नई दिल्ली : कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से करीब तीन महीने तक बंद रहने के बाद कल से देशभर में कुछ पाबंदियों के साथ धार्मिक स्थलों को खोला जा रहा है. इस दौरान धार्मिक स्थलों पर आने वाले भक्तों को सबसे ज्यादा सामाजिक दूरी के 'मंत्र' का पालन करना होगा.
कर्नाटक में मंदिर और मस्जिद जहां सोमवार से खुल रहे हैं वहीं चर्च आने वालों को 13 जून तक इंतजार करना होगा. चर्च ने अपने यहां पादरियों और अन्य लोगों को सामाजिक दूरी व कोरोना से जुड़े अन्य दिशानिर्देशों का श्रद्धालुओं से पालन सुनिश्चित कराने के लिये तैयार करने की खातिर समय लिया है.
देश में 25 मार्च से प्रभावी हुए पहले चरण के देशव्यापी बंद के कारण सभी धार्मिक स्थलों को बंद किया गया था और यह अब तक प्रभावी था.
केंद्र सरकार द्वारा जारी अनलॉक-1 के दिशानिर्देशों के मद्देजनर राज्य सरकारों ने भी आम लोगों के लिए धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दे दी है. इस दौरान मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी), क्या करना है और क्या नहीं, भक्तों और पुजारियों दोनों के लिए मास्क पहनने की अनिवार्यता समेत तापमान की जांच के साथ ही 10 साल से छोटे और 65 साल से बड़े लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध जैसे नियमों का पालन करना होगा.
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मंदिरों में चरणामृत या प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा, न ही भक्त मंदिर की घंटियों को बजा सकेंगे. विशेष पूजा-अर्चना पर भी पाबंदी रहेगी. मंदिर, मस्जिद और चर्चों में सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित कराने के लिए विशेष तौर पर स्थान चिन्हित किए गए हैं जहां लोग कतार में खड़े हो सकेंगे और अपनी बारी का इंतजार करेंगे.