरी को खारिज कर दिया गया था.

पुनर्विचार याचिका न्यायमूर्ति आर भानुमति, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना ने चैंबर में सुनवाई करके खारिज कर दी थी.

पवन के अधिवक्ता ए पी सिंह ने मंगलवार को सुधारात्मक याचिका दायर किए जाने की पुष्टि की.

दोषी मुकेश सिंह की याचिका को बुधवार को खारिज

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के चार में से एक दोषी मुकेश सिंह की याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया. इस याचिका में उसने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिनमें उसके इस दावे को खारिज किया गया था कि 16 दिसंबर 2012 को जब जुर्म हुआ तब वह दिल्ली में नहीं था.

न्यायमूर्ति ब्रृजेश सेठी ने कहा कि निचली अदालत के विस्तृत और तर्कपूर्ण आदेश में दखल देने का कोई आधार नहीं है.

उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि यह बताने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि इस मामले में मुकदमा किसी भी साक्ष्य को छिपाने के कारण प्रभावित हुआ.

पढ़ें- निर्भया केस : दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी मुकेश की याचिका को खारिज किया

उच्च न्यायालय ने मुकेश सिंह की याचिका खारिज करते हुए कहा, 'निचली अदालत की ओर से पारित किए गए आदेश में कोई झोल, अवैधता या अनियमितता नहीं है.'

निचली अदालत ने मंगलवार को उसकी याचिका को खारिज कर दिया था और बार काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा था कि उसके वकील को परामर्श दिया जाए.

पांच मार्च को एक निचली अदालत ने मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को फांसी देने के लिए नया मृत्यु वारंट जारी किया था. चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दी जाएगी.

Last Updated : Mar 19, 2020, 11:36 PM IST
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